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खबरें पढें-MDयूपीसीएल विशेषज्ञों और निदेशक पूर्व आईएएस बजाज की चेतावनी का संज्ञान लेते तो बरवादी की ओर अग्रसर न होता

Pahado Ki Goonj

प्रेस वार्ता dt 25 अप्रैल2022

चौपता तुंगनाथ में स्थानीय लोगों को रोजगार देने के लिए 200 मीटर छेत्र केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग से हटाने के लिए 2 से3 बजे उत्तरांचल प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता में सभी छाया करो,प्रिंट ,लेक्ट्रॉनिक सोसियल मीडिया के प्रतिनिधि आने की कृपा करें।

निवेदक
जीतमणि पैन्यूली पूर्व संरक्षक श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति कर्मचारी संघ

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1344478575964589&id=100012073782300&sfnsn=wiwspwa

लताड़ की सफाई मीडिया को देकर पीठ थपथपाने के लिए प्रोटोकॉल को भी दिखाया ठेंगा

…बरवादी की ओर अग्रसर यूपीसीएल!

मँहगी बिजली खरीदना लापरवाही और षडयंत्र नहीं है!

क्यों किया गया विशेषज्ञों और एक्सटर्नल डायरेक्टर पूर्व आईएएस बजाज की चेतावनी को इग्नोर?

अपना कमीशन पक्का, तभी तो निगम को रोजाना 12 से 14 करोड़ का झटका

सीएस व सीएम चुस्त, ऊर्जा विभाग सुस्त!

देहरादून। विगत दिवस उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऊर्जा प्रदेश में गहराते बिजली संकट को लेकर जहाँ यूपीसीएल के एमडी व उनकी टीम को आडे़ हाथों लेते हुये फटकार लगाई और समय पर बिजली की व्यवस्था न करने को केवल लापरवाही समझ हल्के में ले, चेतावनी देते हुये कहा था कि उन्हें इस लापरवाही और नगण्यता के उत्तर दिया जाये। सीएम धामी का यह कदम व फटकार मीडिया व प्रिंट मीडिया की सुर्खियाँ भी खूव बना परंतु क्या यह सब पर्याप्त था? बावजूद इसके कि विगत करीब एक सप्ताह से देश भर के उद्योगपतियों और सत्ता के गलियारों में हो रही ऊर्जा प्रदेश की ऊर्जा की भारी कमी को लेकर हो रही बदनामी और अव्यवस्था के बारे में मुख्य सचिव आईएएस डा. सन्धू कई बार स्वयं एमडी यूपीसीएल के कारगर कदम उठाने के लिए भी आगाह करते रहे हैं, ऐसा भी बताया जा रहा है।

फिलहाल क्या इस गम्भीर गुस्ताखी के मात्र एक छोटी सी लापरवाही ही मान इतिश्री हो जानी चाहिए? क्या यही सच्चाई है जो दिखाई जा रही है? क्या इस षडयंत्र और साजिश का खुलासा नहीं होना चाहिए? क्या यूपीसीएल को बर्वाद करने के मुख्य साजिशकर्ता स्वार्थी एमडी को जानबूझ कर गम्भीर वित्तीय क्षति पहुँचाने के लिए वरखास्त नहीं किया जाना चाहिए?

क्या बजाए इसके कि मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को पहले वस्तुस्थिती से अवगत कराया जाता? निगम के हित को दृष्टिगत रखते हुये इनर्जी की समस्या के निदान व उठाये गये कदमों और प्रयासों को सीएम व सीएस के समक्ष पहले नहीं लाना चाहिए था?

क्या एमडी यूपीसीएल के द्वारा चुनिंदा मीडिया व प्रिंट मीडिया के साथ आज विशेष बिषयों पर प्रेस कान्फ्रेंस कर उसके समक्ष सफाई देने और अपनी वाहवाही के लिए तथा स्वयं को सही ठहरा कर पीठ थपथपाने वाला यह कदम सीएम व सीएस को आईना दिखाने वाला नहीं है? क्या इस प्रकार पीसी किया जाना प्रोटोकॉल को धत्ता बताने वाला कदम और दुस्साहस नहीं है?

ज्ञात हो कि दो दिन पूर्व ही सीएम धामी ने सचिवालय में एमडी यूपीसीएल व उनके अधिकारियों को प्रदेश में गहराये बिजली संकट और अव्यवस्था के दोषी मानते हुये जमकर फटकार लगाई थी तथा तत्काल समुचित व्यवस्था को उन्हें अवगत कराने के आदेश भी किए थे।

 

आज रविवार को ऊर्जा भवन में एमडी द्वारा एकाएक आयोजित चुनिंदा पत्रकारों की प्रेस कान्फ्रेंस आयोजित कर स्वयं को सही व सीएम एवं सीएस को जन साधारण में गलत ठहराने का जो दुस्साहस किया गया उसकी सर्वत्र निंदा हो रही है साथ ही सीएम व सीएस की कार्य क्षमता पर भी सबालिया निशान लग रहा है।
पत्रकार वार्ता में जिस तरह से आँकडों का खेल पत्रकारों को खाने के साथ परोसा गया उससे तो यही प्रतीत हो रहा है कि एमडी यूपीसीएल व उनकी वफादार व कार्यकुशल टीम सही है और सीएम की फटकार गलत थी तथा बिजली क्राईसेस समय से पहले असम्भावित रूप से एकाएक हो गयी साथ ही यूक्रेन व रूस की लडाई का सीधा असर भी केवल उत्तराखंड के यूपीसीएल पर ही पड़ा है, देश के अन्य ऊर्जा निगमों पर नहीं!

