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 कांग्रेस  माफी मांगे, उत्तराखंड मांगा था गढ़वाल कुमाऊँ में बांट के रख दिया नेताओं ने

Pahado Ki Goonj

कांग्रेस  माफी मांगे, उत्तराखंड मांगा था गढ़वाल कुमाऊँ में बांट के रख दिया नेताओं ने
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ प्रदेश संगठन समन्वयक *जोत सिंह* *बिष्ट* उपाध्यक्ष *आर पी रतूड़ी ने* कॉंग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उत्तराखण्ड *करन मेहरा* के दिए गए बयान पर घोर निंदा व्यक्त करते हुए कहा गढ़वाल की जनता का अपमान अपने सम्बोधन में खुला गाली का किया गया प्रयोग अशोभनीय है।


जिस गढ़वाल के वीर सपूत और वीरांगनाओं का एक लंबा इतिहास रहा हो उस प्रदेश की जनता पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मानसिक दिवालिया होकर वीर सपूतों की धरती को अपमानित करने का काम कर रहे हैं यह वह धरती है जहां वीरों ने जन्म लिया स्व श्री *चंद्रशेखर गढ़वाली* , *वीर माधो सिंह, श्री* *देव सुमन , श्रीमती तिलु रोतेली* , *श्रीमती गौरा देवी , श्री* *सुन्दर लाल बहुगुणा, हेमती* *नंदन बहुगुणा* जैसे वीर सपूतों की जन्म स्थली उत्तराखंड में आज राजनीति का स्तर इतना गिरा दिया की प्रदेश की जनता के ऊपर थूकने जैसे शब्दों का इस्तेमाल करके कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने अपनी ओछी मानसिकता का परिचय दिया है उनकी रैली में अगर भीड़ नहीं है जनता उन्हें स्वीकार नहीं कर रही है तो अपनी गलतियां ढूंढे कांग्रेस जनता ने दो-दो बार उन्हें मैंडेट दिया सरकार बनाई उस वक्त प्रदेश की जनता महान थी और आज अगर उनके पीछे अपने काम छोड़कर भीड़ नहीं आती तो क्या नेता उस प्रदेश को कोसने का काम करेगा।
*प्रदेश प्रवक्ता कमलेश रमन* ने महिला की सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए कहा कि उत्तराखंड बनाने में महिलाओं ने अपना सर्वोच्च निछावर करके अपने प्राणों की आहुति देकर इस प्रदेश को बनाने का काम किया इस प्रदेश में आज तक कोई भी महिला मुख्यमंत्री नहीं बनने दी पुरुष प्रधान नेताओं ने तो आज किस मानसिकता के तहत यह प्रदेश की जनता के ऊपर इतना बड़ा प्रश्न चिन्ह लगा सकते हैं थूक जैसा शब्द तो इन नेताओं के खिलाफ प्रयोग होना अति आवश्यक है जिन्होंने विपक्ष में रहते हुए मित्र विपक्ष की भूमिका निभाने का काम कर रखा है सदन से लेकर सड़कों तक भाजपा के कृतियों में पूरा सहयोग करते हैं और प्रदेश की जनता पर लांछन लगाते हैं अपनी विफलताओं का ठीकरा गढ़वाल और कुमाऊं में बाटकर अपनी जीभ का परिचय देते हैं प्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए करण मेहरा को और उनके शीर्ष नेतृत्व को उन्हें तत्काल प्रभाव से प्रदेश अध्यक्ष पद से निलंबित करना चाहिए यह उस मातृशक्ति के ऊपर कुठाराघात होगा जिन्होंने इस प्रदेश की बागडोर भ्रष्टाचार में लिफ्त उन राजनेताओं के हाथों में वोट के माध्यम से दी जो लोग महिला सुरक्षा के नाम पर सिर्फ रस्म अदायगी करते हैं ।
ऐसे लोगों को पदों पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
आम आदमी पार्टी उत्तराखण्ड कॉंग्रेस केंद्रीय नेतृत्व से मांग करती है कि  करण महरा को तत्काल कार्यवाही कर उनके पद से मुक्त किया करें अगर कार्यवाही नहीं होती है तो आम आदमी पार्टी करण मेहरा के द्वारा कहे गए घृणित शब्दों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराएगी ।
कमलेश रमन प्रदेश प्रवक्ता आम आदमी पार्टी उत्तराखंड

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कृषि मंत्री गणेश जोशी की  प्रेस कांफ्रेंस  की जानकारी

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*शंकराचार्य जी के आह्वान पर पूरे देश में निकलेंगी आदि विश्वेश्वर की डोली रथ यात्रा- शैलेन्द्र योगीराज*

वाराणसी,26,7,2023

परमाराध्य परमधर्माधीश अनंतश्रीविभूषित जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानन्द: सरस्वती जी महाराज के आह्वान पर अब पूरे देश में निकलेंगी आदि विश्वेश्वर डोली रथ यात्रा। जगद्गुरु शंकराचार्य ने किया है ग्यारह लाख शिव लिंग की स्थापना की घोषणा हर गाँव व मोहल्ले से आएंगे ग्यारह लाख शिवलिंग। इसी क्रम में आज आदि विश्वेश्वर प्रतीक पूजा एवं ग्यारह लाख शिव लिंग की स्थापना के राष्ट्रीय प्रभारी शैलेन्द्र योगीराज सरकार व पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज के मीडिया प्रभारी संजय पाण्डेय व डॉ गिरीश चन्द्र तिवारी ने संयुक्त रूप से की पत्रकार वार्ता।

