- क्रेडिट पॉलिसी में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की है।
दो माह में दूसरी बार रेपो दर में की गई बढ़ोतरी अगली मौद्रिक समीक्षा बैठक तीन अक्टूबर से होगी
अब रेपो रेट 6.25 फीसदी से बढ़कर 6.5 फीसदी हो गई है। रिजर्व बैंक ने लगातार दूसरी पॉलिसी में रेपो रेट बढ़ाया है। आरबीआई ने महंगाई की चिंता के कारण दरों में बढ़ोतरी की है। ये फैसला रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी ने 3 दिन तक चलने वाली बैठक में किया है। रेपो रेट बढ़ने से आपके होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन की EMI बढ़ जाएगी। रेपो रेट वो दर होती है जिस दर पर बैंक रिजर्व बैंक से पैसा लेते हैं।रिजर्व बैंक ने महंगाई को 4 फीसदी रखने का लक्ष्य बनाया है। जून में महंगाई 5 फीसदी के पार हो गई थी। महंगाई में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। सरकार ने किसानों की फसलों के लिए एमएसपी में इस बार बढ़ोतरी की है। इस कारण खाने के सामान महंगे होंगे। इससे महंगाई दर बढ़ेगी। अगर मॉनसून ठीक नहीं रहा तो भी महंगाई पर असर पड़ेगा।
रिजर्व बैंक मुख्यतौर पर महंगाई को काबू में रखता है। महंगाई को काबू में रखने के लिए ही रिजर्व बैंक रेपो रेट में बढ़ोतरी या कटौती करता है। अगर महंगाई कम होती है तो रेपो रेट में कटौती की जाती है ताकि लोग ज्यादा खर्च करें। लोगों को बैंको से कम ब्याज पर लोन मिलता है तो लोग अधिक से अधिक खर्च करते हैं। अगर महंगाई बढ़ रही होती है तो रिजर्व बैंक रेपो रेट बढ़ा देता है। इससे लोन महंगा हो जाता है और लोग ब्याज पर पैसा लेने से बचते हैं। बाजार में पैसा कम आता है तो महंगाई घट जाती है।