बधाई हो, भारत!” बता दें कि भारत अब दक्षिणी ध्रुव के पास उतरने वाला पहला देश बन गया है।
चंद्रयान-3 का ये पैगाम खबर लिखे जाने तक (50 मिनट के अंदर) दो लाख से ज्यादा बार रीट्वीट किया जा चुका है।
इसे करीब 5 लाख लाइक्स भी मिल चुके हैं। वैसे ये पहला मौका नहीं जब Chandrayaan-3 ने अपने संदेशों ने लोगों
का दिल जीता है। इससे पहले भी चंद्रयान-3 अपने हर पड़ाव के बारे में देश को बताता रहा है।
भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर साफ्ट लैंडिंग कराने वाला दुनिया का पहला देश तथा चांद की सतह पर साफ्ट लैंडिंग
करने वाले चार देशों में शामिल हो गया है। इसरो के महत्वाकांक्षी तीसरे चंद्रमा मिशन ”चंद्रयान-3” के लैंडर
मॉड्यूल (एलएम) ने बुधवार शाम चंद्रमा की सतह को चूम कर अंतरिक्ष विज्ञान में सफलता की एक नयी इबारत रची।
वैज्ञानिकों के अनुसार इस अभियान के अंतिम चरण में सारी प्रक्रियाएं पूर्व निर्धारित योजनाओं के अनुरूप ठीक से चली।
यह एक ऐसी सफलता है जिसे न केवल इसरो के शीर्ष वैज्ञानिक बल्कि भारत का हर आम और खास
आदमी टीवी की स्क्रीन पर टकटकी बांधे देख रहा था। लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ से लैस एलएम ने बुधवार शाम
6.04 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की। यह एक ऐसी उपलब्धि है,
जो अब तक किसी भी देश को हासिल नहीं हुई है। इसरो के अधिकारियों के मुताबिक,
लैंडिंग के लिए लगभग 30 किलोमीटर की ऊंचाई पर लैंडर “पॉवर ब्रेकिंग फेज” में कदम रखता है
और गति को धीरे-धीरे कम करके, चंद्रमा की सतह तक पहुंचने के लिए
अपने चार थ्रस्टर इंजन की ‘रेट्रो फायरिंग’ करके उनका इस्तेमाल करना शुरू कर देता है।