देश का नम्बर एक अखबार पहाडोंकीगूँज: कमल टावरी
देश में लोकतंत्र के चार स्तम्भ है या यूं कहें कि लोकतंत्र की गाड़ी के चार पाहिये हैं सभी ठीक रहने पर लोकतंत्र मजबूत होगा जिसके लिए हमें काम करते रहना चाहिए , कमल टावरी
भारत में लोकतंत्र की स्थापना 75 वर्ष पहले हुई जिसके चार स्तम्ब हैं विधाईका का चेहरा संसद है, कार्यपालिका का चेहरा प्रधानमंत्री कार्यालय एंव न्यायपालिका का चेहरा सुप्रीम कोर्ट दिखाई देता है परंतु मीडिया को चौथे स्तंभ माना गया है परन्तु कोई चेहरा प्रेस के विग हाऊस अपने को परिक्रमा कर राज्यसभा, लोकसभा में पहुचाने तक सीमित रहे हैं।उन्होंने प्रेस के लिए संवैधानिक अधिकार दिलाने में अपने स्वार्थ के चलते रूचि नहीं दिखाई है देश मे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 से कोई प्रेस वार्ता नहीं बुलाकर अघोषित प्रेस पर इमरजेंसी लगाने का कार्य कर लोकतंत्र में नई परंपरा का पिछला कार्यकाल पूर्ण किया है। प्रेस के 4,5 फोलियो के बड़े अखबारों में विश्व के सबसे बड़े बहुद्देश्यीय टिहरी बांध प्रभावित प्रतापनगर के सहयोग लेने के बाद वहां की जनता को इच्छा शक्ति के अभाव से 16वीं सदी में जीने के लिए मजबूर होने के लिए और पलायन करने में सक्षम टिहरी बांध बना है।टिहरी बांध से प्रभावित की समस्याओं को बड़े अखबारों ने हमारी संस्कृति को विकृत करने का काम करने की कोशिश कर हमारे आंदोलन में प्रतापनगर की सच्चाई पर परदा डाला ।और वहाँ की खबरों की सच्चाई प्रकाशित करने में नहीं कोई रुचि दिखाई है।तब हमने आंदोलन को धार देने के लिए अपनी 4 बीघे खड्ग माफी श्याम पुर ऋषिकेश की जमीन बेचकर पैन्यूली जी संदेश मासिक पत्रिका का शुभारम्भ 27 नवम्बर 2005 को करने के 59 बाद 26 जनवरी2006 सेआंदोलन प्रारम्भ हुआ है। इसके बाद2007 से पहाडोंकीगूँज मासिक पत्रिका ऒर 19 फरवरी2011 से पहाडोंकीगूँज राष्ट्रीय साप्ताहिक समाचार पत्र प्रकाशित करने के साथ साथ प्रदेश में रोजगार बढ़ाने के लिए श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर कर्मचारियों की समस्याओं एवं वहां की व्यवस्था सुधारने के लिए यात्रियों को टुकन व्यबस्था लागू करने से यात्रा में बढ़ोतरी हुई।इसके साथ साथ पत्रकारों की समस्याओं और सोइयल मीडिया को बढ़ावा देने के लिए (हमने अपने 28 फरवरी2013 के अंक में व्यबस्था सुधारने के लिए खबर प्रकाशित कर 15 16 जून के बाद केदारनाथ मंदिर बन्द वहां की अव्यवस्था के चलते बन्द रहने बात कही थी)15, 16 जून केदारनाथ आपदा आने के बाद टेलीविजन चैनलों ने विज्ञापनों की लूट मचाने के बाद भी उत्तराखंड की छवि धूमिल कर उत्तराखंड को 20 जून से अक्टूबर तक रोटी के लिए मोहताज कर दिया था। । जुलाई 2013 से अप्रैल2014 तक पत्रकारों की समस्याओं के साथ साथ सोसियल मीडिया बढ़वा देने के लिए अप्रैल 12014 में श्री राज्यपाल के साक्षात्कार के बाद काम कर 5,7 की जगह आज हजारों लोगों को रोजगार मिलने लगा है। इस वर्ष 11 सौ न्यूज पोर्टल वेब प्रदेश देश के विकास में भागीदारी करने के लिए सूचीबद्ध होना चाहते हैं ।चैनल माo विधायकों नेता प्रतिपक्ष विधानसभा सभा अध्यक्ष की संस्तुति पर कार्यवाही नहीं करने से लोकतंत्र को कमजोर करने का काम प्रदेश के नोकर शाह ने काम किया है। बैंकों में जनता की परेशानियों को देखते हुए ओoयफoसीo लाईन बिछाने के लिए अल्प प्रयास रहा है । बद्रीनाथ धाम की व्यवस्था और पत्रकारों को संवैधानिक अधिकार की व्यवस्था देने के लिए देश की प्रेस सरकार की कमियों पर मौन रही है तो अब तक देश में जनसरोकार के मुद्दे पर छोटे अखबारों ने क्रांतिकारी आंदोलन किये हैं।यह बात सरकार को लोकवित्त से वेतन पाने वाले अधिकारी नहीं समझा पारहे हैं। तब कोरोना काल मे अपने ऐतिहासिक गाँव के ऐतिहासिक आवास (हमारे मकान पंचायती चबूतरे ,इष्टदेव बटुकु भैरव मंदिर निर्माण में देश की सभी नदियों से लाई गई रेत ,बजरी का प्रयोग किया गया है वहां पर लिया गया निर्णय सफल होता है)पर 30 मई 2021से 5जून2021 तक मौनव्रत धरना प्रदर्शन किया ।जिसके फलस्वरूप 9,10 दिसम्बर2021 के अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा 110 देशों के प्रमुखों के वर्चुअल सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी जी कह कि पत्रकारों को हम अधिकार देकर सशक्त बनाना चाहते हैं । उसके बाद संसद में इस घोषणा पर हमारे मन्तरलायों ने संज्ञान नहीं लेने के चलते 4 जुलाई2022 में समाचार प्रकाशित करने के बाद माननीय सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है ।जहां नेसम्ल मंडेला ने स्वाभिमान से जीने के लिए 28 साल की सजा भोगी है वहीं इसके लिए 29 साल तक स्वाभिमान की लड़ाई लड़ने वाले पूर्व कर्नल, आई ए एस श्री कमल टॉवरी स्वामी श्री कमलानंद कुलपति सोसियल कार्यक्रम को बढाने के लिए मील का पत्थर हैं।
पत्रकारों को संवैधानिक अधिकार दिलाने के लिए हमारे विचारों एवं खबर से सहमत हैं ।उन्होंने टैलीफोन पर कहा है कि देश का पहला पत्रकार पैन्यूली एवं पहला समाचार पत्र पहाडोंकीगूँज होगया है ।उन्होंने और बरिष्ट पत्रकार द्वारिका प्रसाद उनियाल ने अपना बिचार आपलोगों ,एंव माननीय सुप्रीम कोर्ट न्यायालय के लिए दिया है। जीतमणि पैन्यूली संपादक का संदेश स्वस्थ जीवन ,स्वरोजगार से जीने के लिए काला धान, काला गेहूँ, कालीहल्दी ,काला अदरक, काला आलू ,का सेवन करने के घरों की छत पर सीमेंट के कटों पर काली हल्दी काला अदरक आलू लगा कर स्वस्थ रहें बीज के लिए जनकारी संपर्क वट्सप नम्बर 7983825336पर किजयेगा।