मजेदार तथ्य तो यह भी हैं यूपीसीएल एमडी द्वारा पत्रकारों के दिखाये जाने वाले प्रजेन्टेशन में जो तथ्य और आँकड़े दिखाये गये वे भी उसी प्रकार सत्यता और वास्तविकता से परे थे जैसा कि सीएम और सीएस को बता, गुमराह करने का प्रयास किया गया था।

सूत्रों की अगर यहाँ माने तो यूपीसीएल प्रबंधन ने नवंबर- दिसंबर 2021 में गैस आधारित विद्युत संयंत्रों को अप्रैल से जून तक बंद करने हेतु आग्रह किया था क्योंकि पिछले दो वर्षों की भांति एक्सचेंज में बाजारी दर कम होने से यह धारणा उत्पन्न हुई थी की बाजार से कम मूल्य पर ऊर्जा खरीद कर मितव्ययिता एवं बचत में वृद्धि की जाएगी।
जिसकी वजह से गैस आधारित संयंत्रों को फिक्स्ड कैपीटेशन चार्ज लगभग 36 करोड रुपए प्रतिमाह देना पड़ रहा है।
उल्लेखनीय तथ्य तो इस निगम के ढोंगी वफादारों की स्वार्थी नीतियों के चलते ही उत्तराखंड के गैस आधारित संयंत्र यदि स्वयं पावर देने से मना करते तो यूपीसीएल को भारी भरकम फिक्स चार्ज नहीं देना पड़ता और बाजार से ₹12 प्रति यूनिट की दर काफी सस्ती बिजली पीपीए के अनुसार उपलब्ध हो सकती थी, परंतु इनकी वफादारी और दयानतदारी तो उन्हीं के साथ थी।
यूपीसीएल प्रबंधन की ही सूझबूझ से ये आर्थिक क्षति की अनदेखी करते हुए गैस आधारित संयंत्र स्वामियों के हित का अधिक ध्यान रखा गया और माले मुफ्त, दिल बेरहम के कहावत को अपना काम बनता भाड़ में जाये जनता और जनधन के अंजाम दे दिया गया। एमडी यूपीसीएल और निदेशक (परिचालन) व कामर्शियल चीफ की इस वित्तीय अनियमितता के खामियाजा अनावश्यक रूप से प्रदेश की जनता व यूपीसीएल के स्टैक होल्डर्स के ही आने वाले समय में भुगतना पड़ेगा।

ज्ञात हो कि ग्रीष्मकाल के दृष्टिगत रखते हुये यूपीसीएल के कामर्शियल व आप्रेशन अनुभाग द्वारा हर साल पहले से ही ट्रिपल लेअर फूलप्रूफ प्लान तैयार किया जाता रहा है ताकि A, B, and C के अन्तर्गत पावर एक्सचेंज से ओपन मार्केट से सस्ती दरों के समय पावर परचेज अनुबंध करके सम्भावित डिमाण्ड के अनुसार इनर्जी सुरक्षित सुनिश्चित करें ले किन्तु एमडी यूपीसीएल व निदेशक (परिचालन) को न ही फुर्सत और न ही कोई रुचि थी फालतू में…?
वहीं दूसरी ओर प्लान ‘बी’ के तहत कोई निविदा भी प्रकाशित नहीं की गई जबकि इस तरह की प्लानिंग 6 से 8 माह पूर्व प्रायः कर दी जाती है। यूपीसीएल प्रबंधन के इस ओर कोई ध्यान न दिये जाने से और बोर्ड की बैठक में भी इस पर हुई विस्तृत चर्चा को बड़ी आसानी से नजर अंदाज कर दिया गया। बताया तो यह भी जा रहा है कि यूपीसीएल बोर्ड के एक सदस्य (पूर्व वरिष्ठआईएएस) जे एल बजाज एवं एक्सपर्ट कंसलटेंट ने आगाह भी किया था कि लगभग 45 से 46 एमयू तक बिजली की आवश्यकता पडे़गी, जिसकी व्यवस्था समय रहते ही कर ली जाए। परंतु ये जोड़ी तो अपने षडयंत्र को अंजाम देने और समस्या उत्पन्न होने तथा मांग बढ़ने की फिराक में थी ही। परिणामस्वरूप यूपीसीएल प्रबंधन की इस घोर लापरवाही के कारण 12 से 13 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीद कर उपभोक्ताओं को 5 से 6 रुपए प्रति यूनिट पर बेचकर प्रतिदिन लगभग ₹10 करोड़ प्रति दिन आर्थिक हानि झेलनी पड़ रही है। यही नहीं मानसून आने तक ये 400 से 500 करोड़ की क्षति झेलते झेलते यूपीसीएल बरबाद हो चुका होगा! क्योंकि….
Daily power position
(Apr 22) Demand
41 MU per day