पत्रकार वार्ता में शैलेन्द्र योगीराज सरकार,संजय पाण्डेय व डॉ गिरीश चन्द्र तिवारी ने संयुक्त रूप से बताया कि यह आदि विश्वेश्वर डोली रथ यात्रा प्रतापगढ़ से चल कर काशी पहुँची है। अति शीघ्र काशी में भी यह डोली रथ यात्रा भ्रमण करेंगी।इसकी सूचना शीघ्र ही दी जाएगी।आदि विशेश्वर की डोली रथयात्रा भारत के सात लाख गांवों व चार लाख मुहल्लों में निकाल कर सनातनधर्मियों से एक एक शिवलिंग प्रदान करने की अपील की जाएगी।

ज्ञातव्य है कि परमाराध्य परमधर्माधीश ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य जी महाराज ने काशी से प्रस्थान करने से पूर्व शंकराचार्य घाट स्थित श्रीविद्यामठ में स्फटिक के शिवलिंग पर प्रकट हुए आदि विशेश्वर की प्रतीक पूजा के उपरांत उपस्थित सन्तों,भक्तों व देश के सनातनधर्मियों को एक संदेश जारी करते हुए कहा था कि आदि विशेश्वर को प्रकट हुए एक वर्ष से अधिक समय बीत गया है लेकिन अभी तक उनके पूजन,राग भोग की व्यवस्था सुनिश्चित नही की जा सकी है। भारी दुःख है कि हम भारत देश मे अपने देवी देवताओं का प्रसन्नता के साथ पूजा अर्चन नही कर पा रहे हैं।आज हम 11 लाख से अधिक संख्या में जिन जिन सनातनधर्मियों ने आदि विशेश्वर से की प्रतीक पूजा की है उन सभी से एक एक शिवलिंग काशी आकर देने की अपील करते हैं।और उन 11 लाख शिवलिंगों को काशी स्थापित कर उनकी प्रतीक पूजा की जायेगी।
ज्ञातव्य है कि पिछले वर्ष काशी में आदि विशेश्वर के प्रकट होने पर ब्रम्हलीन द्वयपीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य जी महाराज के आदेश पर वर्तमान ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्री:
अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती जी महाराज आदि विशेश्वर शिवलिंग की पूजा करने जा रहे थे।उस समय प्रशासन ने उन्हें रोक दिया था।जिससे क्षुब्ध होकर पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज भीषण गर्मी में काशी स्थित श्रीविद्यामठ में निर्जल तपस्या पर बैठ गए थे।और अपनी तपस्या पर अडिग होकर 108 घण्टे तक बैठे रहे उनका स्वास्थ जब अत्यधिक बिगड़ने लगा तो और इसकी जानकारी ब्रम्हलीन शंकराचार्य स्वरूपानंद जी महाराज को हुई तो उन्होंने वर्तमान शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती जी महाराज को आदेश दिया कि तुम अपना तपस्या समाप्त करो और प्रकट हुए आदि विशेश्वर की प्रतीक पूजा करो।अकाट्य गुरु आज्ञा को मानकर वर्तमान ज्योतिष्पीठाधीश्वर जी महाराज ने अपना तपस्या समाप्त कर दिया।और देश वासियों से उनके नजदीक स्थित शिवलिंग पर आदि विशेश्वर की प्रतीक पूजा करने की अपील की।जिसके बाद पूरे देश मे 11 लाख से अधिक सनातनधर्मियों ने प्रतीक पूजा की।और सम्बंधित छायाचित्र व चलचित्र पूज्यपाद महाराज जी के पास भेजा।
आज एक वर्ष से अधिक समय व्यतीत होने पर भी आदि विशेश्वर की पूजा व्यस्था प्रारम्भ नही हो पाने से मर्माहत ज्योतिष्पीठाधीश्वर जी महाराज ने समस्त समस्त सनातनधर्मियों से एक शिवलिंग देने का आग्रह किया।और कहा कि आदि विशेश्वर के पूजन हेतु न्यायालय में लंबित केस को इस न्यायालय से उस न्यायालय इस तारीख से उस तारीख पर टाला जा रहा है।और कोई सार्थक निर्णय लिया जा रहा है।जिससे हमारे सहित 100 करोड़ से अधिक सनातनधर्मी अत्यंत मर्माहत व व्यथित हैं।जब किसी बच्चे,व्यक्ति या महिला का मुकदमा चलता है तो उसे भूखा नही रखा जाता तो क्यों आदि विशेश्वर को भोग राग पूजन इत्यादि से वंचित रखा जा रहा है।जल्दी ही न्यायालय को 100 करोड़ से अधिक सनातनधर्मियों के भावनाओं को ध्यान में रखकर प्रकट आदि विश्वेश्वर केस में उचित निर्णय लेना चाहिए।

*पत्रकारवार्ता के दौरान विंध्याचल से एक भक्त आशीष गुप्ता ने आकर तीन शिवलिंग लाकर श्रीविद्यामठ में समर्पित किया*

 

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