देश के होनहार संवेदनशील मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक शोधकर्ताओं के लिए जी डी पी का हिस्सा लेने का निर्धारण करने का काम करेंगे। इसके साथ साथ संवेदनशील सांसद इसकी मांग करें।
जयपुर,सबसे शक्तिशाली सुपरकंप्यूटर डीजीएक्स-2 भारत में भी आ गया है। इसे जोधपुर स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में लगाया गया है। इससे देश में आर्टिफिशिल इंटेलिजेंस प्रशिक्षण गतिविधियों को बल मिलने की उम्मीद है। आईआईटी जोधपुर में कंप्यूटर साइंस विभाग के अध्यक्ष डॉ. गौरव हरित ने कहा, ‘यह दुनिया में अपनी तरह का सबसे तेज और आर्टिफिशल इंटेलिजेंस ऐप्लिकेशंस के लिए सबसे शक्तिशाली सुपरकंप्यूटर है जो भारत में पहली बार आया है। इसे यहां एक विशेष प्रयोगशाला में लगाया गया है।”लगभग 2.50 करोड़ रुपये की लागत वाले इस कंप्यूटर की क्षमता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसमें 16 विशेष जीपीयू कार्ड लगे हैं और प्रत्येक की क्षमता 32 जीबी की है। इसकी रैम 512 जीबी की है। उन्होंने कहा कि आम कंप्यूटर की क्षमता केवल 150 से 200 वाट होती है जबकि इस सुपरकंप्यूटर की क्षमता 10 किलोवाट की है। इससे एआई के बड़े ऐप्लिकेशन के प्रशिक्षण में मदद मिलेगी।
हर कंप्यूटर प्रोग्राम डेटा विश्लेषण पर आधारित होता है और यह विश्लेषण इस सुपरकंप्यूटर में बहुत तेजी से होगा। कंप्यूटर में लगे 32 जीबी क्षमता के 16जीपीयू कार्ड इसे क्षमता के लिहाज से खास बना देते हैं और इसका परफॉर्मेंस काफी बढ़ जाता है।
देश में इस समय आईआईएससी बेंगलुरू सहित कुछ संस्थानों में डीजीएक्स-1 सुपरकंप्यूटर मौजूद हैं। डीजीएक्स-2 सुपरकंप्यूटर पहली बार देश में आया है और इसकी क्षमता पहले वाले वर्जन से लगभग दोगुनी है। मोटे तौर पर समझें तो डीजीएक्स-1 से जिस काम को करने में 15 दिन लगते हैं, उस काम को डीजीएक्स-2 सिर्फ डेढ़ दिन में कर देगा। लगभग 150 kg वजन वाले इस कंप्यूटर की इंटरनल स्टोरेज 30 टीबी है। आईआईटी जोधपुर व अमेरिकी सुपरकंप्यूटर कंपनी Nvidia के बीच एआई क्षेत्र में अनुसंधान के लिए दो साल का समझौता हुआ है। यह कंप्यूटर उसी करार के तहत यहां लाया गया है।
केंद्र सरकार के द्वारा इस साल शिक्षा के बजट कटौती की गई है जिस से शोधकर्ताओं को वजीफा नहीं मिलरहा है।इसके बाद भी सबसे शक्तिशाली सुपरकंप्यूटर डीजीएक्स-2 भारत में भी आ गया है ।यह बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल करने के साथ केन्द्र सरकार के लिए तमंचा है।कि देश प्रगति शोधकर्ताओं के बदौलत करेगा।इसके लिए बजट बढ़ाया जाए।