हरिद्वार। आगामी कावड़ मेला निर्विघ्न संपन्न किए जाने की कामना को लेकर विष्णु घाट पर रेडी पटरी के लघु व्यापारियों के साथ प्रांतीय अध्यक्ष संजय चोपड़ा के नेतृत्व में माँ गंगा की विशेष पूजा अर्चना करने के उपरांत विष्णु घाट प्रांगण में परिचय पत्र वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ लघु व्यापारी नेता पंडित साधु शरण ने की कार्यक्रम का संचालन इकाई अध्यक्ष नीरज कश्यप महामंत्री नंदकिशोर नंदू ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम का संयोजक लघु व्यापार महिला मोर्चा के संयोजक पूनम माखन, कमल पंडित संयुक्त रूप से रहे।
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ऋषिकेश। सावन के महीने में श्री नीलकंठ महादेव मंदिर यात्रा के दौरान पैदल मार्ग पर जंगली जानवरों का खतरा बना रहता है। जिसको देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने शाम छह बजे से सुबह पांच बजे तक को बंद रखने का निर्णय लिया है। पैदल मार्ग का यह क्षेत्र राजाजी टाइगर रिजर्व वन क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी गढ़वाल श्वेता चैबे ने कावड़ यात्रा के दौरान क्षेत्र में ट्रैफिक प्लान की जानकारी देते हुए बताया कि पैदल मार्ग पर पार्क प्रशासन को नियमित गश्त बढ़ाने के लिए कहा गया है। बैराज-चीला शक्ति नहर पर कावड़ यात्रियों के नहाने के कारण दुर्घटनाओं को रोकने के लिए फोर्स की तैनाती अलग से की जा रही है।यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाये रखने हेतु श्री नीलकण्ठ महादेव मन्दिर जाने के लिए ऋषिकेश- मुनिकीरेती-गरुड़ चट्टी- पीपलकोटी- नीलकण्ठ मंदिर मार्ग को निर्धारित किया गया है।
मंदिर से वापसी में निकासी हेतु नीलकण्ठ- पीपलकोटी- गरुड़ चट्टी- बैराज बाईपास- पशुलोक बैराज- ऋषिकेश-हरिद्वार मार्ग निर्धारित किया गया है।
मेले के सामान्य दिनों में रामझूला व जानकी पुल कांवड़ यात्रियों के लिये खुले रहेंगे। भीड़ की अधिकता होने पर यात्रियों के लिये ऋषिकेश- रामझूला- बागखाला- पुण्डरासू- नीलकण्ठ मन्दिर का मार्ग निर्धारित किया गया है।
श्री नीलकण्ठ मन्दिर से वापस जाने हेतु श्री नीलकण्ठ मन्दिर- पुण्डरासू- बागखाला- जानकी पुल- ऋषिकेश मार्ग निर्धारित किया गया है।
वाहनों के अव्यवस्थित रूप से खड़े पाए जाने पर उन्हें हटाने के लिए क्रेन की व्यवस्था की गयी है। साथ ही नीलकण्ठ क्षेत्र में पार्किंग फुल होने की दशा में वाहनों को पीपल कोटी- दिउली मार्ग पर डायवर्ट कर पार्क कराया जाएगा। 15 से 17 जुलाई तक मेला क्षेत्र में भारी वाहनों के आवागमन पर रोक लगायी गयी है।
सम्पूर्ण मेला क्षेत्र की सुरक्षा के दृष्टिगत कांवड़ मेले में लगा 894 अधिकारी और कर्मचारियों की तैनाती की गई है।आगे पढ़ें
पहाड़ के दरकने से पेना नदी में बनी झील
पिथौरागढ़। शनिवार की रात को मुनस्यारी क्षेत्र में हुई भारी बारिश के चलते आठ हजार फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित बौना गांव के पास पहाड़ दरक गया। पहाड़ का मलबा गांव के निचले हिस्से में बहने वाली पेना नदी पर गिरा। मलबे ने पेना नदी का प्रवाह रोक दिया है। इस स्थान पर झील बन चुकी है।