Availability  PER DAY
1 UJVNL 10 MU
2 CENTRAL POOL 14.1 MU
3 SOLAR 0.97 MU
4 COGEN 0.65 MU
5 GVK 0.57 MU
6. GRRENKO 0.51 MU

TOTAL 26.80 MU

DEFICIT 14.20 MU

EXCHANGE 12 MU (@Rs 12 per unit = Rs 14.4 cr) PER DAY

POWER CUT 2.20 MU PER DAY(rural areas 6-7 hr, town 3-4 hr, industry 7-8 hr) (सुनील गुप्ता )

देखना यहाँ यह भी गौरतलब होगा कि उनकी इस धूर्तता भरी चालाकी व उदण्डता पर सीएम व सीएस क्या रुख अपनाते हैं और
भोंपू मीडिया किस तरह से जनता के समक्ष परोसता है?

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नई टिहरी। पंचायतों में बेहतर कार्य करने पर प्रतापनगर के

ब्लॉक प्रमुख प्रदीप चंद रमोला को मिला केन्द्र सरकार से दीन दयाल उपाध्यक्ष पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार। देहरादून में सूबे के पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज ने दिया सम्मान। शुभकामनाएं रमोला जी आए उनकी टीम को।

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 जनपद अध्यक्ष मंडल के पदाधिकारी प्रांतीय पदाधिकारी उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संघ उत्तराखंड सम्मानित क्रांतिकारी साथियों जैसा की आपको विदित है कि पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन एनएमओपीएस उत्तराखंड में विगत 4 वर्षों से 1 अक्टूबर 2005 के बाद नियुक्त अधिकारी कर्मचारी एवं शिक्षकों को पुरानी पेंशन दिए जाने के लिए लगातार आंदोलनरत और संघर्षरत है

और पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन एनएमओपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष  विजय कुमार बंधु प्रदेश अध्यक्ष  जीत मणि पैन्यूली एवं प्रदेश महामंत्री  मुकेश रतूड़ी जी के नेतृत्व में

लगातार पुरानी पेंशन बहाली के लिए समय-समय पर लोकतांत्रिक ढंग से विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर अपनी आवाज को बुलंद कर रहा है उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन उत्तराखंड द्वारा पूर्व में पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन

एनएमओपीएस के द्वारा जनपद अस्तर पर ब्लॉक स्तर पर एवं प्रदेश स्तर पर कोई भी कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा उसमें हमारे संगठन के समस्त पदाधिकारी एवं सदस्यगण पूर्ण मनोयोग के साथ या एम एन ओ पी एस के कार्यक्रम को सफल बनाएंगे और अपना पूर्ण समर्थन देंगे एनएमओपी यस राष्ट्रीय स्तर का संगठन है और श्री विजय कुमार बंधु जी के नेतृत्व में विभिन्न राज्यों में पुरानी पेंशन बहाली होने का क्रम शुरू हो गया है हम सब को एकजुट होकर सिर्फ यन यम ओ पी एस के कार्यक्रम में ही प्रतिभाग करना है

जिससे पुरानी पेंशन बहाली उत्तराखंड में एनएमओपीएस के बैनर तले सफल हो सके आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद प्रताप सिंह पवार प्रदेश अध्यक्ष पंचम सिंह बिष्ट प्रदेश महामंत्री उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन उत्तराखंड।

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: पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन एनएमओपीएस को उत्तराखंड के सभी 10 मान्यता प्राप्त महासंघों का एवं उनके समस्त घटक संघ जिनकी संख्या लगभग 60 से 70 के बीच है। उनका समर्थन लगातार मिल रहा है, पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन एनएमओपीएस उत्तराखंड के

