देहरादून। उत्तराखंड में भी दूध उत्पादन में गिरावट देखी जा रही है, जो खासी चिंता का विषय है। उत्तराखंड डेयरी फेडरेशन के मुताबिक वर्ष 2018-19 में दूध का उत्पादन पूरे प्रदेश में रोजाना एक लाख 85 हजार लीटर के करीब हुआ करता था, जो अब घटकर करीब एक लाख 70 हजार लीटर के करीब पहुंच गया है। ऐसे में अब डेयरी विभाग दूध उत्पादन के लिए अतिरिक्त डेरी समिति खोलने के साथ-साथ पशुपालकों को एनसीडीसी योजना के तहत दुधारू पशु भी उपलब्ध कराने जा रहा है। जिससे प्रदेश में दूध का उत्पादन बढ़ सके। गौरतलब है कि प्रदेश में दूध उत्पादन घटने का मुख्य कारण पशुपालकों का अब पशुपालन से मोहभंग होना बताया जा रहा है। अब पशुपालक गाय या भैंस खरीदने के बाद जब तक वह दूध देती है तब तक उसे अपने पास रखता है और दूध बंद हो जाने के बाद उसको बेच देता है। यही नहीं गांव और पहाड़ों से हो रहा पलायन लोगों को पशुपालन से दूर कर रहा है। जिसके चलते दूध उत्पादन नहीं हो पा रहा है। वहीं उत्तराखंड डेयरी फेडरेशन के निदेशक जीवन सिंह नगन्याल के अनुसार प्रदेश में दूध का उत्पादन घटना चिंता का विषय है। जिसको देखते हुए अतिरिक्त डेयरी समितियां खोली जाएंगी। साथ ही एनसीडीसी योजना के तहत पशुपालकों को पांच दुधारू पशु दिए जाएंगे। इस योजना के तहत पशुपालक सब्सिडी के माध्यम से पशु खरीद सकता है. साथ ही डेयरी विभाग अपनी आय में वृद्धि कर सकता है।
भाग बथांग ( गढ़वाली कहानी)
Mon Feb 3 , 2020
भाग बथांग ( गढ़वळी कहानी) फागुण मैना गेंहूॅ पक्या छ्यायी बीशू बीच पुगंड़ी मा वाडू धरयूं छ्यायी, ब्यखन बगत वैकी़ बेटी बीरा न उसयां तैडू अपर बुब्बा समणी धरी देन अर बकै भुज्जी बणाण लगी ग्यायी, इनै बीशू न तैड़ू न खैन अर बळदू खुणी म्वाळ बणाण लगी ग्यायी। चैत […]

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