पानी का रिसाव नहीं होने से झील का आकार बढ़ता जा रहा है। इस स्थल से गोरी नदी के मध्य स्थित चार गांवों में दहशत बनी है। ग्रामीण भयभीत हैं। जिलाधिकारी को इसकी सूचना देते हुए एसडीआरएफ सहित राजस्व दल भेजने की मांग की गई है। शनिवार की रात को मुनस्यारी तहसील क्षेत्र में भारी बारिश हुई। क्षेत्र में 42 एमएम से अधिक बारिश होने के कारण अत्यधिक ऊंचाई पर स्थित बौना गांव के निकट पहाड़ दरक गया।
पूरा मलबा बौना गांव के ऊपर स्थित पहाड़ से निकलने वाली पेना गाड़ पर गिर गया। मलबा गिरने से पेना नदी का बहाव थम गया और इस स्थान पर झील बन गई। रविवार सुबह जब ग्रामीणों ने यह देखा तो इसकी सूचना तहसील प्रशासन को दी। गांव निवासी महेश रावत, खगेंद्र मेहरा से बात होने पर उन्होंने बताया कि पहाड़ दरकने से यह सब हुआ है। विधायक प्रतिनिधि हीरा सिंह चिराल ने इसकी जानकारी विधायक हरीश धामी को दी है।
विधायक द्वारा जिला प्रशासन और तहसील प्रशासन को इसकी सूचना देते हुए तत्काल नदी के प्रवाह को सुचारु करने को कहा है। इस स्थान से नीचे की तरफ लोदी, टांगा, भिकुरिया घाट , दानीबगड़ और सेराघाट आते हैं। सेराघाट जौलजीबी मुनस्यारी मार्ग से लगा हुआ है।
पेना गाड़ बौना के ऊपर पहाड़ से निकलती है। यह नदी आगे चल कर छिपलाकेदार से निकलने वाली नदी पर मिलती है, जिसे सेरा नदी कहा जाता है। सेराघाट के पास यह नदी गोरी नदी में मिल जाता है। इस नदी पर पांच-पांच मेगावाट की जल विद्युत परियोजनाएं भी हैं।आगे पढ़ें अनियंत्रित मार्शन वाहन ट्रक में घुसा,दो की मौत,14 घायल
सितारगंज। देर रात मजदूरों को लेकर नेपाल के जगरकोट और हिमाचल जा रहा सवारियां ढोने वाला मार्शल वाहन पीलीभीत रोड में ट्रक में जा घुसा। हादसे में बालक समेत दो लोगों की मौत हो गई है।
शनिवार देर रात करीब ढाई बजे सूचना मिलने पर पुलिस ने राहत कार्य शुरू कर घायलों को अस्पताल पहुंचाया। हादसे में एक महिला को गंभीर अवस्था में रेफर किया गया है। जबकि 14 यात्री चोटिल हुए हैं।
रात करीब ढाई बजे 24 यात्री सवारियां ढोने वाले मार्शल वाहन एचआर 68बी 6048 में सवार होकर नेपाल के जगरकोट, देहल्क से हिमाचल के कुल्लू मनाली व लेह लद्दाख जा रहे थे। यूपी बॉर्डर में बनी राज्य की सरकडा चैकी पार कर मजदूरों से भरा वाहन जैसे ही पीलीभीत रोड के ग्राम नकटपुरा मलपुरी के पास पहुंचा बेकाबू हो गया।मजदूरों से भरा वाहन अनियंत्रित होकर सड़क में खड़े ट्रक यूके06 सीबी 5907 में जा घुसा। भीषण हादसा होने के बाद सवारियों में चीख पुकार मच गई। तत्काल हादसे की सूचना पुलिस के 112 नंबर पर दी गई। पुलिसकर्मियों ने घटनास्थल पर पहुंचकर डैमेज हो चुके मार्शल वाहन में फंसे मजदूरों को बाहर निकाला।
घायलों को आपातकालीन वाहन से सरकारी अस्पताल में पहुंचाया गया। जहां डॉक्टरों ने आठ वर्षीय महादेव पुत्र जमक, 17 वर्षीय पारस पुत्र सुनील को मृत घोषित कर दिया। इसके साथ ही चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अभिलाषा पांडे ने रतन कुमारी की स्थिति गंभीर देखते हुए उन्हें हायर सेंटर रेफर किया है।