अध्यक्ष  जीतमणि पैन्यूली ने एनएमओपीएस को समर्थन देने वाले समस्त महासंघ एवं उनके घटक संघों का हार्दिक आभार व्यक्त किया है और धन्यवाद दिया ,और उनसे अनुरोध किया है कि जिस प्रकार उत्तराखंड के सभी मान्यता प्राप्त कर्मचारी संगठन एनएमओपीएस को समर्थन दे रहे हैं, वह एनएमओपीएस के समस्त कार्यक्रमों में प्रतिभाग करेंगे क्योंकि एनएमओपीएस राष्ट्रीय स्तर का एक संगठन है जिसके राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री विजय कुमार बंधु हैं ,और एनएमओपीएस के संघर्ष एवं आंदोलन के परिणाम से भारतवर्ष के विभिन्न राज्यों में राजस्थान छत्तीसगढ़ पुरानी पेंशन बहाली शुरू हो चुकी है। और यह कर्म लगातार जारी रहेगा आने वाले दिनों में महाराष्ट्र पंजाब झारखंड में पुरानी पेंशन बहाली होने की पूर्ण उम्मीद है और उत्तराखंड में भी एनएमओपीएस लगातार अपने सभी  जनप्रतिनिधियों के संपर्क में है और शीघ्र अति शीघ्र उत्तराखंड में भी पुरानी पेंशन बहाल होगी इसके लिए सहयोग देने वाले समस्त महासंघ एवं घटक संघ बधाई के पात्र हैं उनका आभार है पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन जनपद स्तर पर ब्लॉक स्तर पर एवं प्रदेश स्तर पर पुनः लोकतांत्रिक ढंग से कार्यक्रम आयोजित करेगा और पुरानी पेंशन बहाली की आवाज को विधानसभा सदन के अंदर एवं सड़क पर बुलंद करेगा पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन के प्रदेश महामंत्री  मुकेश रतूड़ी प्रदेश कोषाध्यक्ष  शांतनु शर्मा चेयरमैन संघर्ष समिति  जगमोहन सिंह रावत प्रदेश मीडिया प्रभारी  मनोज अवस्थी प्रदेश प्रवक्ता सुरेश सिंह पवार ,प्रचार प्रसार हर्षवर्धन जमलोकी, हेमलता कजारिया चेतन कोठारी, प्रवेश सेमवाल, प्रवेश उनियाल ,श्रीमती मनीषा कांडपाल ,प्रेमलता गुसाईं आदि अनेक पदाधिकारी निरंतर संगठन को मजबूत करने पर और पुरानी पेंशन बहाली के लिए दिन-रात संघर्ष कर रहे हैं
पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन उत्तराखंड को समर्थन देने वाले महासंघ
1 उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति
 शक्ति प्रसाद भट्ट अध्यक्ष ,पूर्णानंद नौटियाल महासचिव
2 उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ ,इंजीनियर एसएस चौहान प्रांतीय अध्यक्ष ,इंजीनियर मुकेश रतूड़ी, प्रांतीय महासचिव
3 उत्तराखंड पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन  प्रताप सिंह पवार प्रांतीय अध्यक्ष,  पंचम सिंह बिष्ट प्रांतीय महासचिव
4 राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तराखंड  अरुण पांडे प्रांतीय अध्यक्ष,  शक्ति प्रसाद भट्ट प्रांतीय महासचिव
5. उत्तराखंड फेडरेशन ऑफ मिनिस्ट्रियल सर्विसेज  सुनील दत्त कोठारी प्रांतीय अध्यक्ष,  पूर्णानंद नौटियाल प्रांतीय महासचिव
6. व्यक्तिक अधिकारी व्यक्तिक सहायक महासंघ एसोसिएशन उत्तराखंड  विक्रम सिंह नेगी प्रांतीय अध्यक्ष
7. राजकीय वाहन चालक महासंघ उत्तराखंड  अनंत राम शर्मा प्रांतीय अध्यक्ष  संदीप मौर्य प्रांतीय महासचिव
8. चतुर्थवर्गीय कर्मचारी महासंघ उत्तराखंड  नाजिम सिद्दीकी प्रांतीय अध्यक्ष , हरकेश भारती प्रांतीय महासचिव
9.इंजीनियरिंग ड्राइंग फेडरेशन सर्विसेज एसोसिएशन उत्तराखंड  निशंक सिरोही प्रांतीय अध्यक्ष,  विवेक रतूड़ी प्रांतीय महासचिव
10. सिंचाई विभाग कर्मचारी महासंघ उत्तराखंड  पूर्णानंद नौटियाल प्रांतीय अध्यक्ष , राकेश सिंह रावत प्रांतीय महासचिव
11. उत्तराखंड निगम अधिकारी कर्मचारी महासंघ  दिनेश गोसाई प्रांतीय अध्यक्ष,  बीएस रावत प्रांतीय महासचिव
एनएमओपीएस उत्तराखंड के बैनर तले 15 नवंबर 2021 को परेड ग्राउंड से सचिवालय चलो अब तक की कर्मचारियों के इतिहास की सबसे बड़ी रैली आयोजित की गई थी ।और निकट भविष्य में प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक कर सभी 10 महासंघ के साथ समन्वय स्थापित कर पुरानी पेंशन बहाली के जाने के लिए जागरण कार्यक्रम एवं अन्य धरना प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे और पुरानी पेंशन बहाली होने तक उत्तराखंड अपना संघर्ष जारी रखेगा।

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देहरादून,
उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी की एक बैठक पार्टी कार्यालय रिस्पना आई इस बी टी हरिद्वार बाई पास रोड में हुई.जिसमे केंद्रीय कमेटी के निर्देश पर देहरादून जिले के लिए उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के जिला अध्यक्ष पद के लिए

प्रतीक बहुगुणा जी को तथा जिला महासचिव के पद के लिए श्री सी पी शर्मा जी को मनोनित किया गया है साथ ही पार्टी द्वारा निर्णय लिया गया है

की पार्टी का जिलास्तरीय सम्मेलन भी शीघ्र किया जायेगा जिसमे विधिवत रूप से जिलास्तरीय कार्य कारिनी का विधिवत विस्तार किया जायेगा. पार्टी द्वारा एक युवा चेहरे को

जिलाध्यक्ष मनोनित करने के साथ साथ यह निर्णय लिया गया है की उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी एक नई विचारधारा के साथ प्रदेश की विभिन्न जन समस्याओं को शासन और प्रशासन के समक्ष रखा जाएगा, पार्टी को जिलास्तर पर और मजबूत करने के लिए जनसंपर्क और सदस्यता अभियान भी चलाया जाएगा


बैठक में पार्टी के राजनीतिक समिति के सदस्य कुलदीप मधवाल , ज्ञानवीर त्यागी , सी पी शर्मा, राजकुमार त्यागी ,

