बाल वैज्ञानिक ऋतिक ने किया क्षेत्र का नाम रोशन राष्ट्रपति ने भी की सराहना
बड़कोट/ (मदन पैन्यूली) सीमांत जनपद उत्तरकाशी के नौगांव ब्लॉक के बिगराड़ी गांव के ऋतिक चमियाल की इंजीनियरी को राष्ट्रपति ने भी सराहा। यहीं नहीं राष्ट्रपति ने देश भर से आए इन बाल वैज्ञानिकों के फेस्टिवल के वीडियो को अपने यूट्यूब चैनल पर भी अपलोड किया है। इसमें ऋतिक ने राष्ट्रपति को बारीकी से धान कूटने के लिए बनाई गई मशीन के मॉडल के बारे में बताया और चलाकर भी दिखाया। इस पर राष्ट्रपति ने ऋतिक को शाबाशी भी दी और हाथ मिलाकर ऋतिक के घर गांव का परिचय भी पूछा। सुदूरवर्ती गांव के ऋतिक चमियाल ने महिलाओं के बोझ को कम करने के लिए एक ऐसी मशीन बनाई है, जिससे महिलाएं आसानी से धान कूट सकेंगी। धान कूटने के लिए इस मशीन को ना तो पेट्रोल-डीजल की जरूरत होगी और ना ही बिजली की आवश्यकता। इस मशीन के मॉडल का चयन राष्ट्रीय स्तर पर हुआ है।
गुजरात के गांधीनगर में फेस्टिवल ऑफ इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप के कार्यक्रम में उत्तरकाशी के बिगराड़ी के ऋतिक चमियाल को भी आमंत्रित किया गया था। बीते शुक्रवार को हुए इस आयोजन में राष्ट्रपति डॉ. रामनाथ कोविद भी पहुंचे। अपने ट्वीट में राष्ट्रपति डॉ. रामनाथ कोविद ने कहा कि गुजरात के गांधीनगर में फेस्टिवल ऑफ इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप में युवा इनोवेटर्स के साथ बातचीत करने में खुशी हुई है। एक राष्ट्र के रूप में अपने लक्ष्यों तक पहुँचने में हमारी मदद करने के लिए नवाचार संस्कृति उत्प्रेरक हो सकती है। इन उज्ज्वल बच्चों को उनके भविष्य के प्रयासों के लिए मेरी शुभकामनाएं। वहीं राष्ट्रपति की ओर से मिली सराहना और शाबाशी से ऋतिक काफी खुश हुआ। बता दें कि ऋतिक नौगांव के ब्लॉक के राजकीय इंटर कॉलेज गडोली में कक्षा नौ का छात्र है। छोटे गांव के इस बड़े वैज्ञानिक ने धान कुटाई के लिए मशीन का मॉडल बनाया। अभिप्रेरित अनुसंधान के लिए विज्ञान खोज में नवोन्मेष प्रतियोगिता में ऋतिक के मॉडल को ब्लॉक, जिले और राज्य के बाद अब राष्ट्रीय स्तर पर भी सफलता मिली है। ऋतिक के मॉडल को राष्ट्रीय स्तर पर चुना गया है। उनका ये मॉडल अब देशभर की उन महिलाओं का मददगार होगा, जिनको धान कूटने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऋतिक के पिता किसन सिंह चमियाल गांव में ही मेहनत मजदूरी करते हैं तथा मां गृहिणी है।