HTML tutorial

गढ़वाली शब्दों को अपनी दिनचर्या में शामिल करें

Pahado Ki Goonj

गढ़वाली शब्दों को अपनी दिनचर्या में शामिल करें 

Excuse me – इनै सुणो
what- क्या च
why- किले
really – सच माँ
oh no- न रे ना
whats up- क्या हूणु च
done – ह्वे गे
not done – नि ह्वे
Let him go – जान द्यो वैथे
i dont know- मिथै नि पता
hurry – जल्दी / सरपट
Smooth – चिफुलू
Lady – कज्याण
man – आदिम
Father- बुब्बा जी
mother – ब्वे
Resolved – ह्वेगे
Sleeping- सीणु छौं
run away – दौड़ी कि जा
stay here – यखी रै
now – अब्बी
not now- अब्बी ना
never- कब्बी ना
Wife – ब्वारी
Boy- छ्वारा
Girl- छोरि
hey dude- हा रे लाटा
hey girl- हां रै लाटी /खड्योणी
Come here- इनै आ
Go There- फुण्ड जा
Same to same- जन्यकि तन्नी
Sunlight – तड़तुड़ घाम
very- भौत/बन्डया
less – ज़र्रा
basket- कंडू / डलुणु/ छटणा/टोकरी
gate- दरवाजू/मोर-सगांड़
Head -मुंड
Face -मुक
cheek -गल्वाड़ी
Finger – अंगुला
rat- मूसु
Confused- लाटु,

गढ़वाली कोचिंग क्लास ..http://गढ़वाली कोचिंग क्लास ..

पहाड़ की चोटी को यहां डाण्डा कहते हैं ।

बर्तनों को भाण्डा कहते हैं।
छोटे बच्चों को नौना कहते हैं
बुजुर्गों को दाना कहते हैं।।
साथक को दगड़्या कहते हैं ।
लड़ने को झगड़ा कहते हैं।
मोटे को तगड़ा कहते हैं ।
खरोंच को रगड़ा कहते हैं।।
छोटे भाई को यहा भुल्ला कहते हैं ।
किचन को यहा चुल्ला कहते है।
ब्रिज को यहा पुल कहते है ।
नहर को यहा कूल कहते है।।
पत्नी को यहाँ जनानि कहते है
जी मचले तो स्याणी कहते हैं
बियाई भैंस को लैन्दी कहते हैं ।
सब कुछ है पर छैन्दी निछैन्दी कहते है ।
आदमी को यहाँ मैस कहते हैं ।
बुफैलो को यहाँ भैंस कहते है।
जीजा को यहा भीना कहते हैं।
सोने को यहाँ सीणा कहते है।
फाटा लगाने को जोल कहते हैं
गोबर को यहाँ मोल कहते हैं ।
चावल को यहाँ भात कहते हैं ।
सादी को बरात कहते हैं।और
चौड़े वर्तन को परात कहते हैं ।
पित्र तर्पण को शराद कहते है ।

नमक को हम लूण कहते हैं ।
जंगल को हम बूण कहते हैं।
पहाड़ को हम ढौन्ड कहते हैं ।
खेत को हम पुंगड़ा कहते हैं ।
और सीधे रास्ते को सैंण कहते हैं ।
सिर दर्द को हम मुंडरू कहते हैं ।
गिरने को हम फरकेगे/लमडन कहते हैं ।
चालाक को हम चकड़ेत बोलते हैं ।
और सीधे को लाटा बोलते हैं ।
तेज लड़कों को हम चंट बोलते हैं ।
मोटे को ढंट बोलते हैं ।
पैजामे को हम सुलार कहते हैं।
फीवर को हम जैर-बुखार कहते हैं। सभार

–————————————————————–

Presented by पहाड़ों की गूंज हिंदी सप्ताहिक समाचार पत्र www.ukpkg.com  leading digital daily newsportal दैनिक समाचार पोर्टल

उत्तराखंड का प्रसिद्ध वेब मीडिया 2016

Jeetmani Painuly Editor 

Publish at Dehradun 

Agenda Busines Center 11/10Rajpur Road ddn. 248001

एजंडा बिजनेस सेंटर११/१०राजपुर रोड़ २४८००१

Available in FB, Twitter, whatsup Groups & All Social Media 

E-mail:pahadonkigoonj@gmail.com

पहाड़ों की गूंज में आप सहयोग करना चाहेंगे

Your Contribution:

pahadon ki goonj

Ac 705330110000013   bank of india haridwar road dehra dun

IFSC-BDIK00007053

MICR Code: 248013004. Branch Code: 007053

Next Post

आर्मी चीफ विपिन रावत ने गंगोत्री दर्शन यादगार बनादियाया

जनरल विपिन रावत   छोटी बग्वाल में अपने मामकोट उदालका गांव ,धनारी पट्टी नहीं जा पाये। सौंज गांव पौड़ी गढ़वाल के हैं आर्मी चीफ दुनिया की तीसरी नंबर की  फ़ौज के आर्मी चीफ जनरल विपिन रावत 6 तारीख को हर्षिल में रुके थे। 7 तारीख को प्रधानमंत्री के केदारनाथ से लौटने […]

You May Like