सत्य प्रकाश कंडवाल, सतबीर सिंह, नीरज रावत ,प्रतीक बहुगुणा अमन नौटियाल, पंकज कठैत,यश बर्थवाल हनुराज ,

अंकुर सिंह शामिल रहे ।

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विंटेज और क्लासिक कार एवं बाइक रैली के साथ विरासत के दसवें दिन की शुरुआत

 अशोक कुमार, डीजीपी उत्तराखंड पुलिस ने विरासत के विंटेज और क्लासिक कार एवं बाइक रैली को झंडा दिखाकर रवाना किया

सानिया पाटनकर के शास्त्रीय गायन से खुश होकर खुब तालियां बजाई और प्रसन्न हुए विरासत के दर्शक

प्रवीण गोडखिंडी के बांसुरी के स्वर से विरासत में मैजूद लोेग नेहाल हो गए

देहरादून-24 अप्रैल 2022- विरासत आर्ट एंड हेरिटेज फेस्टिवल 2022 के दसवें दिन की शुरुआत डॉ. बी. आर. अंबेडकर स्टेडियम (कौलागढ़ रोड) देहरादून में विंटेज और क्लासिक कार एवं बाइक रैली के साथ हुआ। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि  अशोक कुमार, डीजीपी उत्तराखंड पुलिस ने विंटेज और क्लासिक कार एवं बाइक रैली को झंडा दिखाकर रवाना किया। वही देहरादून के जाने माने लोगो में रविंदर सिंह, डॉ. एस. फारूक और विजय अग्रवाल ने कार्यक्रम में शिरकत की।

विंटेज और क्लासिक कार एवं बाइक रैली में श्री रविंदर सिंह ने वेस्पा और लैंब्रेटा के मॉडलों सहित ग्यारह स्कूटरों का प्रदर्शन किया, कुणाल अरोड़ा एक जावा ट्विन लाए, नूर मोहम्मद ने द्वितीय विश्व युद्ध के समय के बीएसए प्रदर्शित किया, जबकि डॉ फारूक छह कारों (शेवरले, विलीज, निसान जोंगा, स्टैंडर्ड, फोर्ड और ऑस्टिन)का प्रदर्शन किया। विंटेज और क्लासिक कार एवं बाइक रैली में सबसे पुराना मॉडल “शेवरलेट“ था, जो 1926 में डॉ. एस. फारूक द्वारा प्रस्तुत किया गया। यह रैली डॉ. बी. आर. अंबेडकर स्टेडियम, कौलागढ़ रोड से होते हुए गढ़ी कैंट, पैसिफिक हिल्स, दिलाराम चौक, घंटाघर से होते हुए वापस बी. आर. अंबेडकर स्टेडियम, कौलागढ़ रोड पहुंचा।

सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ एवं सानिया पाटनकर के शास्त्रीय गायन ने विरासत के शाम को रंगीन बना दिया। सानिया पाटनकर के गायन से खुश होकर दर्शको ने खुब तालियां बजाई और प्रसन्न हुए। सानिया पाटनकर ने हाल ही में अपना एक एल्बम “रसिया“ रिलिज किया है जो उन्होंने भारत रत्न लता मंगेशकर जी को समर्पित किया है। कार्यक्रम मे उन्होंने राग खंबावती से कार्यक्रम की शुरुआत की जिसमें उन्होंने दो बंदिश और एक सरगम गीत प्रस्तुत किया , बाद में उन्होंने अर्ध शास्त्रीय शैली में एक टप्पा / होरी कि प्रस्तुति किया। उनके साथ तबले पर मिथिलेश झा जी, हारमोनियम पर जाकिर धौलपुरी जी और तानपुरा पर योगेश जी ने साथ दिया।

बताते चले कि संगीत प्रेमियों के परिवार में जन्मी सानिया की प्रतिभा को उनके माता-पिता ने 3 साल की छोटी उम्र में ही खोज लिया था, जब उन्होंने खुद हारमोनियम पर गाने बजाना शुरू किया था। बचपन से ही उन्हें स्वर और लय कि अच्छी समझ थी। उनके पिता एक वायलिन वादक हैं, माँ एक संगीत प्रेमी हैं और भाई समीप कुलकर्णी सितार वादक उस्ताद शाहिद परवेज के शिष्य हैं।

सानिया को 6 साल की उम्र में गणसरस्वती किशोरीताई अमोनकर से आशीर्वाद प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ और उन्होंने श्रीमती लीलताई घरपुरे से शास्त्रीय संगीत सीखना शुरू किया जो श्रीमती हीराबाई बडोडेकर की वरिष्ठ शिष्या थी। सानिया अपनी पहले गायन की शुरुआत 12 साल की उम्र में महान पंडित जितेंद्र अभिषेकी के सामने प्रस्तुती से कि थी और उस समय उन्होंने दर्शकों पर लंबे समय तक प्रभाव डाला। सानिया को प्रसिद्ध वरिष्ठ गायक डॉ अश्विनी भिड़े-देशपांडे के कुशल मार्गदर्शन में सीखने का सौभाग्य मिला है। “संगीत विशारद“ में उन्होंने एम.कॉम किया है और वे स्वर्ण पदक विजेता हैं। इसके अलावा उन्होंने कंपनी सेक्रेटरी कोर्स भी पूरा किया, उनकी कड़ी मेहनत, लगन और संगीत के प्रति प्रेम ने संगीत और अकादमिक दोनों क्षेत्रों में उन्हें खुद को साबित करने में योगदान दिया।

