अयोध्या में 500 वर्ष के लंबे संघर्ष पर लगा विराम 22 जनवरी को प्रभु श्री राम अपने भव्य महल में विराजमान होने वाले हैं

Pahado Ki Goonj

दुनियाभर के लिए कौतुहल , रामभक्तों के लिए आकर्षण और अयोध्या के लिए विजय का दिन करीब आ रहा है। अयोध्या में 500 वर्ष के लंबे संघर्ष पर विराम लग रहा है. 22 जनवरी को प्रभु राम अपने भव्य महल में विराजमान होने वाले हैं. प्रभु राम के विराजमान होने से पहले रामलला भी करोड़पति बन गए हैं. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि जैसे-जैसे प्राण प्रतिष्ठा की तारीख नजदीक आ रही है. वैसे-वैसे लाखों की संख्या में भक्त दिल खोलकर रामलला के तिजोरी में अपना अंशदान कर रहे हैं.आज हम आपको राम मंदिर के खजाने के बारे में बता रहे हैं।

निर्माण कार्य में 900 करोड़ हुए खर्च ayodhya ram mandir

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कोर्ट के निर्देश पर राम मंदिर के निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन हुआ. आज भगवान राम लला का मंदिर आकार ले चुका है लेकिन जिस समय रामलला के ट्रस्ट का गठन हुआ उस समय मंदिर निर्माण के लिए बड़ी धनराशि की आवश्यकता थी. राम मंदिर ट्रस्ट ने देशभर में निधि समर्पण अभियान चलाया. इसके साथ ही राम भक्तों ने अपने आराध्य के मंदिर में दर्शन पूजन के उपरांत दान पात्र में बड़ी संख्या में दान किया. रामलला के दान पात्र बैंक खातो और निधि समर्पण अभियान के बाद इतना धनराशि इकट्ठा हुई कि आज भगवान राम लला का मंदिर बन कर तैयार है.


कोषाध्यक्ष गोविंद देवगिरी की माने तो रामलला के मंदिर निर्माण के पश्चात रामलला के खातों में अभी भी 3000 करोड़ रुपए की धनराशि शेष है. यानी कि भगवान राम लला हजारों करोड़ रुपए के मालिक है राम लला के मंदिर निर्माण के पश्चात भी हैं. राम लला के खजाने में कुबेर की कृपा बरस रही है. भगवान राम लला का मंदिर बनकर तैयार है. 22 जनवरी को भव्य मंदिर में रामलला विराजमान होंगे और इस दरमियान लगभग 900 करोड़ से ज्यादा खर्च रामलला के मंदिर निर्माण के निमित्त हो चुका है. रामलला के भक्तों ने रामलला के लिए दिल ही नहीं अपने खजाने भी खोल दिए.


ट्रस्ट के खाते में अभी हैं इतने हजार करोड़

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देवगिरी ने बताया कि राम मंदिर निर्माण में भगवान कुबेर की विशेष कृपा है. प्रभु राम की कृपा से उनके भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है. गोविंद देवगिरी ने बताया कि लगभग 3000 करोड़ रुपए आज भी हम लोगों के पास सुरक्षित है. गोविंद देव गिरि ने बताया कि मंदिर बनने के लिए जिस प्रकार से एक राशि की आवश्यकता थी लगभग वह राशि हमारे पास सुरक्षित है.

 

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