लिखवारगाँव,टिहरी गढ़वाल, देश में राम के नाम पर भवनात्मक प्रचार कर सरकार बनी है।परन्तु हमने अपने आराध्य देव को भूलने का काम करने लगे अपनी संस्कृति से बिमुख होकर दूसरों की संस्कृति को अपनाने के लिए होड़ सी मचाने लगे,
धर्म की मर्यादा न रखने वाले लोगों को धर्म सम्राट श्री शंकराचार्य की गद्दी पर बिठाया रखा है।
हमारी संस्कृति को नष्ट करने का काम भौतिक सुख सुभिधा के नाम पर राजनीतिक पार्टियों को फलने फूलने का साधन बनाने के लिएहो गया है।
हिदू संस्कृति को नष्ट करने के आचरण को भारत माँ ने स्वीकार नहीं किया ।दूसरे देशों से कोरेना वायरस होने का प्रचार प्रसार से हम जागे । हमारे मनसा,वाचा, कर्मणा में अंतर होने से यह विकृति आरही है। हमारे अन्दर का अहंकार समाप्त करने के लिए नव दुर्गा के नवरात्र पर्व शुभ संवत के प्रारंभ में आदिकाल से मनाया जाता है। हमारी भारत माता को माँ कहा जाता है। यह उपाधि किसी भी देश को नही है।
यह हमारी सांस्कृतिक की धरोहर हमारे संस्कारों से है।हमारे धर्म को नस्ट करने के लिए निजी स्कूलों ने हमारे बच्चों को असंस्कार बान बनाने का काम किया है।
वहां उन स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ाने की होड़ में असमर्थ लोग बेईमानी भ्रष्टाचार को बढ़ाने के लिए आदि होगये।माँ बाप अब अपने को असाय महसूस करने लगते हैं।
इस बार पहली बार नवरात्र में हम अपनी देवी देवताओं की पूजा में मेरी जानकारी में यह पहली नवरात्रि होगी। जिसमें पूरा भारत पूर्ण रूपेण सात्विकता , पवित्रता का पालन कर रहा हैं ।
मांसाहार बंद हैं। शराब बंद हैै।बाहर का खाना बंद है।पूरा परिवार एक साथ बैठकर सत्संग भजन पाठ कर रहा है।अपवित्रता भी बंद है।जो नहाने में भी आनाकानी करते थे वो अब बार बार हाथ पैर धो रहे हैं ।नवरात्रि में चंदा इकट्ठा कर धर्म के नाम पर खाने वाले बंद है।
जीव हिंसा बंद है।रोटी बनाने वाली बाई बंदहै। घर की नारी अपने हाथो से भोजन बना रही हैं । यह नवरात्रि1000हजार साल बाद आई है। परम सिद्घ होगी क्योंकि यह सब नियम आप से खुद प्रकृति रखवा रही हैं ।यह अच्छी बात है नरेंद्र मोदी देश के जन नायक के कार्यकाल में हो रहा है।यह मनुष्य को मनन करने के लिए काफी है।
श्रीराम चन्द्र भगवान राम नवमी पर लंका से बुराई से विजय प्राप्त कर आये थे।मर्यादा पुरुषोत्तम राम कहलाये हम उनके नाम से सत्ता पाये है तो हमें भी अपने अहंकार रूपी बूरे गुणों पर विजय प्राप्त करने के लिए माँ दुर्गा ने नवरात्र में यह संयोग दिया है।
मनुष्य नाम मनन करने से है। हम जरूर मनन कर बेईमानी भ्र्ष्टाचार को त्याग कर मानवीय संवेदनाओं को बढ़ाने के लिए काम करते हुए देश को आगे बढ़ाने में अपना योगदान देंगें।
Likhwargavn tehri garhwal,Government has been formed in the country in the name of Rama, with a propaganda, but we started working on forgetting our deity, and started making competition to adopt the culture of others. To put on the throne of the work of destroying our culture to make political parties a means to thrive in the name of material happiness Subhidha Practices to destroy Kriti the dissemination of Korena virus from Mother India did not accept Kdusre countries woke up. Due to difference in our mind, covenant and karmana, this pathology is aroused. The Navratri festival of Nava Durga is celebrated from the beginning of the auspicious era to end our inner ego. Our Mother India is called Mother. No country has this title from our cultural heritage. To nast our religion, private schools have made our children unaccompanied. Where there are people unable to compete to teach their children in those schools. To increase dishonest corruption, etc. will be done. Mother…