सांस्कृतिक कार्यक्रम के अन्य प्रस्तुतियों में प्रवीण गोडखिंडी द्वारा बांसुरी वादन प्रस्तुत किया गया। प्रवीण गोडखिंडी के बांसुरी के स्वर से विरासत में मैजूद लोेग नेहाल हो गए। उनकी पहला प्रस्तुति राग भूपाली फिर रूपक और तीन ताल है एवं जुगलबंदी सवार संवाद के रूप में रहा। बांसुरी पर प्रवीण जी के साथ उनके बेटे शादाज गोडखिंडी एवं तबला पर शुभ महराज ने साथ दिया।

आप सभी के लिए एक सुनहरा मौका उत्तराखंड देहरादून के शिमला रोड आईएसबीटी से मात्र 8 किलोमीटर की दूरी पर गणेशपुर मैं रुपए 12500 में सस्ते दरों पर आवासीय प्लॉट उपलब्ध है! हमारा उद्देश्य है ‘हर व्यक्ति का सपना घर हो अपना’ पहले आओ पहले पाओ!
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उपासना कंपलेक्स बल्लूपुर चौक देहरादून! एवं शिमला रोड गणेशपुर निकट पेट्रोल पंप 💐

प्रवीण गोडखिंडी बांसुरी बजाने की तांत्रिकी और गायकी शैली दोनों में महारत हासिल की है, वे आकाशवाणी में हिंदुस्तानी बंसुरी वादन के कलाकारो में सर्वोच्च स्तर पर है। उन्होंने पंडित वेंकटेश गोडखिंडी और विदवान अनूर अनंत कृष्ण शर्मा से प्रशिक्षण लिया। वे पेशे से एक इंजीनियर हैं लेकिन संगीत हमेशा उनका जुनून रहा है और यही वह बचपन से मानते हैं। भारत में उनके नाम कई उपलब्धियां है जिसमें वे 8 फीट कॉन्ट्राबास बांसुरी पर प्रदर्शन करने वाले पहले भारतीय बांसुरी वादक हैं। वे मेंडोज़ा अर्जेंटीना में आयोजित विश्व बांसुरी उत्सव में बांसुरी का प्रतिनिधित्व करने वाले पहले भारतीय हैं। उन्हें सुरमणि, नाद-निधि, सुर सम्राट, कलाप्रवीना आदि बांसुरी बजाने में उनकी दक्षता के लिए कई उपाधियों से सम्मानित किया गया है एवं उन्होंने दुनिया भर के कई प्रसिद्ध संगीतकारों के साथ प्रस्तुतियां दी है।

