पत्रकार के लिए सूचना प्रसारण मंत्रालय प्रेस कार्ड जारी करने की नियमा वाली बनाने की तैयारी कर रहा है य सरकार को सही जानकारी देने वालों को सजा देने का बहाना l जितनी बाते लिखी जारही है उसके पीछे गलत आदमी को पत्रकार बनाने में अपराधी प्रबृति के लोंगो को राजनीतिक पार्टियों द्वारा चुनाव लड़ाने से बढ़ा है सही पत्रकार कभी अपराधी को राजनीति की वकालत नहीं करेगा नहीं उसके बारेमें अपनी तरफ से लिख पायेगा ,गंगा को गंगोत्री से सुद्ध करने से गंगा जल रूपी समाज सही हो सकेगाI अपराधी नेताओ के चंगू मंगू को प्रेस विग्यप्ति के नाते पत्रकार से जुगाड़ लगाने के फ़िराक में रहता है जब सरकार बनाए रखने के लिए अपराधी को जनसेवक बना ने पर लोकतंत्र की हत्या करने का प्रपंच रच रही है तो पत्रकार अपने को कैसे सुरक्षित रखेगा प्रथम दृष्टि को सूचना मंत्री, चुनाव आयोग , भारत के अतर्निजनरल, संबिधान पीठ को भी विचार करने की आवश्यकता लोकतंत्र में चौथे स्तम्ब को बचाने के लिए करनी चाहिए l
आने वाली पीढ़ी को आप जबाब नहीं दें पाएंगे I इस पर विचार मंथन राजनीति पार्टियों के लिए माननीय सर्वोच्च न्याय लय स्वयं संज्ञान लें कर सरकार को अपराध करने से भी बचा सकती है अब इच्छा शक्ति सिर्फ और सिर्फ न्यायलय के पास आज के दिन दिखाई देरही है l
भारत के लोकतंत्र की शक्ति है कि चाय बेचने वाले मोदीजी प्रधान मंत्री बना दिए भले ही उन्होंने गरीब की गाड़ी कमाई को किसानो का वाजिब 22000 करोड़ रूपये फसल का न देकर, बड़े उद्योग पतियों को उनकी झूठी रिपोर्ट की जाँच पड़ताल संसद की बहस के बिना 3लाख 86हजार करोड़ कर्ज माफ कर देश के 84अरब पति को मजबूत बनाने के साथ साथ 34नये अरब पति पैदा करगए किसान, मजदूर, आदि 125000आत्म हत्या इस राज में करगये इससे साफ जाहिर होता है कि गरीब घर से प्रधान मंत्री बना दें तो सत्ता पाने पर वह गरीब, उसका भला नहीं होसकता है इस पर पत्रकार ही विचार कर सकता है l आज भले ही धन के बदौलत बड़े मिडिया को मैनेज करने का काम होरहा है पर सोसियल मीडया ने सचाई उजागर कर अपने संसाधन से देश को सही जानकारी देकर इनको धूल चटाने में पीछे नहीं है l देश जनता की वकालत छोटे पत्र, पत्रकार कर रहे है l उनको समाप्त करने का सड़यंत्र कई समय से बीजेपी सरकार कर रही है l आज लोकतंत्र पत्रकार की उपेक्षा से खतरे में है l सही पत्रकार का सम्मान कौन करेगा इस आपराधिक राजनीति की बयार में l स्थनीय स्तर पर जाँच कर प्रेस कार्ड बनया जाना आवश्यक समाज के हित में है. I राजनीति में अपराधी नहीं आने पाए इस पर विचार सरकार को करना है तब प्रधान मंत्री आम आदमी की तरह सड़को पर घूम पाएंगे l अन्यथा सब बेकार की बाते जितना करें कम ही है l पत्रकार की सामजिक सुरक्षा जीने के साधन देने के लिए किसी का जमीर नहीं बोल रहा है l अपनी कमियों को पत्रकार प्रकाशित न कर पाये उसके लिए पत्रकारिता जगत को बदनाम करने में ज्यादा दबाव है l जो गलत है उसकी जाँच आईटी के जमाने में 24घंटे मे कीजिये l उसको सजा दें इसके कानून बनाया जाय