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अमेरिकी लॉकडाउन – पब और बार न जा पाने की वजह से डिप्रेशन में आ रहे लोग

Pahado Ki Goonj

वाशिंगटन। इंडिया में भले ही लोग लॉकडाउन पर कुछ भी सोच रहे हो, लेकिन अमेरिका में बैठे हिन्दुस्तानियों को यहां लॉकडाउन का फार्मूला ही सटीक लग रहा है। उनको यकीन है कि भारत लॉकडाउन और पाबंदियों की वजह से जल्द कोरोना से जंग जीत लेगा। वजह है कि अमेरिका के मुकाबले हमारे यहां लोग लॉकडाउन को लेकर बहुत संजीदा हैं।
लखीमपुर खीरी जिले के गोला के रहने वाले आशीष अवस्थी और उनकी पत्नी नीति अमेरिका के एरिजोन राज्य के फिनिक्स सिटी में हैं। आशीष और नीति अगस्त 2019 में अमेरिका पहुंचे हैं और एक कंपनी में काम कर रहे हैं। अमेरिका में भी कोरोना को रोकने के लिए लॉकडाउन है। वहां वर्क फ्राॅम होम का आदेश है। आशीष ने बताया कि हम लोग रोज गांव में बात करते हैं। वहां के हालात अलग हैं। गांव से पता चलता है कि यहां तो पूरा लॉकडाउन है। कोई सड़क पर नहीं आ जा रहा। पुलिस सख्त है। प्रशासन अनाज पहुंचा रहा है। पर यहां ऐसा कम दिखता है। आशीष के मुताबिक अमेरिका में लोग लॉकडाउन को नहीं समझ पा रहे। कई बार वे इसे खोलने की मांग पर प्रदर्शन कर चुके हैं। खुद को आधुनिक और पढ़े-लिखे कहने वाले लोग अपनी लाइफ स्टाइल से समझौता नहीं कर रहे। वहां पब और बार न जाने पर तमाम लोग डिप्रेशन में आ रहे हैं। वहां पुलिस एक हद तक समझा ही सकती है। कई बार निवेदन भी करती है। पर वहां के लोग शायद खतरे को उस तरह से नहीं समझ पा रहे। जबकि हमारे यहां गांव-गिरांव तक में लॉकडाउन है। आशीष का कहना है कि अमेरिका में भी जो लोग भारत से आए हैं, वे लॉकडाउन हैं। वे आदत के मुताबिक खुद को सीमित करना सीख गए हैं, लेकिन वहां के नागरिकों के साथ ऐसा नहीं है। आशीष और उनके दोस्तों को उम्मीद है कि भारत सबसे पहले कोरोना को हराएगा। वह जब दिवाली पर गांव लौटेंगे तो कोरोना भारत छोड़ चुका होगा।

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