सौराष्ट्रे सोम्नाथम च, श्री शैलेमल्लिकार्जुनं।
उज्जैन्यांमहाकालं मोम्कारं ममलेश्वरं।।
परल्यां वैद्यनाथं च, दाखिन्यां भीमशन्करं।
सेतुबन्धेतुरामेषं नागेशं दारुकावने।।
वाराणष्यां तु विश्वेशं, त्रयंबकं गौतमि तटे।
हिमालये तु केदारं धुश्मेषं च शिवालये।।
एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि, सायं प्रातः पठेन्नरः।
सप्त जन्म कृतं पापं स्मरेण विनश्यति।
ॐ नमः शिवाय।
रुद्रप्रयाग:
उखीमठ: ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट इस यात्रा वर्ष 9 मई प्रात: 5 बजकर 35 मिनट पर खुल रहे हैं। कपाट खुलने की प्रक्रिया के अंतर्गत शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में रविवार को भगवान भैरवनाथ जी की पूजा की गयी है। आज सोमवार प्रात: 9.30 बजे भगवान श्री केदारनाथ जी की चल विग्रह पंचमुखी डोली 6 मई प्रथम पड़ाव फाटा के लिए जम्मू-कश्मीर लाईट इंफेंटरी के बेंड की धुनों के बीच श्रद्धालुओं केभजन कीर्तन केसाथ श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में बड़ी संख्या में श्रद्धालु की अगवाई में फूलों की वर्षा के साथ प्रस्थान किया।
श्री केदारनाथ धाम के रावल श्री भीमाशंकर लिंग सहित श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति उपाध्यक्ष अशोक खत्री, कार्याधिकारी एन.पी.जमलोकी, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल, मंदिर सुपरवाइजर यद्धुवीर पुष्पवाण, वेदपाठी यशोधर मैठाणी, वेदपाठी विश्वमोहन जमलोकी श्री गुरू लिंग, पुजारी शिवशंकर लिंग,पुजारी बागेश लिंग, पुजारी
केदार लिंग, देवानंद गैरोला, डा.हरीश गौड़, प्रेम सिंह रावत, वीरेश्वर भट्ट, पुष्कर रावत,पशुपतिनाथ बगवाड़ी आदि डोली यात्रा शामिल हुए,
बाबा श्री केदार की पंचमुखी डोली श्री ओंकारेश्वर मन्दिर से केदारनाथ धाम के लिए प्रस्थान बाद बाबा की डोली मन्दाकिनी नदी पार करते हुए विद्यापीठ होकर गुप्तकाशी पहुंचने पर व्यपार मण्डल के अध्यक्ष बच्चन सिंह सयाणा परिवार के द्वारा बाबा की डोली का स्वागत सत्कार कर उनके घर पर अल्प बिश्राम कर गुप्तकाशी मंदिर के लिए प्रस्थान किया