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जानिए किससे और क्यों हुआ था हनुमानजी का विवाह
शास्त्रों में हनुमान जी को भक्ति, साहस, शौर्य, शक्ति, चरित्र, और सदाचार का प्रतीक माना गया है। सभी गुणों सिद्धियों से संपन्न होने के कारण ही हनुमान जी को सकल गुण निधानं और ज्ञानिनाम अग्रगण्यम् कहा जाता है। वैसे तो हनुमान जी को लोग ब्रह्मचारी के रूप में जानते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि हनुमान जी को भी शादी करनी पड़ी थीं ? जी हां, दक्षिण भारत में एक स्थान ऐसा हैं, जहां आज भी हनुमान जी अपनी पत्नी सुवर्चला से शादी करनी पड़ी थी। आइए जानते हैं कि हनुमान जी क्यों करनी पड़ी थी शादी ?
देश में प्रथम प्रेस महा कुम्भ मे आने वाले साथियों का हार्दिक स्वागत करते हैं-संयोजक जीतमणि पैन्यूली
卐ॐ देश में प्रथम प्रेस महा मे आने वाले साथियों का हार्दिक स्वागत करते हैं।प्रेस की समस्याओं को लेकर देश के पत्रकारों का महा कुम्भ हरिद्वार 06 जनवरी 2024 को पंत द्वीप के मैदान में आयोजित होने जा रहा है।य़ह आयोजित होने वाले समागम पत्रकारों की अपनी मांगों के साथ-साथ आपनी खोई हुई प्रतिष्ठा से उभारने के लिए ,आय बढ़ाने में मदद करेगा, कम समय में सभी प्रेस से जुड़े लोगों से बातचीत करने के लिए जुनून पैदा करने के लिए आप आगे आएं और अपने और अपने जिला, प्रदेश के पत्रकार साथियों के मोबाइल no Whatsap no हमे 7983825336 या ईमेल pahadonkigoonj@gmail.com पर भेजे, ताकि महा कुम्भ में आने के लिए आपको निमन्त्रण कार्ड समय से आपके राज्य की राजधानी में,दिया जा सके ।अबतक इस पुण्य कार्यक्रम के आयोजन में आय व्यय की जानकारी प्रत्येक राज्य के पत्रकार वार्ता में दी जाएगी।य़ह पहला पारदर्शिता के साथ होने वाला महानायक कार्यक्रम होगा। आप सौभाग्यशाली है कि आपके उपस्थित संयोग में आने वाली पीढ़ी के लिए यादगार बनाने का प्रयास किया जा रहा है। कार्यक्रम की सफलता के लिए अर्थिक सहयोगात्मक आप paytam no 9456334283
Jeetamani a/c No, 705010110007648,IFSCode:BKID0007050,Bank of India Dehradun. 卐ॐ। संयोजक के नाम से भेजने की कृपा कीजिएगा।
अबतक की सबसे बड़ी उपलब्धि प्रेस महाकुंभ में 06 जनवरी 2024 की भोजन व्यवस्था करने की जिम्मेदारी भारतीय किसान यूनियन के सम्मानित अध्यक्ष श्री सोम दत्त शर्मा जी लेलि है प्रेस महाकुंभ की ओर से उनके एवं यूनियन के उज्वल भविष्य की कामनाएँ करते हैं ।
अब आवासीय, एवं पंडाल व्यवस्था के लिए प्रत्येक व्यक्ति को 1500 एक हज़ार पांच सौ रुपए की कम से कम सहयोग राशी भेजनी है ।
इस मंदिर में पत्नी संग होती है हनुमानजी की पूजा Hanuman Marriage Secrets
वैसे तो रामचरित मानस और रामायण में हनुमान जी के ब्रह्मचारी स्वरूप का वर्णन मिलता है, लेकिन परासर संहिता में इनके विवाह का भी जिक्र मिलता है। हालांकि कहा तो यह भी जाता है कि इस विवाह के बावजूद भी हनुमान जी ब्रह्मचारी ही रहे। लेकिन तेलंगाना के खम्मम जिले के येल्नाडू नामक स्थान पर हनुमाजी की पूजा उनकी पत्नी के साथ की जाती है। बता दें कि हनुमानजी का यह मंदिर राजधानी हैदराबाद से लगभग 220 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है। कहा जाता है कि हनुमानजी और सुवर्चला का यह मंदिर बेहद प्रचीन है। इसके अलावा यह मंदिर इकलौता ऐसा मंदिर है जहां हनुमान जी अपनी पत्नी सुवर्चला से साथ प्रतिमा रूप में स्थापित हैं। यहां हनुमान जी और माता सुर्वचला के दर्शन हेतु लोग दूर-दूर से आते हैं। इतना ही नहीं, इस मंदिर में ज्येष्ठ शुक्ल दशमी के दिन हनुमानजी और माता सुवर्चला के विवाह का उत्सव भी मनाया जाता है।
क्यों करना पड़ा था हनुमानजी को विवाह
हनुमान जी के गुरु महाराज भगवान सूर्य थे। जिनके पास 9 विद्याएं यानी 9 निधियां मौजूद थीं। हनुमान जी भी अपने गुरु से सारी विद्याएं सीखना चाहते थे। हालांकि सूर्य देव ने अपने शिष्य हनुमान जी को 9 में से 5 विद्याओं का ज्ञान तो दे दिया, मगर बची हुई 4 विद्याएं प्रदान करने की जब बारी आई तो सूर्य देव संकट में फंस गए। दरअसल ये चार विद्याएं उन्हें ही प्रदान की जा सकती थीं, जो विवाहित हो। ऐसे में इस समस्या के समाधान के लिए सूर्य देव ने हनुमान जी विवाह करने का प्रस्ताव दिया।
विवाह के बाद भी रहे ब्रह्मचारी
हनुमान जी पहले तो सूर्य देव की इस सलाह को मानने के लिए तैयार नहीं हुए, लेकिन जब सूर्य देव ने उन्हें यह आश्वासन दिया कि कन्या तपस्या के बाद पुनः उनके तेज में विलीन हो जाएगी। जिसके बाद हनुमान जी विवाह के लिए राजी हो गए। फिर हनुमान जी का विवाह सूर्य देव की तेजस्वी और तपस्वी पुत्री सुवर्चला के साथ हुआ। हालांकि विवाह के बाद भी हनुमानजी ब्रह्मचारी ही रहे, क्योंकि उसके बाद सुवर्चला तपस्या में लीन हो गईं।