हादसे में सोभी राम पुत्र सत्यपाल, शिव शंकर पुत्र श्री कृष्णा, सुनील पुत्र शेती राम, लक्ष्मी पत्नी सुनील, जोगना पत्नी बेगल, कमल पुत्र गंगाराम, शोभित पुत्र अमल, जय बहादुर पुत्र बद्री बहादुर, जमक पुत्र भरौना, झलक बहादुर पुत्र संतोष, रतन कुमारी पत्नी जनक, सोबीन पुत्र सदोह, ममता पुत्री सुनील, करण पुत्र कोमानी समेत 14 घायल यात्रियों का अस्पताल में उपचार किया है। वहीं पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया है। स्वजनों का रो रोकर बुरा हाल है।
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कांवड़ मेलाः 12 सुपर जोन, 33 जोन और 153 सेक्टर में बांटा मेला क्षेत्र
हरिद्वार। कांवड़ मेला विधिवत रूप से चार जुलाई से शुरू हो जाएगा। मेले में आसमान से लेकर जमीन तक कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रहेगी। मेला सकुशल संपन्न कराने के लिए पुलिस, पीएसी और अर्द्धसैनिक बल को नियुक्त किया गया है। एडीजी कानून एवं अपराध की ब्रीफिंग के बाद फोर्स मेला ड्यूटी पर रवाना हो गया। चप्पे-चप्पे पर फोर्स तैनात रहेगी।
ड्रोन से भी मेला क्षेत्र में निगरानी रखी जाएगी। मेला क्षेत्र को 12 सुपर जोन, 33 जोन और 153 सेक्टर में बांटा गया है। शनिवार को एडीजी अपराध एवं कानून व्यवस्था वी मुरुगेशन ने पुलिस लाइन रोशनाबाद स्थित बहुउद्देशीय भवन में कांवड़ मेले में नियुक्त अधिकारियों और कर्मचारियों (पुलिस बल) को ब्रीफ किया।
ब्रीफिंग के बाद फोर्स को ड्यूटी स्थल के लिए रवाना किया गया। एडीजी ने कहा कि कांवड़ यात्रा और वर्तमान में चल रही चारधाम यात्रा के दौरान उमड़ी भीड़ को देखते हुए एक चैलेंज के रूप में पूरे मनोयोग से यात्रा सकुशल संपन्न करानी है। किसी भी तरह की अफवाह को फैलने से तुरंत रोका जाए। दुर्घटना होने पर बिना समय गंवाए अपने अधिकारियों को सूचना देकर उनके पहुंचने तक व्यवस्थाओं को सुचारू करने के प्रयास किए जाएं।
आईजी रेंज करन सिंह नगन्याल ने कांवड़ मेले से जुड़े अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि आसपास की सभी घटनाओं को लेकर सर्तक रहें। यातायात प्लान को सुव्यवस्थित तरीके से लागू किया जाए। डीआईजी अभिसूचना एवं सुरक्षा डॉ. योगेंद्र सिंह रावत ने निर्देश देते हुए कहा कि मेले में बेहद सतर्कता के साथ अपनी ड्यूटी का निर्वहन करें। जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने कहा कि आपसी समन्वय और आवश्यकता अनुसार मीटिंग करें। इस दौरान एडीएम बीर सिंह बुधियान, एसपी क्राइम रेखा यादव, सीओ ऑपरेशन निहारिका सेमवाल, सीओ सिटी जूही मनराल, सीओ यातायात राकेश रावत आदि शामिल रहे।
एसएसपी अजय सिंह ने कहा कि कांवड़ यात्रा की लंबी और थकान भरी ड्यूटी के बीच भक्तिभाव को प्राथमिकता देते हुए आक्रोशित भावनाओं पर नियंत्रण आवश्यक है। छोटी घटनाएं कई बार बड़ा रूप ले लेती हैं इन्हें रोकने के लिए अपने अनुभव का सहारा लेने के साथ ही बिना किसी हिचक के अपने ऑफिसर से भी समस्या के निराकरण के लिए मदद मांगे। खास तौर पर पूरे कांवड़ मेले के दौरान सभी उच्च स्तर का धैर्य बनाकर ड्यूटी करें। कांवड़ में लगातार बारिश होने की संभावना है। बारिश के बीच भी व्यवस्थाओं को बनाए रखने के लिए अपने साथ डंडे, बरसाती व टॉर्च भी रखें। डिहाईड्रेशन से बचाकर रखने के लिए पानी से भरी बोतलें अपने पास रखें। वैकल्पिक तौर पर ओआरएस, नींबू का भी प्रयोग करें।
