NH-707A Tyuni-Chakrata-Mussoorie-New Tehri-Maletha (Km 0 to 311) Closed in km 148 kempty Market and km 167 near JP bend EOT 10 am
NH-07 (Old 58) Open
NH-107(Old 109) Rudraprayag – Gaurikund (Km 0 to 76) : Closed at km 14 tilwada, byung gad km56, fata km 62,tarasali km 65 currently,EOT 3 hours
NH -107A Chamoli – Chopta – Kund (Km. 0 to 84.200) : OPEN
NH -109(Old 87E) Jeolikot-Quarab-Panduwakhal – Karanprayag (Km.0 to 235) : Open
NH -534 (Old 119) Kotdwara-Satpuli-Pauri: (Km. 138 to 276) : OPEN
NH -134(Old 94) Rishikesh-Dharasu-Phoolchatti (Km.142 to 238) Open
NH -506(123) Closed in km 46 near aglad bridge due to landslide EOT 1 hrs
NH -09(Old 125) Tankpur to Pithoragrh (Km. 52 to 199) : OPEN
NH-109 (Old 87) Kathgodam to Nainital (Km. 89 to 123) : OPEN
NH- 309B Almora to Panar (Total 77.10 Km.) : OPEN
NH-309A Gangolihat to Almora (Total 206.60 Km.) : OPEN
NH-707 (Old 72B) Fediz to Snail (Total 40.50 Km.) : OPEN
NH-309 (Old 121) Kashipur- Ramnagar-Dhumakot-Buakhal (Km 0 to 264) : OPEN
NH-07 (Old 72) Paunta Sahib- Dehradun-Mohkampur (Km. 104 to 165.14) : OPEN
NH-307 (Old 72A) Daat Kali Temple to ISBT (Km. 37 to 40.50) : OPEN
NH-334A Purkaji- Laksar (Km. 15 to 61.50) : OPEN
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय स्थित आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम से प्रदेश में हो रही अतिवृष्टि की जानकारी ली।
उन्होंने सभी जिलाधिकारियों से फोन पर वार्ता कर निर्देश दिए कि हर चुनौती का सामना करने के लिए प्रशासन को अलर्ट मोड पर रखा जाय।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी आपदा की स्थिति में लोगों को शीघ्र राहत मिले, इसके लिए पूरी तैयारी रखी जाए।
जनपदों में खाद्य सामग्री, आवश्यक दवाइयों एवं अन्य आवश्यक सामग्री की पूरी व्यवस्था रखी जाए। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वर्षा के कारण सड़क, विद्युत, पेयजल व्यवस्थाएं बाधित होने की दशा में, सभी व्यवस्थाएं संबंधित विभागों से तत्काल सुचारू की जाय।
मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा प्रबंधन को निर्देश दिए कि लक्सर, खानपुर एवं प्रदेश के अन्य ऐसे स्थानों जहां पर कम बरसात के बावजूद भी जलभराव की समस्याएं आ रही हैं, ऐसे स्थानों के लिए ड्रेनेज की उचित व्यवस्था हो, इसके लिए दीर्घकालिक प्लान बनाया जाय। सभी जिलाधिकारियों से लगातार संपर्क बनाए रखने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए हैं, ताकि जनपदों में कुछ भी आवश्यकता पड़ने पर शीघ्र उपलब्ध कराई जा सके। मुख्यमंत्री ने सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ द्वारा तैनात की गई फोर्स के बारे में भी जानकारी ली।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा, अपर सचिव श्री सविन बंसल, एसीईओ आपदा प्रबंधन रिद्धिम अग्रवाल एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
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*एसीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने राज्य से जल्द से जल्द बालश्रम, भिक्षावृति तथा बाल विवाह समाप्त करने हेतु ठोस एक्शन प्लान बनाने के निर्देश दिए*
*बालश्रम व भिक्षावृति से मुक्त हुए बच्चों का अपने परिवारों में ही पुनर्वास को प्राथमिकता दी जाए-एसीएस श्रीमती राधा रतूड़ी*
*राज्य में आउट ऑफ स्कूल बच्चों का एक सटीक डाटाबेस जल्द तैयार किया जाएगा*
*शासन स्तर पर एक हाई पॉवर कमेटी के गठन पर भी चर्चा*
*कमजोर परिवारों (वलरेनबल फैमिली) को सरकारी योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करवा कर ही भिक्षावृति एवं बालश्रम का स्थायी समाधान संभव -एसीएस*
अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सम्बन्धित विभागों को एनजीओ के साथ मिलकर राज्य से जल्द से जल्द बालश्रम, भिक्षावृति तथा बाल विवाह समाप्त करने हेतु सटीक एक्शन प्लान बनाने के निर्देश दिए हैं। एसीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि बालश्रम व भिक्षावृति से मुक्त हुए बच्चों का संस्थागत पुनर्वास के स्थान पर अपने परिवारों में ही पुनर्वास को प्राथमिकता दी जाए। बालश्रम व बाल भिक्षावृति को रोकने के लिए सम्बन्धित विभागों व एनजीओं को स्थायी समाधान (सस्टेनबल सोल्यूशन) पर काम करना होगा। मंगलवार को अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सचिव समाज कल्याण, सचिव विद्यालयी शिक्षा, सचिव श्रम, पुलिस अधिकारियों सहित राज्य में बाल संरक्षण एवं कल्याण के लिए कार्य कर रहे विभिन्न गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के प्रतिनिधियों के साथ राज्य में बालश्रम, भिक्षावृति एवं बाल विवाह को समाप्त करने के लिए एक ठोस कार्ययोजना बनाने के सम्बन्ध में बैठक लेते हुए निर्देश दिए कि प्रदेश में ऐसे कमजोर परिवारों (वलरेनबल फैमिली) को चिन्हित किया जाना जरूरी हैं जिनकी खराब आर्थिक स्थिति के कारण बच्चें बालश्रम व भिक्षावृति की ओर बढ़ रहे हैं। ऐसे चिन्हित परिवारों को सरकार द्वारा संचालित सभी सामाजिक एवं कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करवाया जाना चाहिए। इसके साथ ही एसीएस ने स्कूलों से ड्रॉप आउट बच्चों, स्कूलों में गैरहाजिर रहने वाले बच्चों, आउट ऑफ स्कूल बच्चों का एक सटीक डाटाबेस भी जल्द ही तैयार करने के निर्देश दिए।
बैठक के दौरान राज्य में बालश्रम, भिक्षावृति एवं बाल विवाह को जल्द से जल्द समाप्त करने के लिए शासन स्तर पर एक हाई पॉवर कमेटी के गठन पर भी चर्चा की गई। इस कमेटी में बाल संरक्षण के लिए कार्य कर रहे गैर सरकारी संगठनों की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इसके साथ ही बैठक में भिक्षावृति में लिप्त आउट ऑफ स्कूल बच्चों के लिए स्पेशल स्कूलों व मोबाइल स्कूलों को प्रोत्साहित करने पर भी विचार किया गया।
बैठक में सचिव श्रीमती राधिका झा, डा. रविनाथ रमन, मेजर योगेन्द यादव, विशेष सचिव गृह श्रीमती रिद्धिम अग्रवाल, अपर सचिव गृह श्रीमती निवेदिता कुकरेती, अपर सचिव श्रीमती अमनदीप कौर, आनंद स्वरूप, डीआईजी श्रीमती पी रेणुका देवी, बचपन बचाओं आंदोलन से मनीष शर्मा, सुरेश उनियाल तथा विभिन्न एनजीओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
आगे पढ़ें मनोरंजन से अपने इतिहास और सनातन धर्म की परंपराओं के साथ जुड़ने का अवसर भी मिलता है।
उल्लेखनीय है की इस रामलीला में चैपाई, कथा, संवाद,मंचन आदि सब टिहरी की 1952 से चली आ रही प्रसिद्ध व प्राचीन रामलीला के जैसा ही होगा, जिससे टिहरी के लोगों का अपनत्व देहरादून में भी जुड़ा रहे।
टिहरीकृनगर देहरादून में आयोजित हुई बैठक में सचिव अमित पंत , गिरीश चन्द पांडे, नरेश मुल्तानी, मनोज जोशी, राकेश पांडे, अंबुज शर्मा, नितिन पांडे आदि ने भाग लिया।
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सत्ता बनाम विपक्षी एकता
राष्ट्रीय राजनीति में होड़ और अपनी ताकत बढ़ाने का मौसम आ गया है। दो तारीखें-17 और 18 जुलाई-महत्त्वपूर्ण हैं। बेंगलुरू में विपक्षी दलों की बैठक जारी है। इस बार 7 नए दल भी विपक्षी एकता की मुहिम में जुड़े हैं, लिहाजा अब 24 दल विपक्षी मंच पर लामबंद होने की प्रक्रिया में हैं। आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के बीच जो पेंच थे, उन्हें कस दिया गया है। अब केजरीवाल और ‘आप’ के अन्य नेता भी विपक्षी एकता के अभियान से जुड़े हैं। मंगलवार 18 जुलाई को ‘राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन’ (एनडीए) की बैठक है, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी भी शिरकत करेंगे। कुछ नए दलों को भाजपा ने निमंत्रण भेजा है। उनमें सुभासपा, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट), जनसेना पार्टी आदि ने तो भाजपा के साथ गठबंधन घोषित भी कर दिया है। इनमें से ज्यादातर दल पहले भी भाजपा के साथ रहे हैं, उनके नेता राज्यों की कैबिनेट में मंत्री रहे हैं, फिर पाला बदल कर किसी और के साथ गठबंधन किया और अब 2024 के आम चुनाव से पहले एक बार फिर लौट रहे हैं। विचारधारा का कोई आधार नहीं है, विशुद्ध रूप से अवसरवादी और मलाईदार राजनीति का आकर्षण है। हरियाणा में ‘जननायक जनता पार्टी’ साझा सरकार में है, लेकिन हैरानी है कि तेलुगूदेशम पार्टी, जनता दल-एस, अकाली दल आदि के नेताओं ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के स्तर तक बातचीत की है और सौदेबाजी जारी है।
भाजपा का दावा है कि एनडीए की बैठक में 30 दलों के नेता शिरकत कर रहे हैं। इनमें अधिकतर दल भाजपा-विरोधी रहे हैं, लेकिन एनडीए के साथ भी राजनीति करते रहे हैं। यह पूरी तरह चुनाव जीतने का जुगाड़ है, क्योंकि उनकी प्रत्यक्ष विचारधारा बिल्कुल विरोधाभासी है। बहरहाल एनडीए और विपक्षी गठजोड़ का विस्तार स्पष्ट है। चुनाव इन्हीं समीकरणों पर तय नहीं होते। इन दलों के अलावा बसपा, बीजद, वाईएसआर कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, भारत राष्ट्र समिति आदि कुछ बेहद महत्त्वपूर्ण दल हैं, जो अपने-अपने क्षेत्र में प्रभावशाली हैं और कुछ दल तो सत्ता में भी हैं। घोषित रूप से ये दल न तो विपक्षी एकता के पाले में हैं और न ही एनडीए के घटक हैं, लेकिन संसद में महत्त्वपूर्ण और विवादास्पद विधेयकों पर वे भाजपा का समर्थन करते रहे हैं। विपक्ष में तृणमूल कांग्रेस बनाम वामदल बनाम कांग्रेस पार्टी के गहरे विरोधाभास भी हैं। पंचायत चुनाव के मुद्दे पर कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चैधरी, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ, कोलकाता उच्च न्यायालय तक में गए हैं। अधीर सार्वजनिक तौर पर ममता बनर्जी के खिलाफ कठोर शब्दों वाले बयान भी देते रहे हैं। तृणमूल के प्रवक्ता वामदलों की राजनीति के नफरत की हद तक विरोधी हैं।
