अमर बलिदानी श्रीदेव सुमन की पुण्यतिथि पर शत शत नमन

Pahado Ki Goonj

टिहरी, राजशाही के खिलाफ आंदोलन की अगवाई करने वाले जनक्रांति के महान नायक,महान स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी श्रीदेव सुमन जी को उनके शहादत दिवस (25जुलाई1944) पर शत शत नमन।टिहरी गढ़वाल के चम्बा ब्लॉक में जौलगांव में पण्डित हरिकृष्ण बडोनी  जो पेशे से वैध  रहे और तारादेवी के घर (मई1915)जन्मे सुमन ने स्वंतन्त्रता आंदोलन के साथ साथ टिहरी में राजा द्वारा जनता पर किये जा रहे अत्यचार का भारी विरोध कर राजशाही को हिला दिया था, इससे पूर्व इनका विवाह विनय लक्ष्मी   सकलानी सुमन  से हुआ  शादी के बाद वह आंदोलन में कूद पड़े जिस कारण उन्हें जेल में डाल दिया गया वहां आटे  कांच पीस कर उन्हें खिलाया जाता था। तब  जहां उन्होंने 84 दिनों के आमरण अनशन के बाद आज के ही दिन अपने शरीर को त्याग दिया,भारी जनाक्रोश की आशंका को देखते हुए जेल प्रशासन ने चुपचाप रात में ही श्रीदेव सुमन जी की पार्थिव देह को जेल की पिछली दीवार से भिलंगना में बहा दिया,श्रीदेव सुमन टिहरी ही नही बल्कि देश के स्वतंत्रता संग्राम के महान नायक भी थे, नेहरू जीने उनके भारत के प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू ने उनका नाम अखिल भारतीय कांग्रेस सम्मेलन में लेकर उन्हें नमन किया।अविभाजित उत्तर प्रदेश के दौर में हुए 13 वीं विधानसभा चुनावों में सात महिलाएं विधानसभा पहुंची। इनमें तीन महिलाएं ऐसी हैं जो अपने सियासी कौशल से दो-दो बार उत्तरप्रदेश की विधानसभा के लिए निर्वाचित हुईं। विनय लक्ष्मी सुमन 1957 में निर्विरोध चुनी गईं दुबारा वह  4000 के लगभग वोट विजय हुई 

परन्तु दुर्भाग्य की बात है कि स्वतंत्रता आंदोलन में गांधी जी,नेहरू जी,आजाद जी,भगतसिंह जी जैसे नेताओं के साथ विभिन्न आंदोलनों में रहने के बावजूद भी उन्हें उपेक्षित करने के बाद ।उनका नाम सूरज चाँद के रहने तक के लिए जनता नारे लगाती है।श्रीदेव सुमन भले ही 1944 में इस दुनिया से चले गए हो पर वो मरे नही वो अमर है,उनकी याद में   टिहरी में सुमन चौक,  पार्क ,सुमन पुस्तकालय,टिहरी डैम का नाम सुमन सागर और अब उनके नाम से श्रीदेव सुमन विश्विद्यालय भी है,श्रीदेव सुमनजी की जयन्ती पर टिहरी जनक्रांति में उनके सहयोगी रहे हमारे गांव के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पूर्व प्रधान स्व लक्ष्मी प्रसाद पैन्यूली जी और पूर्व सांसद टिहरी प्रजामण्डल के प्रथम अध्यक्ष  व स्टेट के पहले प्रधान मंत्री रहे स्व परिपूर्णनन्द पैन्यूली जी, नरहारी दत पैन्यूली को भी हम प्रणाम करते है ।
श्रीदेव सुमन जी आप अमर है,और अमर रहेंगे,श्रीदेव सुमन जिन्दाबाद, आज के दिन टिहरी जेल में उनको पहनाई गईं बेड़ी के कुछ हिसे दिखाने के लिए उनके नाम की जेल कोठरी में रखें है जो हमें बुराई के प्रतिकार करने के लिए प्रेरणा देते है कि हमने आपको आजादी देने के लिए अपने प्राण दिए है  अब आपको रक्षा करने के लिए बलिदान देना पड़ेगा।एक बार पुनः महान क्रांतिकारी सुमन जी को उनकी पुण्यतिथि पर कोटि कोटि नमन। 🌹👏🏾जीत मणि,
चन्द्रशेखर पैन्यूली

 

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