पूरे मेला क्षेत्र को 12 सुपर जोन, 33 जोन व 153 सेक्टर में बांटा गया है। सुपर जोन की जिम्मेदारी एएसपी स्तर के अधिकारी संभालेंगे। जोन की जिम्मेदारी सीओ एवं इंस्पेक्टर और सेक्टर की एसएचओ, एसओ और एसएसआई स्तर के अधिकारियों को सौंपी गई है। मेला क्षेत्र में बीडीएस, डॉग स्क्वायड की पांच टीम नियुक्त की गई हैं। आतंकी घटनाओं की रोकथाम के लिए एंटी टेरिस्ट स्क्वायड की दो टीमें मेला क्षेत्र में सक्रिय रहेंगी और हर संदिग्ध व्यक्ति अथवा परिस्थिति से निपटने के लिए पूरे समय तैयार रहेंगी। सीओ सिटी जूही मनराल को वेलफेयर अधिकारी नियुक्त किया गया है। वह कांवड़ मेले के दौरान कर्मचारियों के वेलफेयर और समस्याओं के समाधान के लिए भी कार्य करेंगी।
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खाई में गिरी कार,एक की मौत,चार गंभीर
विकासनगर। चकराता घूमने आए पर्यटकों की स्विफ्ट कार लोखंडी से आगे देववन के पास अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई। हादसे में कार सवार एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि चार अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। जिन्हे उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार कार के दुर्घटनाग्रस्त होने से उसमें सवार विनय कश्यप पुत्र सुरेंद्र कुमार निवासी खुडबुड़ा मोहल्ला देहरादून की मृत्यु हो गई। इसके अलावा कार सवार आयुष कंसल निवासी माता मंदिर देहरादून, यमन साहनी निवासी डालनवाला देहरादून, आदित्य निवासी राजीव नगर देहरादून व वासु साहनी निवासी डालनवाला देहरादून समेत चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
घटना की सूचना के बाद राजस्व पुलिस और एसडीआरएफ की टीम देर शाम को मौके पर पहुंची। पुलिस टीम ने स्थानीय ग्रामीणों की मदद से 200 मीटर नीचे खाई में उतर कर घायलों को किसी तरह बाहर निकाला और उपचार के लिए चकराता अस्पताल पहुंचाया। जहां से घायलों को हायर सेंटर देहरादून रेफर कर दिया गया।
राजस्व निरीक्षक राजेंद्र सिंह ने बताया कि कार हादसे में मृतक के परिजनों को घटना की सूचना दे दी गई है। पुलिस टीम ने पंचनामा भर शव को पोस्टमार्टम के लिए सीएचसी चकराता की मोर्चरी में रखा है।
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फोटो डी 2
हाईवे बंद होने से सभी वाहनों को पांडुकेश्वर रोका
चमोली। बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर लामबगड में शनिवार देर रात नाला उफान पर आ गया था जिसके चलते बदरीनाथ धाम जा रही एक बुलेरो नाले में फंस गई। गोविंदघाट के थाने प्रभारी एसआई. एस जुयाल ने बताया वाहन में सवार श्रदालुओं को थाने में रुकवाया गया है। यात्री पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं। हाईवे बंद होने से सभी वाहनों को पांडुकेश्वर में ही रोका गया है।जिला मुख्यालय गोपेश्वर के मुर्गी फार्म मोहल्ले में स्थित गैस गोदाम में भारी बारिश से मलबा भर गया। गोदाम के पीछे की दीवार क्षतिग्रस्त होने से मिट्टी के साथ पानी अंदर घुसा है। गढ़वाल मंडल विकास निगम का यह गैस गोदाम पिछले एक साल से जर्जर बना हुआ है। लेकिन विभाग इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।
