*🎀 अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस 🎀*
4 दिसंबर को हर साल अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस के रूप में चिह्नित किया जाता है। यह दिन दुनिया भर के लोगों को इस जानवर को विलुप्त होने के खिलाफ दौड़ जीतने में मदद करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए समर्पित है। चीता मांसाहारी होते हैं और वे आमतौर पर अपने शिकार का पीछा करते हैं और फिर उसके गले को काटते हैं, इसकी हवा की आपूर्ति (घुटन) काटकर इसे मार देते हैं।
>> अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस का इतिहास <<
अमेरिकी प्राणी विज्ञानी डॉ. लॉरी मार्कर को अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस बनाने का श्रेय दिया जाता है। डॉ. मार्कर ने 1991 में चीता संरक्षण कोष की स्थापना की और उन्होंने 2010 में 4 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस के रूप में नामित किया। उस वर्ष से, दुनिया इस दिन को मना रही है।
डॉ. मार्कर ने 4 दिसंबर को चुना क्योंकि यह खय्याम नाम की एक चीता का जन्मदिन था जिसे उसने ओरेगॉन में वाइल्डलाइफ सफारी में एक शावक से पाला था। खय्याम को री-वाइल्डिंग में पहली शोध परियोजना के लिए प्रशिक्षित किया गया और 1977 में नामीबिया की अपनी पहली यात्रा के लिए प्रेरित किया।
मार्कर खय्याम को यह देखने के लिए अफ्रीका ले गया कि क्या उसे जंगल में शिकार करना सिखाया जा सकता है। परीक्षण और त्रुटि के माध्यम से, डॉ. मार्कर अपने प्रयासों में सफल रहे और अंततः खय्याम को अमेरिका वापस ले आए।
> अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस का महत्व <<
इसी दौरान डॉ. मार्कर को पता चला कि नामीबिया के किसानों द्वारा चीतों को खत्म किया जा रहा है, जो उन्हें कीड़े के रूप में देखते थे, और उन्होंने इसके बारे में कुछ करने की कसम खाई। तो डॉ. मार्कर खय्याम के कारण चीता के चैंपियन बन गए, और चीता के सम्मान में चीता संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए इस जानवर के जन्मदिन को एक दिन के रूप में चुना।
अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस भी लोगों के लिए प्रकृति के करीब आने और अन्य जीवित प्राणियों को नुकसान या खतरे से बचाने का एक अवसर है।
आगे पढ़ें
*🎀 अंतर्राष्ट्रीय बैंक दिवस 🎀*
सतत विकास के वित्तपोषण में बहुपक्षीय और अंतर्राष्ट्रीय विकास बैंकों के महत्व को पहचानने के लिए 4 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय बैंक दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र भी सदस्य राज्य में जीवन स्तर में सुधार के लिए योगदान देने में बैंकिंग प्रणालियों की महत्वपूर्ण भूमिका को मान्यता देने के लिए यह दिन मनाता है। ‘अंतर्राष्ट्रीय बैंक दिवस’ वर्ष 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को प्राप्त करने में बहुपक्षीय विकास बैंकों तथा अन्य अंतर्राष्ट्रीय बैंकों के महत्वपूर्ण योगदान को दर्शाता है।
सतत विकास लक्ष्य (SDG), संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों द्वारा अपनाया गया एक वैश्विक साझेदारी लक्ष्य है, जिसका उद्देश्य विकसित व विकासशील सभी देशों में स्वास्थ्य एवं शिक्षा में सुधार के साथ-साथ गरीबी और अन्य अभावों को खत्म करना है। यह दिवस जीवन स्तर को सुधारने में बैंकिंग प्रणालियों की भूमिका को भी चिन्हित करता है।
>> अंतर्राष्ट्रीय बैंक दिवस का इतिहास <<
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने साल 2019 में, 4 दिसंबर को बैंकों के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में नामित किया। यह 2020 में पहली बार मनाया गया। यह दिन बहुपक्षीय विकास बैंकों और अन्य अंतर्राष्ट्रीय विकास बैंकों की सतत विकास के वित्तपोषण और जानकारी प्रदान करने की महत्वपूर्ण क्षमता की मान्यता के लिए मनाया जाता है और सदस्य राज्यों में जीवन स्तर में सुधार के लिए योगदान देने में बैंकिंग प्रणाली की महत्वपूर्ण भूमिका की मान्यता में भी मनाया l
आगे पढ़ें और प्रेस इस यज्ञ मे सम्मिलित होने की कोशिश कर अपने जिंदा होने का आभास कराया जाये