लिहाजा चुनावी एकता सवालिया लगती है। विपक्षी एकता की बेंगलुरू बैठक में सबसे महत्त्वपूर्ण यह रहेगा कि सभी दल साझा न्यूनतम कार्यक्रम सहमति से तय करें और शुरुआती स्तर पर सीटों की बांट का खाका तैयार करें। राजनीतिक दावे तो खोखले होते हैं, लेकिन यह तय किया जाना चाहिए कि लोकसभा की कमोबेश 350-400 सीटों पर विपक्ष का एक ही साझा उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे। इसके लिए कांग्रेस की सहमति बुनियादी है, क्योंकि 2019 के चुनाव में उसके प्रत्याशी 209 सीटों पर दूसरे स्थान पर रहे थे। एक और राजनीतिक घटना हुई है। महाराष्ट्र में शरद पवार की पार्टी एनसीपी पर उन्हीं के भतीजे अजित और उनके साथियों ने कब्जा कर लिया है। उन्होंने चुनाव आयोग में नाम और निशान के लिए अर्जी भी दे ही है। कुछ ऐसा ही उद्धव ठाकरे के साथ हुआ था। जाहिर है कि पार्टियों में ऐसी टूट-फूट से ताकत का क्षरण तो होता ही है। पवार कमजोर होंगे, तो विपक्ष कमजोर होगा। इन स्थितियों से विपक्षी एकता कैसे मुकाबला करेगी, बैठक में इस पर भी विमर्श हो सकता है।
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रायपुर क्षेत्र में नाले के ऊफान में 8 मकान जमींदोज पुलिस ने चलाया रेस्क्यू अभियान नाले से मलबा हटाकर पुलिस ने सुचारू किया बहाव लोगों को पुलिस ने सकुशल निकाला देहरादून। थाना रायपुर क्षेत्र के अंर्तगत शांति विहार और सपेरा बस्ती के बीच बहने वाले नाले में बाढ़ आ गई। बाढ़ के पानी से 04 मकान और 04 दुकानें ध्वस्त हो गई हैं। स्थानीय लोगों द्वारा पुलिस को इसकी सूचना दी गई। सूचना मिलते ही रायपुर पुलिस द्वारा राहत बचाव कार्य करते हुए समय रहते नाले की चपेट में आए मकान और दुकान खाली कराये गये। साथ ही सुबह तक चले रेस्क्यू कार्य में नाले के बहाव को सुचारू रूप से चलाने के लिए नाले में गिरे मलबे को हटाया गया। नाले के आसपास रहने वाले सभी लोगों को घरों से हटाते हुये सतर्क किया गया। सोमवार की रात को थाना रायपुर पुलिस को सूचना मिली कि थाना शांति विहार में कुछ मकान अत्यधिक वर्षा के कारण नाले की बाढ़ में ध्वस्त हो गए हैं। इस सूचना पर पुलिस बल मौके पर पहुंचा। पुलिस ने देखा कि शांति विहार में 02 मकान और 02 दुकानें ध्वस्त हो गई हैं। अत्यधिक वर्षा में नाले में पानी का बहाव लगातार बढ़ रहा है। नाले में आए अत्यधिक पानी के कारण शांति विहार और नाले के दूसरी तरफ सपेरा बस्ती के कई मकान प्रभावित हो रहे हैं। इस पर रायपुर पुलिस द्वारा कंट्रोल रूम को सूचित करते हुए शांति विहार और नाले के दूसरी ओर सपेरा बस्ती में रहने वाले सभी व्यक्तियों को उनके घरों और दुकानों से बाहर निकाला गया। लगातार क्षेत्र में थाने की गाड़ी से सभी को सतर्क किया गया। कई घरों में लोग सोते पाये गये। पुलिस द्वारा समय से लोगों को उनके घरों से बाहर निकाल कर सुरक्षित स्थानों में ले जाया गया। कुछ समय बाद 02 दुकानें और 02 मकान नाले के पानी के बहाव में ध्वस्त हो गये।कहर बरपा रही बारिश
मलबा और बोल्डर गिरने से कई मोटर मार्ग बाधित
जनजीवन हुआ अस्त-व्यस्त
पुलिस की सतर्कता से टली जनहानि देहरादून। थाना रायपुर प्रभारी कुंदन राम ने बताया है कि बारिश अधिक होने के कारण शांति विहार और सपेरा बस्ती के बीच नाले में आए अत्यधिक पानी के कारण शांति विहार के मदन सिंह नेगी का मकान, दिनेश अग्रवाल की दुकान, अवधेश मित्तल का मकान और शमीम की तीन दुकानें ध्वस्त हो गईं। सपेरा बस्ती में राजू का मकान और सुरेंद्र का मकान ध्वस्त हो गया है। साथ ही पुलिस द्वारा समय से की गई कार्रवाई में घरों में सो रहे व्यक्तियों को उनके मकानों से बाहर निकाला गया, जिससे बड़ी जनहानि टल गई। सुबह तक चले रेस्क्यू में नाले में गिरे मकान के मलबे को जेसीबी के माध्यम से हटाया गया। सभी लोगों को लगातार सतर्क किया गया। पुलिस कार्रवाई की आम जनता ने प्रशंसा की है।आगे पढ़ें