भारी बारिश के कारण मलबा और पुश्ता टूटने से चमोली जनपद में छह मोटर मार्ग अवरुद्ध हैं। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंद किशोर जोशी ने बताया कि सेमा-बैरों-थिरपाक-कांडई, घुर्माकुंडी, हापला-कलसिर-धोतीधार, कनकचैंरी-पोगठा, हापला-गुणम-नैल और गौचर-डमडमा मोटर मार्ग मलबा आने से अवरुद्ध हैं। सड़कों को सुचारू करने के लिए जेसीबी मशीनें लगाई गई हैं। इधर, सड़कें अवरुद्ध होने से ग्रामीणों को मीलों दूरी पैदल आवाजाही करनी पड़ रही है।
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पेपर लीक प्रकरणःजांच में सहयोग न करने वालों के खिलाफ होगा मुकदमा दर्ज
देहरादून। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) के पेपर लीक प्रकरण में अब उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) सख्ती के मूड में है। जांच में सहयोग न करने वाले नकलची अभ्यर्थियों के खिलाफ एसटीएफ जल्द ही मुकदमा दर्ज कराएगी।
प्रकरण में सबसे अधिक 45 नकलची अभ्यर्थी स्नातक स्तर के हैं, जोकि नोटिस देने के बावजूद अब तक अपना पक्ष रखने के लिए एसटीएफ के समक्ष पेश नहीं हुए, और जब पुलिस उनके घर बयान लेने पहुंची तो वह घर पर भी मौजूद नहीं मिले।
पेपर लीक प्रकरण में स्नातक स्तर की परीक्षा, वन दारोगा, सचिवालय रक्षक और ग्राम पंचायत विकास अधिकारी चयन परीक्षा 2016 की जांच एसटीएफ कर रही है।
स्नातक स्तरीय 2021 परीक्षा की धांधली में अब तक 45, वन दारोगा की परीक्षा में पांच, सचिवालय रक्षक परीक्षा में एक और ग्राम पंचायत विकास अधिकारी चयन परीक्षा में कुल 57 आरोपितों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
इसके अलावा इन परीक्षाओं में 205 से अधिक नकलची ब्लैकलिस्ट किए जा चुके हैं। यह वह अभ्यर्थी हैं, जिनका नाम खुद नकल करने और नकल करने के बाद पेपर को आगे पहुंचाने में है। स्नातक स्तर पर 45 ऐसे नकलची अभ्यर्थी हैं, जिनका नाम लीक हुए पेपर से नकल करने व पेपर आगे सप्लाई करने में सामने आया है। यूकेएसएसएससी की ओर से कुछ अभ्यर्थियों का नाम ब्लैकलिस्ट में उजागर करने के बाद यह अभ्यर्थी अब अपना बयान दर्ज करवाने आगे नहीं आ रहे हैं।
जब पुलिस कुछ अभ्यर्थियों के घर पहुंची तो वह घर पर भी मौजूद नहीं मिले। एसटीएफ ऐसे अभ्यर्थियों को भी केस में आरोपित बनाएगी और उनका नाम आरोपपत्र में शामिल किया जाएगा। ग्राम पंचायत विकास अधिकारी चयन परीक्षा 2016 में कुल 196 में से करीब 60 अभ्यर्थियों के बयान एसटीएफ दर्ज कर चुकी हैं, जबकि अन्य के अभी दर्ज करने बाकी हैं। सचिवालय रक्षक में सभी के बयान दर्ज हो चुके हैं जबकि वन दारोगा में कई सेंटरों के नाम सामने आए हैं, जिनमें से तीन सेंटरों की जांच पूरी हो चुकी है। इस मामले में एसएसपी, एसटीएफ आयुष अग्रवाल में कहा कि यूकेएसएसएससी पेपर लीक प्रकरण में कई अभ्यर्थी नोटिस जारी करने के बावजूद भी बयान दर्ज करने के लिए नहीं आए। जब बयान लेने के लिए पुलिस को उनके घर पर भेजा गया तो वह घर पर भी मौजूद नहीं मिले। ऐसे जांच में सहयोग न करने वाले अभ्यर्थियों को आरोपित बनाने की तैयारी है। उनका नाम आरोपपत्र में शामिल किया जाएगा।
शंभू नदी में भूस्खलन के कारण बनी झील,कई गांवों को खतरा
