इन टी वी चैनलों से बचकर रहना देश वासियों
हमारे देश के टी वीचैनलों के बहस का मुद्दा गाय के मारने की बहस पर सीमित कर दिये जाते हैं।यह मुद्दा देश की गरीबी रेखा से निचे जीवन यापन करने वाले लोगों की चिंता को छोड़कर देश के लोक को भूलकर क्या देना चाहते हैं टी वी चेनल ,सरकार से अवाम से किये वायदे को पूरा करने की बहस कोन करेगा ।यह tv वालो को सोचना चाहिए या दर्शकों को इनके चेनल को देखना बन्द कर देना चाहिए।हमारे पैसे से फ़ालतू बहस कर हमारे समय ,देश का नुकसान से बचने के लिये tv बंद करने की ओर ध्यान रखना चाहिए।तब सही पत्रकार की भूमिका में आयोजित कार्यक्रम करना इनकी मजबूरी होगी। जरा सोचो देश की जनता का3लाख86हजार करोड़ रुपये2200 बड़े उद्योगपति के ऋण माफ कर दिया। यह रकम प्रत्येक नागरिक के हिस्से की 25 लाख से ऊपर होती है ।किसानों की फसल का रुपये नहीं दिया, तेल पर gst न लगाने से राजस्व का नुकसान हो रहा ,बेरोजगारी, प्रधानमंत्री ने चार साल में एक भी प्रेस कांफ्रेंस नहीं की इस पर बहस क्यों नहीं कर रहे हैं।मोटी रकम विज्ञापन लेने का जो सवाल है।वह देश के लिये नासूर बन रहा है