कहर बरपा रही बारिश मलबा और बोल्डर गिरने से कई मोटर मार्ग बाधित जनजीवन हुआ अस्त-व्यस्त देहरादून। टिहरी में तेज बारिश के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सबसे ज्यादा दिक्कतें हैं स्कूल जाने वाले बच्चों को उठानी पड़ रही है। वहीं अभिभावकों का कहना है कि जिस दिन बारिश होती है, उस दिन स्कूल प्रशासन को अपने अधिकारों का प्रयोग करके अवकाश देना चाहिए। ताकि छोटे बच्चों को स्कूल जाने में दिक्कत ना हो। क्योंकि पहाड़ों की भौगोलिक स्थिति मैदानी क्षेत्रों से अलग होती हैं। इसलिए स्कूलों इस दिशा में फैसला लेना चाहिए। टिहरी में तेज बारिश के चलते मसूरी बाईपास रोड बंद हो गई है। जिसके बाद सड़क खोलने के लिए मौके पर जेसीबी मशीन भेजी गई है। वहीं टिहरी डीएम मयूर दीक्षित में सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह बारिश में अलर्ट रहें और कर्मचारियों की छुट्टियां निरस्त की गई हैं। साथ ही डीएम ने सभी अधिकारियों अपना मोबाइल फोन ऑन रखने को कहा है। जिससे लोगों को समय रहते राहत पहुंचाई जा सकें।आगे पढ़ें
कालसी चकराता मोटर मार्ग बाधित उत्तराखंड में बारिश का सिलसिला लगातार जारी है। इसी कड़ी में जौनसार बाबर की लाइफ लाइन कही जाने वाला कालसी चकराता मोटर मार्ग जगह-जगह बंद हो गया है। मार्ग पर मलबा और बोल्डर आने से बाधित हो गया है। जिसके चलते जगह-जगह वाहन फंसे हुए हैं। जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोक निर्माण विभाग साहिया के सहायक अभियंता राधिका शर्मा ने बताया कि चार मशीनें मौके पर भेज दी गई है। लगातार बारिश हो रही है, जिसके चलते मार्ग खोलने में दिक्कत पैदा हो रही है।आगे पढ़ें
कोटद्वार में बारिश से नदी नाले उफान पर पौड़ी में मूसलाधार बारिश से जनजीवन प्रभावित हो गया है। भारी बारिश से जनपद में सभी नदियां उफान पर बह रही हैं। भारी बारिश से राष्ट्रीय राजमार्ग 119ध्534 लगातार बाधित हो रहा है। नेशनल हाईवे-534 कोटद्वार दुगड्डा के मध्य यात्री फंसे हुए हैं। जनपद में अब तक 10 पेयजल योजना बाधित हुई हैं। साथ ही जिले में लोक निर्माण विभाग की 30 मार्ग बंद हैं, पीएमजीएसवाई के 13 मार्ग और एक राज्य मार्ग, दो मुख्य जिला मार्ग, 27 ग्रामीण क्षेत्रों के मार्ग बाधित होने से लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं।आगे पढ़ें
श्रीनगर में धन सिंह रावत ने किया निरीक्षण प्रदेश के स्वास्थ्य व शिक्षा मंत्री डॉ। धन सिंह रावत ने श्रीनगर में अलकनंदा नदी पर रेलवे द्वारा तैयार नवनिर्मित मोटर पुल व अल्केश्वर घाट का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि मानसून के दौरान अलकनंदा नदी का जलस्तर बढ़ने से अल्केश्वर घाट को नुकसान न पहुंचे, इसके लिए सुरक्षात्मक कदम उठाए जाएंगे। साथ ही कहा कि जीजीआईसी में निर्माण कार्यों के लिए दो करोड़ की धनराशि जारी कर दी गई है। वहीं अलकनंदा किनारे सुरक्षा दीवार के लिए 8 करोड़ रुपए दिए हैं।धन सिंह रावत ने कहा कि श्रीनगर के 8 स्कूल मॉडल स्कूल के रूप में विकसित होंगे। इस दौरान उन्होंने पौध रोपण भी किया।
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अंकिता की न्यायिक हत्या की आशंकाः करन माहरा
कांग्रेस स्वाभिमान न्याय यात्रा पहुंची डोभ श्रीकोट पौड़ी। कांग्रेस की स्वाभिमान न्याय यात्रा अंकिता भंडारी के गांव डोभ श्रीकोट पहुंची। इस दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और मनीष खंडूड़ी ने अंकिता के परिजनों से मुलाकात की। साथ ही अंकिता को न्याय दिलाने के लिए हर संभव मदद का भरोसा दिया। कांग्रेसियों ने परिजनों के साथ दिवंगत अंकिता की स्मृति में एक फलदार पौधा भी रोपा। करन माहरा ने आरोप लगाया कि सरकार के इशारे पर हत्याकांड के सारे सबूतों को नष्ट किया गया। आज तक वीआईपी के नाम को सार्वजनिक नहीं किया गया। दरअसल, पौड़ी से शुरू हुई कांग्रेस की स्वाभिमान न्याय यात्रा करन माहरा की अगुवाई में डोभ श्रीकोट स्थित दिवंगत अंकिता भंडारी के गांव पहुंची। पौड़ी शहर से करीब 15 किमी दूर अंकिता के गांव तक कांग्रेसियों ने पदयात्रा की। जहां कांग्रेसियों ने पूरे रास्ते अंकिता को न्याय दिलाने को लेकर जमकर नारेबाजी भी की। इसी बीच कोटद्वार कोर्ट से लौट रहे अंकिता के माता-पिता की स्वाभिमान न्याय यात्रियों से भेंट हो गई। जिसके बाद अंकिता की माता सोनी देवी और पिता वीरेंद्र भंडारी के साथ कांग्रेस की टीम उनके घर पहुंची। जहां उन्होंने दिवंगत बेटी की स्मृति में पौधारोपण भी किया। सामाजिक कार्यकर्ता आशुतोष नेगी ने भी सभी दलों और गढ़वाल-कुमाऊं के लोगों से स्वाभिमान न्याय यात्रा से जुड़ने की अपील की। ताकि पहाड़ की बेटी अंकिता भंडारी को न्याय मिल सके। उधर, अंकिता के परिजनों ने इस लड़ाई में उनका साथ देने के लिए कांग्रेसियों का आभार जताया।
