देहरादून, साथियों आज के *ताला और माला आंदोलन* की अध्यक्षता करने के लिए बरिष्ट पत्रकार जीतमणि पैन्यूली का नाम इस बैठक की भूमिका वेबपोर्टल की समस्या को दूर करने की सुरवात के प्रेरणा स्रोत बरिष्ट पत्रकार शिव प्रसाद सेमवाल ने लिया उनके नाम का अनुमोदन बरिष्ट पत्रकार आलोक शर्मा, घनश्याम जोशी दीपक धीमान आदि ने किया। अध्यक्षता करते हुए पैन्यूली ने धरना प्रदर्शन अहिंसा के सिद्धांत के अनुसार चलाने के लिए सभी साथियों का आभर व्यक्त करते हुए साधुवाद दिया। यह धरना प्रदर्शन बहुत सफल रहा है। इसमें में 70 से अधिक पत्रकार साथी शामिल हुए।अधिकांश मे जिनके नाम और हस्ताक्षर पहले ही ग्रुप में व्हाट्सएप किए जा चुके हैं।
आज का आंदोलन काफी गर्मजोशी भरा था। 28 जुलाई 11 राज्यों के मुख्यमंत्री मसूरी में होंंने वालेे
कार्यक्रमों में व्यस्त होने के बावजूद पूरी सरकारी मशीनरी और मंत्रालय में काफी हलचल रही। सोशल मीडिया में इस आंदोलन को कल्पना से भी अधिक तवज्जो मिलने से सभी पत्रकारों का काफी हौसला बढ़ा और पत्रकारों की जायज मांगों पर सरकार की तानाशाही और दमनकारी नीतियों की काफी आलोचना हुई है।
मांग पत्र लेने के लिए संयुक्त निदेशक तथा अपर निदेशक सूचना श्री अनिल चंदोला जी और श्री राजेश कुमार जी आंदोलन स्थल पर आए और पत्रकारों की जायज मांगों को लेकर की जा रही कार्यवाही से अवगत कराया गया।
आज का आंदोलन कल तक के लिए स्थगित किया गया है तथा यह निर्णय लिया गया कि यदि आज पत्रकारों की मांगों को स्वीकार करके कार्यवाही का आश्वासन मिल जाता है तो सभी पत्रकार कल धन्यवाद और आभार के लिए फिर से सूचना भवन पर एकत्रित होंगे अन्यथा पूर्व निर्धारित कार्यक्रम *सूचना विभाग की दमनकारी नीतियों के खिलाफ बुद्धि शुद्धि यज्ञ* *सुबह 11:00 बजे सूचना भवन पर आयोजित किया जाएगा* सभी पत्रकार साथियों से आह्वान है कि इस *बुद्धि शुद्धि यज्ञ* में अपनी पावन आहुति देने के लिए जरूर एकत्रित होंगे। *पुनः सभी साथियों की एकजुटता के लिए हार्दिक आभार। संघे शक्ति कलियुगे*
आपको संज्ञान लेते हुए याद होगा कि 1994 में पौड़ी में आंदोलन आरक्षण डियेजाने को लेकर हुआ था जो राज्यप्राप्ति का रूप लेकर आया आपका आंदोलन उत्तराखंड के साथ साथ देश के पत्रकारों की समस्याओं को दूर करने के लिए मील का पत्थर साबित होगा 11 राज्यों के मुख्यमंत्री को अपने राज्यों में लागू करने के लिए प्रेरणा मिलेगी।देव भूमि उत्तराखंड दुनिया भर की जनमानस की जिज्ञासा आध्यत्म के रूप में सदियों से शांत करते हुए आरही है। तो देश के पत्रकार साथियों की नजर आप पर टिकी हुई है।