देहरादून। ऋषिकेश के रानीपोखरी में चिल्ड्रन्स होम अकेडमी स्कूल और हॉस्टल में छह महीने में दो छात्रों की मौत और स्कूल परिसर में कब्रिस्तान पाए जाने के बाद देहरादून जिला प्रशासन, शिक्षा विभाग और पुलिस कठघरे में हैं।
देहरादून की जिला शिक्षा अधिकारी आशा रानी पैन्यूली ने चिल्ड्रन्स होम अकेडमी मामले की जांच खंड शिक्षा अधिकारी को सौंप दी है। ऋषिकेश के रानीपोखरी में चिल्ड्रन्स होम अकेडमी स्कूल और हॉस्टल में छह महीने में दो छात्रों की मौत और स्कूल परिसर में कब्रिस्तान पाए जाने के बाद देहरादून जिला प्रशासन, शिक्षा विभाग और पुलिस कठघरे में हैं। मार्च में एक बच्चे की पीट-पीटकर हत्या कर दिए जाने और स्कूल प्रबंधन के मामला दबाने की कोशिशों के बाद सीबीएसई ने तो स्कूल की मान्यता खारिज कर दी। लेकिन शिक्षा विभाग ने कोई कदम नहीं उठाया था। बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष के स्कूल में कब्रिस्तान मिलने पर ऐतराज जताने के बाद एसएसपी ने कहा कि इस मामले में जांच बैठा दी गई है, लेकिन एसपी देहात इससे इनकार कर रहे हैं।
बता दें कि शनिवार को चिल्ड्रन्स होम अकेडमी में एक बच्चे की बीमारी से मौत की खबर मिलने के बाद सोमवार को बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने स्कूल का दौरा किया था तो वहां उन्हें एक कब्रिस्तान भी मिला था. नेगी ने इस पर सख्त ऐतराज जताया तो देहरादून एसएसपी ने कब्रिस्तान को बंद करने और एसपी देहात को जांच सौंपने का दावा किया।
लेकिन एसएसपी के आदेश देहरादून में ही एसपी देहात तक नहीं पहुंचे हैं। एसपी देहाद परमेंद्र डोभाल ने बताया कि अभी तक उनके पास कब्रिस्तान संबंधित कोई आदेश लिखित में नहीं आया है। इसलिए वह इस संबंध में कुछ नहीं कह सकते.
इस बीच देहरादून की जिला शिक्षा अधिकारी आशा रानी पैन्यूली ने कहा कि मीडिया में खबर आने के बाद उन्होंने चिल्ड्रन्स होम अकेडमी मामले की जांच खंड शिक्षा अधिकारी को सौंप दी है।
इससे पहले मार्च में स्कूल के हॉस्टल में एक बच्चे की मौत के बाद सीबीएसई ने मान्यता वापस ले ली थी। तो 180 छात्र-छात्राओं के भविष्य को देखते हुए पहली क्लास से आठवीं तक के बच्चों को रानीपोखरी से संचालित हो रहे एक सीबीएसई स्कूल के साथ अटैच कर दिया गया था। आशा रानी पैन्यूली कहती हैं कि बीच सत्र में स्कूल को बंद नहीं कर सकते। अगले साल स्कूल की मान्यता पर फैसला किया जाएगा।