मोदी-धामी सरकार में बहन बेटियां हैं लाचारः कांग्रेस कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि पहले तो सरकार ने अंकिता भंडारी हत्याकांड के वीआईपी को बचाने के लिए सारे सबूत नष्ट कराए। यहां तक कि वनंत्रा रिजॉर्ट में बुलडोजर तक चला दिया। जिससे रिजॉर्ट से सारे सबूत नष्ट हो गए। अब उन्हें डर है कि कहीं उसकी अब न्यायिक हत्या न हो। करन माहरा ने कहा कि जिस तरह से परिजनों के बार-बार आग्रह करने पर भी अंकिता केस में सरकारी वकील नहीं बदला। जब अंकिता की मां सोनी देवी ने आत्मदाह की चेतावनी दी, तब जाकर सरकार की नींद टूटी और सरकारी वकील को बदलने की कार्रवाई शुरू हुई। उन्होंने हर समय भंडारी दंपत्ति को मदद का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि जब भी उन्हें जरूरत होगी, पूरी कांग्रेस टीम उनके साथ खड़ी होगी।आगे पढ़ें
14 लाख की अफीम के साथ तीन नशा तस्कर गिरफ्तार उत्तर प्रदेश से लाए थे माल रुद्रपुर। खटीमा पुलिस ने अफीम की खेप के साथ तीन तस्करों को दबोचा है। जिनके पास से करीब 1.7 किलो अफीम बरामद की गयी है। इस अफीम की कीमत करीब 14 लाख रुपए आंकी गई है। आरोपी उत्तर प्रदेश से अफीम की खेप लेकर आए थे। इसे वो जिले में सप्लाई करने जा रहे थे। आरोपियों से पुलिस ने एक कार भी बरामद की है, जिसे सीज कर दिया गया है। वहीं, तीनों तस्करों को कोर्ट में पेश किया जा रहा है। एसपी क्राइम चंद्रशेखर घोड़के ने बताया कि पुलिस टीम को सूचना मिली थी कि उत्तर प्रदेश से अफीम की खेप उधम सिंह नगर जिले में लाई जा रही है। जिस पर टीम ने बिजटी रोड पर सघन चेकिंग अभियान चलाया। तभी यूपी बॉर्डर से एक आई 10 कार आती हुई दिखाई दी। पास आने पर जब उसे रोका गया तो चालक समेत कार सवार अन्य दो लोग बगले झांकने गए। ऐसे में शक होने पर पुलिस की टीम ने कार की तलाशी ली। तलाशी लेने पर कार से 1.758 किलोग्राम अफीम बरामद हुई। पूछताछ में आरोपियों ने अपने नाम धर्मेंद्र कुमार अवस्थी, पंकज शुक्ला निवासी शाहजहांपुर और हरीश कुमार निवासी पीलीभीत, यूपी बताया। आरोपियों ने बताया कि वो अफीम यूपी से लेकर आए थे। जिसे वो उधम सिंह नगर में खपाने जा रहे थे। आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया है। फिलहाल, आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जा रहा है। इसके अलावा उनके आपराधिक इतिहास भी खंगाला जा रहा है। साथ ही अफीम किससे खरीदी गई और किसे सप्लाई की जा रही थी, इसकी भी जानकारी जुटाई जा रही है।
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गोपाल बने भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष
जिलाध्यक्ष बनने पर उत्तरकाशी में खुशी की लहर उत्तरकाशी। भारतीय किसान संघ उत्तराखण्ड के अध्यक्ष भुवन विक्रम डोभाल ने गोपाल डोभाल (गोलू) को भारतीय किसान संघ उत्तरकाशी का जिलाध्यक्ष नियुक्त किया है। जिससे क्षेत्र में खुशी की लहर है। जिलाध्यक्ष बनने पर गोपाल डोभाल को बधाई देने वालों का तांता लग गया है। गोपाल डोभाल को भारतीय किसान संघ उत्तरकाशी का जिलाध्यक्ष नियुक्त करते हुए प्रदेश अध्यक्ष भुवन विक्रम डोभाल ने कहा कि गोपाल डोभाल से आशा जताई जा रही है कि उनके मार्गदर्शन में भारतीय किसान संघ प्रगति करेगा। उन्होंने कहा कि कृषि एवं कृषि से संबंधित कार्य करने वाले किसानों व छोटे व्यापारियों को गोपाल डोभाल के जिलाध्यक्ष बनने से लाभ मिलेगा। साथ ही किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए गोपाल हमेशा से प्रयास करते रहे हैं। उन्होंने गोपाल डोभाल को नियुक्ति पत्र सौपते हुए कहा कि उनसे आशा जताई जाती है कि जल्द ही वह भारतीय किसान संघ उत्तरकाशी की जिला कार्यकारिणी का गठन कर लेगे। जिसमें वह तीन उपाध्यक्ष, एक मंत्री, 2 सहमंत्री, एक प्रचार प्रमुख, एक महिला प्रमुख व 12 सदस्यों की नियुक्ति करेंगे। गोपाल डोभाल लम्बे समय से उत्तराकाशी में समाजिक सेवा में जुड़े हुए हैं। गोपाल बौख टिब्बा सेवा समिति के भटिया गांव के अध्यक्ष भी हैं। वह लगातार क्षेत्र के विकास के लिए प्रयास कर रहे हैं। भारतीय किसान संघ का जिलाध्यक्ष बनाने पर गोपाल ने शीर्ष नेतृत्व का आभार जताया है। उन्होंने कहा है कि जो जिम्मेदारी उन्हें दी गई है उस पर वह खरा उतरने का प्रयास करेंगे।
फोटो डी 3 दून के भूमाफिया में कोहराम, सीबीआई करे जांच चाय बागान की भूमि के दस्तावेजों के छेड़छाड़ मामले में केस दर्ज नौ रजिस्ट्रार और 28 लिपिक जांच के घेरे में देहरादून। चाय बागान और सीलिंग की जमीन के मामले में भूमाफिया और अफसरों की सांठगांठ का खुलासा हो गया है। शासन ने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी को आदेश दिये हैं। भूमि रिकार्ड में हेराफेरी हुई है। हजारों करोड़ रुपये के इस खेल को उजागर करने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट विकेश नेगी का कहना है कि यह जमीन सरकार की है। जमीन के खुर्द-बुर्द होने से सरकार को करोड़ों की चपत लगी है। इस घोटाले के तार यूपी, दिल्ली और हरियाणा से भी जुड