राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली को लेकर
कर्मचारियों ने मनाया काला दिवस ।
देहरादून :- पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर राष्ट्रीय आंदोलन उत्तराखंड के आव्हान पर कर्मचारियों ने बांह पर काली पट्टी बांधकर आज अपना विरोध जताया। कर्मचारियों ने सरकार से तत्काल पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग की है। कर्मचारियों का कहा कि एक अक्तूबर 2005 को उत्तराखंड के कर्मचारियों पर सरकार ने जो न्यू पेंशन स्कीम थोपी वह उसका विरोध करते हैं। आज प्रदेशभर में शिक्षक-कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली और न्यू पेंशन स्कीम को वापस लेने की मांग को लेकर बांह पर काली पट्टी बांधकर विरोध जताया।
आपको बता दें कि 2005 से पूर्व के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ मिल रहा है। लेकिन इसके बाद सरकारी सेवा में आए कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम से वंचित रखा गया है। तब से पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर कर्मचारी आंदोलित हैं। जिसको लेकर आज 1 अक्टूबर 2021 को पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन उत्तराखंड के नेतृत्व में शिक्षक कर्मचारियों व अधिकारियों ने काले दिवस के रूप में मनाया गया है। संगठन का कहना है कि उत्तराखंड राज्य में पुरानी पेंशन को समाप्त कर नई पेंशन स्कीम चालू की गई थी। ये नई पेंशन स्कीम शिक्षक कर्मचारी के हित में नहीं है इसके कई दुष्परिणाम निकल रहे हैं।पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन उत्तराखंड के आव्हान पर काली पट्टी बांधकर मनाया काला दिवस, सभी कर्मचारियों ने लिया बढ़-चढ़कर भाग लिया ।
इसी क्रम में आज सम्पूर्ण जनपद टिहरी व ब्लाक जौनपुर में भी उत्तराखंड में गाँधीवादी तरीके से अपने अपने कार्य स्थल से बाये हाथ में काली पट्टी बांधकर इस नई पेंशन का विरोध कर टवीटर फेसबुक, इंस्टाग्राम से अपना विरोध दर्ज किया ।जिला टिहरी व ब्लाक जौनपुर के कर्मचारियों में सूर्य सिह पंवार प्रदेश प्रवक्ता, पुष्कर राज बहुगुणा प्रदेश संयुक्त मंत्री, जिलाध्यक्ष टिहरी पूरन सिह राणा, जिला उपाध्यक्ष महाबीर भंडारी, ब्लाक अध्यक्ष द्वितीय संजीव गुसांई, प्रथम नरेन्द्र राणा, ब्लाक कार्यकारणी के सम्मानित सदस्य, विनोद वर्मा, ईमरोज, धनीराम जी, रा प्रा संगठन के अध्यक्ष दिनेश कैन्तुरा जी मंत्री खेमचंद उपाध्यक्ष सुरदेव पंवार, युद्धवीर रावत , सुमेर कंडारी, राजेन्द्र रमोला, भावना नेगी, जब्बरसिह रावत, राम लाल पंवार, संजय सजवाण, प्रदीप उनियाल, प्रेम सिह, सुनिल सिह आदि सभी विभागो के कर्मचारीयों ने विरोध व्यक्त किया ।