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जैन कुबेर की एक मात्र अद्भुत प्राचीन प्रतिमा
-डॉ. महेन्द्रकुमार जैन ‘मनुज’, इन्दौर
वैदिक संस्कृति में कुबेर का अत्यधिक महत्व है। उसी तरह जैन संस्कृति में भी कुबेर को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। जैन पुराणों के अनुसार तीर्थंकर का जब जन्म होता है उसके छह माह पूर्व से ही कुबेर रत्नों की वर्षा करता है, जिससे उनके निश्चित क्षेत्र की जनता निर्धन और दुखी नहीं रहती। रत्नों की वर्षा वह केवल एक दिन नहीं करता बल्कि तीर्थंकर के जन्म के छह माह बाद तक अर्थात् बारह माह प्रतिदिन वर्षा करता है। एक दिन के रत्नों की संख्या भी निश्चित है। फिर तीर्थंकर के अन्य कल्याणकों में, उनके विशिष्ट आहार-ग्रहण करने के समय, दिव्यध्वनि खिरने के समय वह रत्नों की वर्षा करता है। तीर्थंकर की दिव्यध्वनि की विशेष स्टेज समवसरण जिसकी विभूति सुनेंगे तो दंग रह जायेंगे- वह भी इन्द्र की आज्ञा पाकर कुबेर निर्मित करता है। दश दिक्पालों में उत्तर दिशा का दिक्पाल कुबेर है। जिनमूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा के समय पंचकल्याणकों के मंचन में कुबेर का अहम स्थान होता है। उस समय किसी श्रावक को ही अभिमंत्रित कर कुबेर बनाया जाता है।
राजस्थान के चित्तौडगढ़ जिलान्तर्गत बंसी (बांसी) से एक प्राचीन अद्भुत जैन कुबेर की प्रतिमा प्राप्त हुई है। जो उदयपुर के राजकीय संग्रहालय सिटी पैलेस में संग्रहीत है। इसका समय 8 वीं सदी ईस्वी है। लाल परेवा प्रस्तर में निर्मित यह कुबेर प्रतिमा अद्भुत कालापूर्ण है। शिल्पकार ने मानों इसके किरीट में ही अपनी सारी कला उड़ेल दी है।
इसमें कुबेर ललितासन में बैठा शिल्पित है। दो हाथ और दो पाद युक्त है। दक्षिण भुजा में नारिकेल घारण किये है और बाम कर में पुस्तक जैसी कोई वस्तु धारण किये दर्शाया गया है। इसका वाहन गज है। पैरों में पादवलय, भुजाओं में भुजबंध, कलाइयों में बटकवलय धारण किये है। गले में हीक्का सूत्र और उपग्रीवा धारण करायी गई है। सुन्दर स्कन्धमाल भी शिल्पित है। कानों में कर्णोत्पल हैं। शिर पर किरीट धारण कराया गया है। यह अत्यंत कलात्मक है। जगह जगह रत्न जड़ित हैं। है भी कुबेर, उसे रत्नों की क्या कमी रहेगी। किन्तु देवों में भी ये व्यवस्था है कि भले ही बह कुबेर हो किन्तु इन्द्र की बरावरी के आभूषण धारण नहीं कर सकता है। मानवों की वर्ण व्यवस्था की तरह वहाँ की जो-इन्द्र, सामानिक, त्रायस्त्रिंस, पारिषद्, आत्मरक्ष, लोकपाल, अनीक, प्रकीर्णक, आभियोग्य और किल्विषक दस स्तरीय व्यवस्था है। उसी के अनुसार उनके कार्य और वेषभूषा होती है। उस व्यवस्था का कोई देव उल्लंघन नहीं कर सकता।
इस कुबेर प्रतिमा के किरीट में कौस्तुभ मणि शिल्पित है। उसके ऊपर मध्य में उसके आराध्य तीर्थंकर की प्रतिमा है और सिर के ऊपर भी एक अतिरिक्त तीर्थंकर प्रतिमा है। अन्य जैन सरस्वती और यक्ष-यक्षी के सिर या मुकुट में एक ही तीर्थंकर प्रतिमा को शिल्पित किये जाने की परम्परा है। किन्तु यह विशिष्ट अंकन है। ऊपर दोनों ओर अशोक वृक्ष के जैसे सुन्दर पत्र-गुच्छक शिल्पित हैं। इस तरह यह प्रतिमा अपने आप में अनूठी है और आठवीं शती से प्राचीन जैन कुबेर की प्रतिमाएँ अन्यत्र दृष्ट नहीं है। या यूं कहें कि इस तरह की कुबेर की एकल प्रतिमा अन्यत्र कहीं नहीं है। यह एक मात्र प्रतिमा है। प्रतिमा शास्त्री डॉ. मरुतिनंदन प्रसाद तिवारी, वाराणसी की अनेक पुस्तकों में से सन् 1981 में ‘जैन प्रतिमा विज्ञान’ प्रकाशित हुई है। उसमें आपने लिखा है कि ‘कुबेर यक्ष की कोई स्वतंत्र या जिनसंयुक्त मूर्ति नहीं मिली है।’
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मंगलवार 26 अप्रैल, 2022 को राजभवन में ‘‘पथ-प्रदर्शक’’ कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा। इस कार्यक्रम में प्रदेश के मेधावी छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति व विभिन्न संस्थाओं द्वारा कई कार्यक्रम प्रस्तुत किये जायेंगे। इस कार्यक्रम में कुल 244 विद्यार्थियों को स्कालर्शिप दी जाएगी जिसमें राजभवन में 30 मेधावी विद्यार्थियों को छात्रवृत्तियां व सभी 13 जनपदों में 214 बच्चों को छात्रवृत्ति प्रदान की जायेगी। राजभवन में राज्यपाल ले ज गुरमीत सिंह(से नि) द्वारा व सभी जनपदों में जिलाधिकारियों द्वारा छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति दी जायेगी। कार्यक्रम में राज्यपाल सहित प्रदेश के मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री भी उपस्थित रहेंगे।
राजभवन में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में भातखण्डे महाविद्यालय द्वारा कथक, देव संस्कृति विश्वविद्यालय के द्वारा योगा, बाल कल्याण, पेंटिंग प्रतियोगिता के विजेता बच्चों को पुरस्कृत किया जायेगा। इसके अलावा विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं का उद्बोधन कार्यक्रम भी होगा।

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यूटीडीबी ने ग्रामीणों के लिए आयोजित किया निशुल्क प्रशिक्षण कैंप

उत्तरकाशी जिले के यमुनोत्री क्षेत्र में ग्रामीणों के लिए आयोजित किया निशुल्क फुट मसाज थेरेपी का प्रशिक्षण कैंप

उत्तरकाशी/देहरादून। उत्तराखंड पर्यटन विकस परिषद (यूटीडबी) की ओर से उत्तरकाशी जिले के यमनोत्री क्षेत्र में ग्रामीणों के लिए निशुल्क फुट मसाज थेरेपी का प्रशिक्षण कैंप आयोजित किया गया है। 28 अप्रैल तक आयोजित होने वाले इस प्रशिक्षण ‌कैंप में ग्रामीणों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। सात दिवसीय प्रशिक्षण कैंप के दूसरे दिन पहुंची यूटीडीबी की अपर निदेशक श्रीमती पूनम चंद का ग्राम वाडिया की प्रधान शांति देवी ने पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया।