हैं। ऐसे में एसआईटी जांच की बजाए यह मामला सीबीआई को दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि जरूरत हुई तो वह इस मामले में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करेंगे। दरअसल, आरटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट विकेश नेगी ने पिछले साल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी कि देहरादून में चाय बागान की जमीन की खरीद-फरोख्त चल रही है जो कि गैरकानूनी है। सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि 10 अक्टूबर 1975 के बाद चाय बागान की जमीन की खरीद-फरोख्त नहीं की जा सकती है। यदि ऐसा होता है तो यह जमीन स्वतः ही सरकार की हो जाएगी। एडवोकेट नेगी के अनुसार रायपुर, रायचकपुर, लाडपुर और नत्थनपुर समेत जिले में चाय बागान की सीलिंग की जमीन को खुर्द-बुर्द किया जा रहा है। इस मामले में देहरादून अपर जिलाधिकारी की कोर्ट में भी सुनवाई चल रही है। इस मामले को लेकर जिला प्रशासन भी लचर रवैया अपनाए हुए था। लेकिन अब सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और 1978 से 1990 के भू रिकार्ड के साथ छेड़छाड़ की बात को स्वीकार किया है। कई बैनामों के पेपर बीच में से फाड़ दिये गये हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले की जांच के आदेश एसआईटी को दिये हैं। कोतवाली पुलिस में केस दर्ज किया गया है। इस मामले में नौ सब रजिस्ट्रार और 28 लिपिक जांच के घेरे में हैं। यह भी बता दें कि जिला प्रशासन ने पहले इस मामले को हलके में लिया तो हाईकोर्ट भी इस मुद्दे पर सख्त हो गया। नैनीताल हाईकोर्ट ने चाय बागान की सीलिंग की भूमि की खरीद-फरोख्त मामले में दायर एक जनहित मामले की सुनवाई के दौरान सरकार द्वारा समय पर हलफनामा दाखिल न किये जाने पर नाराजगी जतायी। हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार पर 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। इस जुर्माने को हलफनामा दाखिल करने में कोताही बरतने वाले अधिकारी से वसूलने के आदेश दिये गये हैं। यह जनहित याचिका एडवोकेट विकेश नेगी ने दायर की है। इसमें कहा गया है कि चाय बागान की सीलिंग की जमीन सरकार की है, लेकिन कुछ अफसरों और भूमाफिया की मिलीभगत से इस भूमि की अवैध खरीद-फरोख्त हो रही है। इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस विपिन सांघवी और जस्टिस राकेश थपलियाल की बेंच कर रही है। इस मामले को उजागर करने वाले अधिवक्ता और आरटीआई एक्टिविस्ट विकेश नेगी ने कहा कि यदि विंडलास की भूमि घोटाले का एक छोटा सा मामला सीबीआई को सौंपा जा सकता है तो चाय बागान की चार हजार और सीलिंग की तीन हजार बीघा जमीन जो कि करोड़ों की है, उसकी जांच एसआईटी की बजाए सीबीआई को देनी चाहिए। उनके अनुसार इस मामले में निबंधन और राजस्व विभाग के अफसरों की मिलीभगत है और इसके तार पूरे उत्तर भारत में फैले हुए हैं। उन्होंने कहा कि एसआईटी बाहर के प्रदेशों में मामले की जांच नहीं कर सकती है। ऐसे में यह जांच सीबीआई को देनी चाहिए। विकेश नेगी ने कहा देहरादून नगर निगम से जुड़े भूमि प्रकरण, भू रिकार्ड व रजिस्ट्रीयों की जांच भी सरकार को करानी चाहिए। यहां भी जमीनों के गड़बड़झाले से जुड़े कई बड़े खुलासे होंगे। जमीनों के घोटाले को अफसरों और नेताओं की मिलीभगत से ही भूमाफिया अंजाम देते हैं। उन्होंने कहा कि जरूरत होगी तो इस मामले में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की जाएगी। इधर नगर निगम में भी भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे है। जिसपर प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है।
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अपनी पत्नी की हत्या कर चालक फरार हरिद्वार। ज्वालापुर में एक कार चालक अपनी पत्नी की हत्या कर फरार हो गया। सूचना पर पहंुची पुलिस ने मृतका के शव को अपने कब्जे में लेकर पीएम के लिए भेज दिय है। पुलिस ने आरोपित की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार, ज्वालापुर आर्यनगर क्षेत्र की राजीवनगर बस्ती निवासी नीटू पेशे से कार चालक है। 18 साल पहले नेपाल मूल की गीता से शादी की थी। दोनों के तीन बच्चे हैं। बड़ा बेटा ऋषभ 17 साल, जबकि बेटी गौरी 11 साल और छोटा बेटा वैभव सात साल का है। नीटू ने मामूली कहासुनी के बाद किसी भारी चीज से गीता के सिर पर हमला करते हुए हत्या कर दी। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और से जानकारी जुटाई। पड़ोसियों ने पुलिस को बताया कि पति-पत्नी के बीच अक्सर झगड़ा होता रहता था। ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी कुंदन सिंह राणा ने बताया कि मृतका के देवर अंकित सैनी की ओर से उसके पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर ले गया है। जल्द ही आरोपित को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।आगे पढ़ें
