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उत्तराखंड ओषधि ,सगन्ध पादप बोर्ड की दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार

Pahado Ki Goonj

देहरादून:उत्तराखंड राज्य के किसानों के लिये समर्पित वीर योद्धा माधो सिंह भण्डारी किसान  भवन  मसूरी बाई पास लाडपुर में उच्चशिखरिय ओषधीय संगध पादप के  संरक्षण एवं विकास के लिये राष्ट्रीय संघोष्ठी का दो दिवसीय आयोजन किया गया इस आयोजन में डॉ बी यस रावत मुख्य कार्य कारी अधिकारी एवं निदेशक उद्यान ने बताया कि भारतीय औषधीय एवं सगन्ध पादव बोर्ड  आयुष मंत्रालय भारत सरकार  के सहयोग से संघोष्ठी का आयोजन किया जारहा है । दो दिवसीय संघोष्ठी में देश कि औषधीय संगन्ध पादप के गुण दोष की जानकारी देने के लिए देश के जगह जगह से40 बैज्ञानिक ,विशेषज्ञ व्यख्यान देने के लिये पहूंचे ,उन्होंने अपने अपने विषय पर आपस मे जानकारी  साझा कर रहे है।  जड़ी बूटी उगाने वाले किसानों के लिए दो दिवसीय गोष्टी में उत्पादन संरक्षण को बढ़ावा देने की जनकारी के लिये यह आयोजन किया गया ।यह जड़ी बूटी एवं सगन्ध पादप उगाने  एंव संरक्षण करने के लिए सरकार का सराहनीय प्रयास है उत्तरखंड में ओषधियों का भंडार है उत्तराखंड की देव भूमि के साथ साथ ओषधीय प्रदेश के नाम भी  पहचान है । आज उत्पादन से रोजगार ,पलायन रोकने के परिपेक्ष्य में इनका उत्पादन बढ़ाने  साथ साथ संरक्षण के लिये कार्य किया जारहा है।उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ,कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ,केंद्रीय आयुष मंत्रालय के अधिकारियों ,सचिव डी यस पाण्डेयन, अपर सचिव डॉ मदन सिंह बिष्ट के प्रयास से आयोजन  के लिये एवं,देश के कोने कोने से आये ।बैज्ञानिको,विशेषज्ञों का स्वागत किया ।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिहं रावत की विकास की भावना को साधना बनाने के लिए अधिकारियों ,कर्मचारियों को अपनी अपनी जुमेदारी समझ कर काम मे जुटने  के लिए कार्य करना चाहिए।उनकी भावनाओं के अनुरूप   निदेशक डॉ बी यस नेगी की प्रदेश ,देश के विकास के लिये सार्थक पहल छुटी के दिन भी कार्यलय में साधना जारी रहती है।प्रदेश एवं देश के विकास केलिये सफलता के ये गुण लाने केलिये प्रत्येक अधिकारी कर्मचारी को इच्छा शक्ति अपनी बढाने की कोशिश  करने के साथ साथ जुमेदारी समझते हुये कार्य करने की आवश्यकता है ।

 

 

 

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