बागेश्वर। बागेश्वर जिले में भारी बारिश के बाद पिंडर नदी की सहायक शंभू नदी पर झील बनने की सूचना पर जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है। कुवारी गांव में लगातार हो रहे भूस्खलन से शंभू नदी में झील बनने का सिलसिला तेज हो गया है। जिससे बागेश्वर जिले से अधिक नुकसान चमोली जिले के गांवों को हो सकता है।
बीते शुक्रवार की देर शाम शंभू नदी में भूस्खलन के कारण झील बन गई है। झील बनने से नीचे बसे गांवों को खतरा हो गया है। राजस्व उप निरीक्षक संजय कुमार को किलपारा के सरपंच बसंत देव फोन से जानकारी दी।
जिलाधिकारी अनुराधा पाल के निर्देश के बाद सिंचाई विभाग के कर्मचारी मौके के लिए रवाना हो गए हैं। उनके मौके पर पहुंचने के बाद ही झील का मुहाना खोला जाएगा। सिंचाई विभाग के ईई पान सिंह बिष्ट ने बताया कि विभाग के ईई जेई तरुण लुमियाल समेत अन्य कर्मचारी भेजे गए हैं।
जिले में 2013 से कुंवारी गांव में भूस्खलन हो रहा है। बताया जा रहा है कि मलबा सीधे शंभू नदी पर गिर रहा है। जिससे वहां बीते वर्ष की भांति झील बन गई है। कपकोट स्थित शंभू बुग्याल से निकलकर कुंवारी गांव से शंभू नदी चमोली की तरफ जाती है। 2013 में आई आपदा और लगातार भूस्खलन से नदी पर वी आकार की झील बन गई थी। तब झील की लंबाई 500 मीटर से अधिक बताई गई।
नदी के किनारे धीरे-धीरे पहाड़ से मलबा गिरने और जमा होने के बाद झील फिर आकार लेने लगी है। कुंवारी की ग्राम प्रधान धर्मा देवी के अनुसार फिलहाल इस झील से कोई नुकसान नहीं है। लेकिन याद रखना चाहिए कि आपदा के लिहाज से उत्तराखंड के पहाड़ बेहद संवेदनशील हैं। केदारनाथ की तबाही का मंजर भुलाया नहीं जा सकता तो चमोली की आपदा के निशान भी अब तक हरे हैं।
शंभू नदी बागेश्वर से निकलकर चमोली जिले में पिंडर नदी से मिलती है। जहां झील बनी है, वहां से एक किमी आगे चमोली जिला प्रारंभ हो जाता है। अगर यह झील टूटी तो चमोली के अरमल, थराली, नारायणबगड़ क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित होंगे।
मलबा आने से राष्ट्रीय राजमार्ग बंद
पिथौरागढ। शुक्रवार की शाम हुई तेज वर्षा से टनकपुर-चंपावत हाईवे पर धौन के पास किलोमीटर 109 में मलबा आने से राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गया। इससे सड़क के दोनों और दर्जनों वाहनों में सैकड़ों यात्री फंस गए। एनएच द्वारा मलबा हटाने के लिए लोडर मशीन भेज दी गई, लेकिन लगातार हो रही वर्षा और पहाड़ी से गिर रहे मलबे के कारण सड़क खोलने में दिक्कत का सामना करना पड़ा।
आपदा परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार शाम 6.40 बजे करीब धौन के पास मलबा आ गया। देर शाम तक सड़क खोलने का काम जारी था। तहसीलदार ज्योति धपवाल ने बताया कि समय रहते रोड नहीं खुलती तो फिर रास्ते में फंसे यात्रियों की सुविधा का प्रबंध किया जाएगा। इधर शाम को चंपावत, लोहाघाट, पाटी एवं बाराकोट में भी झमाझम वर्षा हुई। इधर शुक्रवार को हल्द्वानी-चोरगलिया मुख्य मार्ग में पड़ने वाले शेर और सूर्या नाला पहाड़ों पर हुई भारी बरसात से उफान पर आ गया। इससे कुछ लोग शेर नाला के किनारे तो कुछ सूर्या नाले के किनारे पर पानी कम होने का इंतजार करते रहे। लगभग एक घंटे तक हल्द्वानी चोरगलिया मार्ग बंद रहा। जिससे नाले के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई। चोरगलिया थाना प्रभारी ने पुलिस भेजकर उफनती नाले के पास किसी को जाने नहीं दिया।