कारोबारी की सांप से कटवाकर हत्या, बहन ने दर्ज कराया हत्या का केस हरिद्वार। एक कारोबारी की सांप से कटवाकर हत्या कर दी गई है। कारोबारी की बहन की तहरीर के आधार पर माही व दीप कांडपाल नाम के युवक पर हत्या की धारा में केस दर्ज कर लिया है। पुलिस जल्द मामले का पर्दाफाश कर सकती है। मंगलवार को पुलिस को दी तहरीर में कारोबारी की बहन ईशा चैहान ने पुलिस को बताया कि उनका छोटा भाई अंकित चैहान 14 जुलाई को शाम छह बजे अपने शोरुम आटो एम्पायर रामपुर रोड से अपनी कार यूके 04 क्यू 1574 में निकला था। इससे पहले अंकित ने छोटे भाई अभिमन्यू को बताया कि वह माही व दीप काण्डपाल से कुछ बात करने जा रहा है। इसके बाद अंकित नहीं लौटा। उन्हें शक है कि माही व उसके साथी दीप कांडपाल ने साजिश के तहत उसके भाई की हत्या कराई है। कोतवाल हरेंद्र चैधरी ने बताया कि तहरीर के आधार पर दोनों युवकों पर हत्या का केस दर्ज कर लिया है।आगे पढ़ें
भारी बारिश के दौरान विद्यालय की दीवार ढही गोपेश्वर। दशोली विकास खंड के राजकीय प्राथमिक विद्यालय छिनका का विद्यालय भवन भूस्खलन की भेंट चढ़ गया। यहां निर्माणाधीन सड़क के मलबे से विद्यालय भवन के कक्षों की दीवार क्षतिग्रस्त हो गई है, जिससे कक्ष मलबे से भर गए हैं। विद्यालय में 43 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। रात्रि को भारी बारिश के दौरान विद्यालय की दीवार ढह गई, जिससे दो कक्ष पूरी तरह से मलबे से भर गए हैं। विद्यालय भवन को भी भूस्खलन से खतरा बना हुआ है। विद्यालय का बरामदा और एक कक्ष सही हालत में हैं। यहीं कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। प्रधानाध्यापक कुलदीप रावत का कहना है कि विद्यालय भवन की दीवार गिरने की सूचना उच्च अधिकारियों को दे दी गई है। अभिवावक संघ के अध्यक्ष विवेक सती का कहना है कि बच्चों की सुरक्षा प्राथमिक है। यहां पर निर्माणाधीन सड़क का पानी व मलबा भारी बारिश के कारण बहकर आ रहा है। विद्यालय में हर वक्त खतरा ही खतरा है।आगे पढ़ें
नदी नालों के किनारे बसे आबादी क्षेत्र खतरे में, एसएसपी ने संभाला मोर्चा देहरादून। वर्तमान में हो रही भारी बारिश के चलते जनपद के कई स्थानों पर भारी जल भराव की स्थिती उत्पन्न हो रही है। इसके साथ नदी नालों के किनारे बसे आबादी क्षेत्र में भी लगातार खतरे की स्थिती बनी हुई है। एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने अधीनस्थों को ऐसे स्थानों पर अतिरिक्त संवेदनशीलता के साथ कार्य करते हुए ऐसे स्थानों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने तथा लगातार भ्रमणशील रहते हुए लोगों को सतर्क करने के सम्बन्ध में निर्देश दिये हैं। वहीं भारी बारिश के कारण नेहरू कालोनी थाना क्षेत्रान्तर्गत चंचल डेयरी के पास अत्यधिक जल भराव हो जाने के कारण यातायात बाधित हो रहा था। जिस पर थानाध्यक्ष नेहरू कालोनी द्वारा पुलिस बल के साथ तत्काल मौके पर पहुंचकर यातायात का सुचारू संचालन सुनिश्चित किया गया। इसी प्रकार सोमवार देर रात्रि सुमन नगर में घरों में पानी घुस जाने की सूचना पर थानाध्यक्ष नेहरू कालोनी द्वारा मौके पर पहुंचकर लोगों को वहां से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया। इसी के साथ लगातार लाउड स्पीकरों के माध्यम से सभी जनसाधारण को सतर्क रहने हेतु कहा जा रहा है।
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दून के ‘टिहरी नगर’ में आयोजित होगी टिहरी की 1952 की प्राचीन रामलीलाः थापर
देहरादून। श्री रामकृष्ण लीला समिति टिहरी 1952, देहरादून द्वारा पुरानी टिहरी की ऐतिहासिक रामलीला को देहरादून में पुनर्जीवित करने का निर्णय लिया गया। इस हेतु टिहरी नगर मूल विस्थापित समिति, अजबपुर, देहरादून के साथ बैठक कर एक समन्वयक-समिति बनाई गई। बैठक में निर्णय लिया गया की अजबपुर, देहरादून स्थित ट्टटिहरी नगर’ में रामलीला आने वाले शारदीय नवरात्रों में 15 अक्टूबर 2023 से भव्य रूप से आयोजित की जाएगी। श्री रामकृष्ण लीला समिति टिहरी 1952, देहरादून के अध्यक्ष अभिनव थापर ने कहा की टिहरी की रामलीला का अपने आप में बहुत बड़ा इतिहास है और यह रामलीला 1952 से पुरानी टिहरी डूबने तक और टिहरी के जलमग्न होने के बाद अब नई टिहरी में कई वर्षो से की जा रही है। रामलीला से न सिर्फ इतिहास को जीवित करने का मौका मिलता है बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए मनोरंजन से अपने इतिहास और सनातन धर्म की परंपराओं के साथ जुड़ने का अवसर भी मिलता है। उल्लेखनीय है की इस रामलीला में चैपाई, कथा, संवाद,मंचन आदि सब टिहरी की 1952 से चली आ रही प्रसिद्ध व प्राचीन रामलीला के जैसा ही होगा, जिससे टिहरी के लोगों का अपनत्व देहरादून में भी जुड़ा रहे। टिहरीकृनगर देहरादून में आयोजित हुई बैठक में सचिव अमित पंत , गिरीश चन्द पांडे, नरेश मुल्तानी, मनोज जोशी, राकेश पांडे, अंबुज शर्मा, नितिन पांडे आदि ने भाग लिया।आगे पढ़ें