प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए अपर निदेशक श्रीमती पूनम चंद ने कहा कि माननीय पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज जी के निर्देशन में चारधाम यात्रा और चयनित ट्रेकिंग ट्रैक्शन सेंटर के पास रोजगार के अवसर सृजित करने के उद्देश्य से उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (यूटीडीबी) की ओर से समय-समय पर प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया जाता है। निशुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रम विशेषज्ञों की टीम थेरेपी की बारिकियाँ सिखा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि फुट मसाज थेरेपी हमारी प्राचीन चिकित्सा है। पैरों की थेरेपी करने से तनाव काफी कम हो जाता है। यह चिकित्सा ऊर्जा के प्रवाह को सुनिश्चित करता है और व्यक्ति को शांति और आराम मिलता है। यह थेरेपी सभ्य कला आपके पैरों, हाथों और कानों पर स्थित विशिष्ट प्रतिबिंब बिंदुओं पर मालिश पर केंद्रित है जो आपके शरीर के हर क्षेत्र से मेल खाती है। प्रशिक्षण कार्यक्रम उत्तरकाशी के ग्रामीणों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करेगा।

माह मई से चारधाम यात्रा शुरु होने वाली है मार्गों में फुट मसाज थेरैपी के माध्यम से आने वाले श्रदालुओं को आराम मिलेगा साथ ही यहां ट्रेकिंग में आने वाले तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए भी लाभकारी सिद्ध होगी।

इस निःशुल्क प्रशिक्षण से ग्रामवासियों के लिये रोजगार के अवसर होंगे। समय`-समय पर वि‌भाग की ओर से इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय उत्तराखंड द्वारा संचालित प्रशिक्षण कैंप में डॉ. नवीन जोशी, डॉ. दीपचन्द पाण्डेय, डॉ. नीलम सजवाण और डॉ. वत्सला बहुगुणा की ओर से यमुनोत्री क्षेत्र के    मिसाणी, वाडिया, नारायणपुरी, खरसाली, बनास, पिंडली, मदेश, दूरबिल एवं राना गांवों के ग्रामीणों को फुट मसाज थेरेपी  का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

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राजभवन एमडी यूपीसीएल के ट्रांसफार्मर घोटाले की कराए उच्च स्तरीय जांच-  मोर्चा                     #एमडी, यूपीसीएल के खिलाफ लंबित है तीन वर्ष से जांच |         #सचिव, ऊर्जा ने तीनों निगमों के एमडी को लेकर बनाई थी कमेटी | #अनिल कुमार अधीक्षण अभियंता (क्यूए/क्यूसी) थे उस वक्त |                #तत्कालीन एमडी यूपीसीएल ने भी उच्च स्तरीय जांच की करी थी मांग |                            विकासनगर- जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि सरकार द्वारा अनिल कुमार नामक जिस अधिकारी को अक्टूबर 2021 में यूपीसीएल का एमडी  नियुक्त किया गया है, उस भ्रष्ट अधिकारी के खिलाफ 160 एमवीए ट्रांसफार्मर एवं 40 एमवीए  ट्रांसफॉमर्स की गुणवत्ता/ खरीद मामले में लगभग 3 वर्ष से जांच लंबित है; बावजूद इसके करोड़ों की डील कर इनको एमडी, यूपीसीएल एवं पिटकुल का अतिरिक्त चार्ज दिया गया | उक्त अधिकारी ट्रांसफार्मर क्रय किए जाने की अवधि में अधीक्षण अभियंता (क्यूए/क्यूसी) के पद पर कार्यरत थे |                   नेगी ने कहा कि सचिव, ऊर्जा द्वारा वर्ष 2019 में इनके घोटाले का संज्ञान लेते हुए इस प्रकरण पर तीनों निगमों के प्रबंध निदेशकों एवं निदेशक (परिचालन) यूपीसीएल की एक संयुक्त कमेटी का गठन करते हुए उक्त घोटाले की जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन आज तक रिपोर्ट शासन तक नहीं पहुंच पाई | इस मामले में उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग को लेकर भी तत्कालीन एमडी, यूपीसीएल श्री दीपक रावत ने नवंबर 2021 को शासन को पत्र प्रेषित किया था | उक्त भ्रष्ट अधिकारी द्वारा अपनी सेटिंग-गेटिंग के आधार पर उक्त जांच को आज तक ठंडे बस्ते में डलवाया हुआ है | झाझरा उप संस्थान के एक अन्य मामले, जिसमें 80 एमवीए ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त होने के मामले में भी इनकी भूमिका की जांच कराई गई थी, जिसमें सेटिंग- गेटिंग के आधार पर इनको दोषमुक्त किया गया था |  अनिल कुमार के पिटकुल, एमडी के कार्यभार ग्रहण करने से लेकर आज तक इनके कारनामों की भी जांच की जानी आवश्यक है | अगर पूरे प्रकरणों की  ईमानदारी से जांच हो जाए तो बहुत कुछ जनता के सामने आएगा| मोर्चा ने राजभवन से इनके काले कारनामों की उच्च स्तरीय जांच की मांग को लेकर  गुहार लगाई|                पत्रकार वार्ता में- मोर्चा महासचिव आकाश  पंवार, विनय कांत नौटियाल, विजय राम शर्मा व जाबिर हसन  मौजूद रहे।

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