नैनीताल: हल्द्वानी के वर्तमान ट्रेन्चिंग ग्राउंड में उच्च न्यायालय द्वारा कूड़े के लिए इस्तेमाल नहीं करने के पूर्व के आदेश पर आज पुनःविचार याचिका दर्ज की गई थी ।उच्च न्यायालय ने प्रशासन और सरकार की बेरुखी से नाराजगी जताते हुए अपर प्रमुख वन संरक्षक(ए.पी.सी.सी.एफ.) को 24 घण्टे के भीतर कूड़ा निस्तारण के लिए लगभग 4 हैकटेयर जमीन हस्तांतरित कर रिपोर्ट कोर्ट में देने को कहा है। वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की खण्डपीठ ने एक हफ्ते में क्षेत्र के कूड़े को साइंटिफिक(वैज्ञानिक) तरीके से निस्तारित करने के लिए राज्य सरकार से प्लांट लगाने के प्रोजेक्ट की रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने को कहा है । न्यायालय ने कूड़ा निस्तारण पर संतोषजनक काम नहीं करने के लिए नैनीताल नगर पालिका के अधिशासी अभियंता और हल्द्वानी नगर निगम के आयुक्त के तबादले की बात भी कही है। मामले में कल दोपहर फिर होगी सुनवाई।
मामला दोपहर में खण्डपीठ के सम्मुख रखा गया जहां न्यायालय ने सरकार और प्रशासन से अनियमितताओं के बारे में पूछा । सरकार की तरफ से अधिवक्ता ने बताया कि उन्हें अभी तक ट्रेंचिंग ग्राउंड के लिए जमीन मुहैय्या नहीं कराई गई है जबकी उन्होंने वन विभाग को इसके एवज में वृक्षारोपण के लिए 15 लाख रुपये हस्तांतरित भी कर दिए हैं । इसके बावजूद दस मई से आजतक जमीन हस्तांतरित नहीं हुई है । अधिवक्ता ने न्यायालय से कहा कि जबतक जमीन हस्तांतरित नहीं होती तबतक प्लांट लगाने के लिए विज्ञापन भी नहीं दिए जा सकते ।
न्यायालय ने प्रशासन से कहा कि आप लोग कुछ काम नहीं करते हैं और केवल अखबारों में फ़ोटो खिंचाकर समझते हैं की काम हो गया। नैनीताल और हल्द्वानी के ग्राउंड और डस्टबिन गन्दे पड़े हैं । न्यायालय ने प्रशासन से पूछा कि आपको नदी के पास कूड़ा फैंकने के लिए अनुमति किसने दी है ? जिलाधिकारी विनोद कुमार सुमन के विनम्र निवेदन के बाद न्यायालय ने उठते हुए कहा कि “लेट दा पीपल रेज वौइस् अगेंस्ट यू” यानी जनता को आपके विरुद्ध आवाज बुलन्द करने दो ।