मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास में नागरिक उड्डयन विभाग की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने राज्य में आपदा प्रबंधन और पर्यटन की दृष्टि से ऐसे स्थानो को चिन्ह्ति करने के निर्देश दिए जहां अभी हेलीपैड नही है।
राज्य में हवाई पट्टियों तथा प्रमुख हेलीपैडों की सुरक्षा हेतु सिविल एविएशन सिक्योरिटी के गठन पर समुचित विचार करने के निर्देश भी दिये गये। जाॅलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण हेतु 365 एकड़ भूमि की आवश्यकता हैं, जिसके लिए नागरिक उड्डयन विभाग द्वारा आवश्यक पैरवी की जाए। पंतनगर एयरपोर्ट में नाइट लैण्डिंग सुविधा हेतु एयरपोर्ट अथाॅरिटी आॅफ इंडिया से अनुरोध किया जाए। मुख्यमंत्री ने केदारनाथ में सेवा दे रही हैलीकाप्टर कम्पनियों के लिए सी.एस.आर के तहत स्वास्थ्य सेवाओं हेतु निःशुल्क कुछ घंटे निर्धारित करने हेतु नीति बनाने के निर्देश दिये। केदारनाथ में हवाई सेवाएं दे रही कम्पनियों द्वारा अधिक किराया वसूली की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने कड़ा रूख अपनाया और उत्तराखण्ड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण को उनके अनुश्रवण हेतु प्रभावी तंत्र बनाने को कहा।
उत्तराखण्ड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण के निदेशक डाॅ. आर.राजेश कुमार ने बताया कि इस वर्ष 07 करोड़ रूपये राजस्व के लक्ष्य के सापेक्ष 5.80 करोड़ रूपये की आय हो चुकी है। नैनीसेनी हवाई पट्टी पर डी.जी.सी.ए. द्वारा उठाई गई आपत्तियों का प्रतिउत्तर भेजा जा चुका है। नैनीसेनी हवाई पट्टी पर एअरपोर्ट मैनेजर की नियुक्ति हेतु अनुरोध किया गया है। चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी की गुणवत्ता की जांच केन्द्रीय सड़क शोध संस्थान द्वारा की जायेगी। पंतनगर-देहरादून हेतु उड़ान योजना के अन्तर्गत डेक्कन एयरवेज द्वारा दिसम्बर माह तक सेवा प्रारम्भ की जायेगी। केदारनाथ क्षेत्र में कुल 13 हवाई कम्पनियों को अनुमति दी गई है। वर्तमान में कुल 8 कम्पनियों द्वारा सेवाएं दी जा रही है। प्रदेश में कुल 49 हेलीपैड है।
बैठक में मुख्य सचिव श्री एस.रामास्वामी, सचिव मुख्यमंत्री, श्री अमित सिंह नेगी उपस्थित थे।
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