सत्ता बनाम विपक्षी एकता राष्ट्रीय राजनीति में होड़ और अपनी ताकत बढ़ाने का मौसम आ गया है। दो तारीखें-17 और 18 जुलाई-महत्त्वपूर्ण हैं। बेंगलुरू में विपक्षी दलों की बैठक जारी है। इस बार 7 नए दल भी विपक्षी एकता की मुहिम में जुड़े हैं, लिहाजा अब 24 दल विपक्षी मंच पर लामबंद होने की प्रक्रिया में हैं। आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के बीच जो पेंच थे, उन्हें कस दिया गया है। अब केजरीवाल और ‘आप’ के अन्य नेता भी विपक्षी एकता के अभियान से जुड़े हैं। मंगलवार 18 जुलाई को ‘राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन’ (एनडीए) की बैठक है, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी भी शिरकत करेंगे। कुछ नए दलों को भाजपा ने निमंत्रण भेजा है। उनमें सुभासपा, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट), जनसेना पार्टी आदि ने तो भाजपा के साथ गठबंधन घोषित भी कर दिया है।
इनमें से ज्यादातर दल पहले भी भाजपा के साथ रहे हैं, उनके नेता राज्यों की कैबिनेट में मंत्री रहे हैं, फिर पाला बदल कर किसी और के साथ गठबंधन किया और अब 2024 के आम चुनाव से पहले एक बार फिर लौट रहे हैं। विचारधारा का कोई आधार नहीं है, विशुद्ध रूप से अवसरवादी और मलाईदार राजनीति का आकर्षण है। हरियाणा में ‘जननायक जनता पार्टी’ साझा सरकार में है, लेकिन हैरानी है कि तेलुगूदेशम पार्टी, जनता दल-एस, अकाली दल आदि के नेताओं ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के स्तर तक बातचीत की है और सौदेबाजी जारी है। भाजपा का दावा है कि एनडीए की बैठक में 30 दलों के नेता शिरकत कर रहे हैं। इनमें अधिकतर दल भाजपा-विरोधी रहे हैं, लेकिन एनडीए के साथ भी राजनीति करते रहे हैं। यह पूरी तरह चुनाव जीतने का जुगाड़ है, क्योंकि उनकी प्रत्यक्ष विचारधारा बिल्कुल विरोधाभासी है। बहरहाल एनडीए और विपक्षी गठजोड़ का विस्तार स्पष्ट है। चुनाव इन्हीं समीकरणों पर तय नहीं होते। इन दलों के अलावा बसपा, बीजद, वाईएसआर कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, भारत राष्ट्र समिति आदि कुछ बेहद महत्त्वपूर्ण दल हैं, जो अपने-अपने क्षेत्र में प्रभावशाली हैं और कुछ दल तो सत्ता में भी हैं। घोषित रूप से ये दल न तो विपक्षी एकता के पाले में हैं और न ही एनडीए के घटक हैं, लेकिन संसद में महत्त्वपूर्ण और विवादास्पद विधेयकों पर वे भाजपा का समर्थन करते रहे हैं। विपक्ष में तृणमूल कांग्रेस बनाम वामदल बनाम कांग्रेस पार्टी के गहरे विरोधाभास भी हैं। पंचायत चुनाव के मुद्दे पर कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चैधरी, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ, कोलकाता उच्च न्यायालय तक में गए हैं। अधीर सार्वजनिक तौर पर ममता बनर्जी के खिलाफ कठोर शब्दों वाले बयान भी देते रहे हैं। तृणमूल के प्रवक्ता वामदलों की राजनीति के नफरत की हद तक विरोधी हैं। लिहाजा चुनावी एकता सवालिया लगती है। विपक्षी एकता की बेंगलुरू बैठक में सबसे महत्त्वपूर्ण यह रहेगा कि सभी दल साझा न्यूनतम कार्यक्रम सहमति से तय करें और शुरुआती स्तर पर सीटों की बांट का खाका तैयार करें। राजनीतिक दावे तो खोखले होते हैं, लेकिन यह तय किया जाना चाहिए कि लोकसभा की कमोबेश 350-400 सीटों पर विपक्ष का एक ही साझा उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे। इसके लिए कांग्रेस की सहमति बुनियादी है, क्योंकि 2019 के चुनाव में उसके प्रत्याशी 209 सीटों पर दूसरे स्थान पर रहे थे। एक और राजनीतिक घटना हुई है। महाराष्ट्र में शरद पवार की पार्टी एनसीपी पर उन्हीं के भतीजे अजित और उनके साथियों ने कब्जा कर लिया है। उन्होंने चुनाव आयोग में नाम और निशान के लिए अर्जी भी दे ही है। कुछ ऐसा ही उद्धव ठाकरे के साथ हुआ था। जाहिर है कि पार्टियों में ऐसी टूट-फूट से ताकत का क्षरण तो होता ही है। पवार कमजोर होंगे, तो विपक्ष कमजोर होगा। इन स्थितियों से विपक्षी एकता कैसे मुकाबला करेगी, बैठक में इस पर भी विमर्श हो सकता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चमोली जनपद में हुई दुखद घटना पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए मृतकों की आत्मा की शांति एवं उनके परिवारजनों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है।आगे पढ़ें मुख्यमंत्री ने कहा कि चमोली जनपद में बिजली के […]