🌹🙏🌹देश मे प्रेस को संवैधानिक अधिकार देने के लिए वरिष्ठ पत्रकार जीतमणि painuli सम्पादक पहाड़ों की गूँज के आंदोलन का संज्ञान मा सुप्रीम कोर्ट ने लिया उनका सम्मान जयपुर 16 नवम्बर 2024 को मा गृहमंत्री राजस्थान सरकार एवं मंजू सुरना कार्यकारी अध्यक्ष IFSMN करते हुए 🌹👏
https://www.instagram.com/reel/DCddHq5hqP0/?igsh=ZjFkYzMzMDQzZg==
आगेपढ़ें
: *स्टेट प्रेस क्लब, मप्र की ऐतिहासिक पुष्कर-अजमेर यात्रा आज होगी प्रारंभ*
*इंदौर से पत्रकारों का प्रतिनिधिमंडल रवाना, सौहार्द और सांस्कृतिक समर्पण का प्रतीक बनेगी यात्रा*
*यह यात्रा केवल एक धार्मिक और पर्यटन यात्रा नहीं है, बल्कि पत्रकारों के लिए एक ऐसा मंच है जो उन्हें आपसी सौहार्द, सहयोग और संवाद के लिए एकत्र करता है। स्टेट प्रेस क्लब की यह पहल* *पत्रकारिता के साथ-साथ सामाजिक सौहार्द का भी प्रतीक है। इस यात्रा में 75से अधिक प्रतिभागी शामिल हो रहे हैं। बस, *टेम्पो ट्रेवल्स, कार, और ट्रेन के माध्यम से यात्रियों के लिए आरामदायक परिवहन की व्यवस्था की गई है। प्रमुख यात्री सूची में वरिष्ठ पत्रकार, संपादक और अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल हैं।*
*यात्रा का प्रारंभिक चरण*
*गांधी हॉल परिसर से बस, टेम्पो ट्रेवल्स एवं कार रवाना होंगे। यात्रियों को* *यात्रा के दौरान सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।*
*पुष्कर में विश्राम और स्वागत*
*यात्रा 5 दिसंबर को पुष्कर पहुंचेगी, जहां सभी यात्री माहेश्वरी सेवा सदन में* *ठहरेंगे। नाश्ता, दोपहर और रात्रि भोजन की* *समुचित व्यवस्था की गई* *है।*
*अजमेर का धार्मिक और सांस्कृतिक अनुभव*
*6 दिसंबर को सभी यात्री अजमेर के लिए रवाना होंगे। यहाँ मेयो कॉलेज का दौरा, साध्वी अनादि सरस्वती जी के आश्रम में चाय, और अजमेर शरीफ दरगाह पर दर्शन और स्वागत कार्यक्रम का *आयोजन होगा। यह यात्रा अजमेर के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को करीब से जानने का अवसर प्रदान करेगी।*
*यात्रा का समापन*
*6 दिसंबर की रात को अजमेर से इंदौर के लिए वापसी होगी, और 7 दिसंबर को सुबह 8 बजे यात्रा का समापन गांधी हॉल परिसर में होगा।*
*विशेष संदेश: प्रवीण खारीवाल ने इस यात्रा को पत्रकारिता के उच्च आदर्शों और आपसी सौहार्द का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, “यह यात्रा न केवल मनोरंजन और धार्मिक अनुभवों का संगम है, बल्कि यह पत्रकारों के* *बीच सहयोग और आत्मीयता को प्रोत्साहित *करने का प्रयास है।”*
*यह यात्रा उन सभी* *प्रतिभागियों के लिए* *यादगार साबित होगी, जो इस ऐतिहासिक यात्रा के माध्यम से सांस्कृतिक और आध्यात्मिक समृद्धि का *अनुभव करेंगे।*
*वंदे जागरण प्रिन्ट एन्ड इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ग्रुप*
आगे पढ़ें
सन् 1612 में अपने स्थापना काल से ही भारत की समुद्री सीमाओं की बहादुरी के साथ रक्षा करने वाले भारतीय नौसेना के नौजवानों,अधिकारियों को नौसेना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं,नौसेना दिवस 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में जीत हासिल करने वाली भारतीय नौसेना की शक्ति और बहादुरी को याद करते हुए मनाया जाता है. ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ के तहत 4 दिसंबर, 1971 को भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान के कराची नौसैनिक अड्डे पर हमला बोल दिया था. इस ऑपरेशन की सफलता को ध्यान में रखते हुए 4 दिसंबर को हर साल नौसेना दिवस मनाया जाता है.1612 में अपनी मूल स्थापना के बाद,देश की आजादी के बाद 1950 में पुनः स्थापित भारतीय नौसेना आज विश्व की 5 वीं बड़ी नौसेना है जो अपने 55000 नौसैनिकों ,अधिकारियों के अदम्य साहस,और हौसलों के बूते लगातार नयी बुलंदियों को छूकर एक नए आयाम की तरफ आगे बढ़ रही है, जो देश के बड़े क्षेत्र में फैली जल सीमाओं की रक्षा में रात दिन मुस्तैद है ,नौसेना दिवस के अवसर पर मैं देश के समुद्री सीमाओं के रखवालों ,नौसैनिकों,अधिकारियों,नौसेना से सेवाननिवृत सभी लोगों को और उनके परिवार को हार्दिक बधाई देता हूँ,आप निरन्तर बढ़ते रहे,आपकी सलामती की प्रार्थना सर्वशक्तिमान ईश्वर से करता हूँ।
जय हिन्द, जय भारत।
भारत माता की जय।
चन्द्रशेखर पैन्यूली।
निवर्तमान प्रधान लिखवार गांव
जिला उपाध्यक्ष सक्षम टिहरी गढ़वाल.