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हम उस संस्कृति के साधक हैं जहां पुरुष की परिकल्पना नारी के बिना अधूरी मानी जाती है; मुख्यमंत्री

Pahado Ki Goonj

LIVE: देहरादून में महिला सशक्तिकरण एवं सुरक्षा सप्ताह का शुभारम्भ एवं ‘महिला भागीदारी को प्रोत्साहन’ कार्यक्रम*

देहरादून, हम उस संस्कृति के साधक हैं जहां पुरुष की परिकल्पना नारी के बिना अधूरी मानी जाती है। हमारे यहां जहां एक ओर अर्धनारीश्वर की पूजा की जाती है वहीं दूसरी ओर मां जगदम्बा को इस श्रृष्टि का मूल माना जाता है, यह बात मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के अन्तर्गत महिला सशक्तिकरण एवं सुरक्षा सप्ताह के शुभारंभ एवं ‘महिला भागीदारी को प्रोत्साहन’ में प्रतिभाग करते हुए कही।

*मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि महिलाओं और बच्चों के विरूद्ध होने वाली मानसिक और शारीरिक हिंसा की घटनाओं को सक्षम स्तर पर सूचित करते हुए रोकने का प्रयास करने वाले व्यक्ति को महिला सुरक्षा प्रहरी के रूप में जाना जाएगा तथा मुख्यमंत्री द्वारा ऐसे व्यक्ति या समूह को विशेष अवसरों पर सम्मानित भी किया जाएगा। उन्होंने दूसरी घोषणा की कि समाज की कुरीति बाल विवाह की पूर्वसूचना पुलिस को देने वाले या रोकने का प्रयास करने वाले व्यक्ति या संस्था को दस हजार रूपये की राशि से पुरस्कृत किया जाएगा तथा इन कार्यों में विशेष योगदान देने वाले कर्मचारियों व अधिकारियों को भी प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा।* इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास के ई-पेपर ‘अपनी वाणी’ का शुभारंभ किया एवं महिलाओं की आत्मरक्षा पर बनी लघु फिल्म का लोकार्पण भी किया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान बाल विवाह को रोकने एवं सामाजिक सरोकारों के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वालों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया।

मुख्यमंत्री ने देवभूमि उत्तराखण्ड की समस्त नारीशक्ति को नमन करते हुए महिला सुरक्षा सप्ताह कार्यक्रम की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि किसी समाज या राज्य की रीढ़, उसकी सशक्त महिलाएं ही हैं। यदि किसी राज्य की नारी शक्ति प्रगति कर रही है तो उस राज्य का विकास सुनिश्चित है, उसे कोई रोक नहीं सकता। उत्तराखण्ड के निर्माण में महिलाओं ने अपना विशेष योगदान दिया है। एक ओर जहां प्रदेश की मातृशक्ति ने पूरे समाज को विपरीत परिस्थितियों में जीना सिखाया, जूझना सिखाया, वहीं दूसरी ओर हर परिस्थिति में जीतना भी सिखाया है। राष्ट्र-निर्माण में महिलाएं, पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सनातन संस्कृति में कहा गया है जहां नारियों की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं। परंतु कालांतर में आक्रांताओं के प्रभाव के कारण समाज का महिलाओं के प्रति दृष्टिकोण बदल गया,इसका परिणाम महिलाओं के साथ किए जाने वाले अपराधों के रूप में सामने आया। परंतु अब समय आ गया है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों के मन में भय पैदा किया जाय। ऐसे लोगों को ऐसा दंड मिले कि ऐसा घृणित अपराध करने से पहले इसके परिणाम के बारे में सोचकर उनकी रूह कांप जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र तथा राज्य सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए मिलकर सभी प्रकार के प्रयत्न कर रही हैं। महिलाओं को होम-मेकर के साथ – साथ नेशन-मेकर के रूप में आगे बढ़ना होगा, तभी सही अर्थों में राष्ट्र का विकास संभव हो पायेगा। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हमारा निरंतर प्रयास है कि महिलाओं के जीवन स्तर को जितना अधिक हो सके उतना ऊपर उठाया जा सके। इसी प्रक्रिया के अंतर्गत राज्य सरकार ने सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण देने के साथ ही ‘मुख्यमंत्री नारी सशक्तिकरण योजना‘, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना, मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना, लखपति दीदी योजना, महिलास्वयं सहायता समूहों को मजबूती प्रदान करने और पोषण अभियान जैसी योजनाएं प्रारंभ की हैं। शिक्षा का क्षेत्र हो, खेल का क्षेत्र हो या फिर सामाजिक न्याय की बात हो, हर क्षेत्र में महिलाओं को शक्ति संपन्न बनाने के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी डबल इंजन की सरकार द्वारा बनाई जाने वाली नीतियों में महिलाएं हमेशा प्राथमिकता पर रही हैं। प्रधानमंत्री जी द्वारा उज्ज्वला योजना चलाई जा रही है, इसी कड़ी में राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के 01 लाख 76 हजार अंत्योदय कार्डधारकों को साल में तीन गैस सिलिण्डर मुफ्त दिये जा रहे हैं। राज्य सरकार प्रधानमंत्री जी द्वारा दिए गए मंत्र ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ‘ को लेकर समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का प्रयास कर रही है। हमारी बेटियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ें, देश का नाम रोशन करें, यह हम सबका दायित्व है। पर्वतीय क्षेत्रों में महिलाओं की राह को आसान करने के लिए सरकार ‘जल जीवन मिशन‘ योजना पर तेजी से काम कर रही है। हमारा लक्ष्य 2025 तक उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में शामिल करना है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए राज्य सरकार को मातृशक्ति का आशीर्वाद एवं समर्थन चाहिए।

महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य में महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक एवं राजनीतिक रूप से सशक्त बनाने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। बेटी के पैदा होने पर महालक्ष्मी किट दी जा रही है। 12वीं पास करने पर नंदा-गौरा योजना के तहत बेटियों को 51 हजार रूपये की धनराशि दी जा रही है। विभाग द्वारा अनेक योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण एवं सुरक्षा सप्ताह के तहत विभाग द्वारा पूरे सप्ताह कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत आज महिला सुरक्षा एवं भागीदारी प्रोत्साहन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। द्वितीय दिवस में महिलाओं एवं बालिकाओं, विशेषकर अकुशल श्रमिक महिलाओं की स्वास्थ्य सुरक्षा हेतु स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन एवं श्रम विभाग के साथ समन्वयन कर निःशुल्क स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जायेगा। तृतीय दिवस मानव तस्करी एवं बाल विवाह निषेध सम्बंधित महत्वपूर्ण विषयों पर गृह विभाग के साथ समन्वयन कर जागरूकता अभियान चलाया जायेगा । चतुर्थ दिवस राज्य में संचालित सरकारी / निजी संस्थानों, प्रतिष्ठानों, उद्यमों, कार्यालयों, विश्वविद्यालयों एवं विद्यालयों में कार्यरत महिलाओं की सुरक्षा के संबंध में गृह विभाग द्वारा “गौरा शक्ति एप“ एवं “कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न“ के कानूनी प्रावधानों से सम्बंधित जन-जागरूकता अभियान कार्यक्रम किया जायेगा। पंचम दिवस में परिवहन विभाग द्वारा सार्वजनिक यातायात के साधनों, यथा-बसों, ऑटो, टैक्सियों पर आपातकालीन नम्बर-112, महिला हैल्पलाईन नम्बर-1090, के साथ-साथ “मैं महिला सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हूँ“ टैग लाईन का अंकन किया जायेगा। षष्ठम दिवस में महिला सशक्तिकरण हेतु अन्तर्विभागीय योजनाओं की जानकारी प्रदान कर राज्य स्तरीय कार्यक्रम में निराश्रित/एकल महिलाओं के उत्थान कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।

इस अवसर पर विधायक श्री दुर्गेश्वर लाल, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव श्री एच.सी. सेमवाल, विशेष सचिव श्रीमती रिद्धिम अग्रवाल, संबंधित विभागीय अधिकारी एवं मातृशक्ति मौजूद थे।

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मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने गुरुवार को सचिवालय में देवप्रयाग और ऋषिकेश के मध्य पौड़ी क्षेत्र से कनेक्टिविटी बढ़ाए जाने के सम्बन्ध में लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों और जिलाधिकारी पौड़ी के साथ बैठक आयोजित की।

मुख्य सचिव ने कहा कि कनेक्टिविटी को बढ़ाकर इस क्षेत्र में पलायन को रोका जा सकता है, साथ ही, कनेक्टिविटी बढ़ने से इन क्षेत्रों का विकास हो सकेगा और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। उन्होंने जिलाधिकारी पौड़ी से देवप्रयाग से ऋषिकेश के मध्य ऐसे क्षेत्रों को चिन्हित करने के निर्देश दिए जहां मोटर पुल बनाकर अधिक से अधिक जनसंख्या को लाभान्वित किया जा सकता है या ऋषिकेश – देहरादून से कनेक्टिविटी बढ़ाई जा सकती है।

मुख्य सचिव ने लोक निर्माण विभाग को भी निर्देश दिए कि इस सम्बन्ध में अपने स्तर पर भी प्रस्ताव तैयार किए जाएं। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में पहले से झूला पुल हैं इन्हें विकसित कर मोटर पुल बनाकर अपग्रेड भी किया जा सकता है। इसके लिए संभावनाएं तलाशी जाएं।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव श्री आर. के. सुधांशु एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारी पौड़ी श्री आशीष चौहान उपस्थित थे।

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मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने गुरुवार को सचिवालय में प्रदेश में लैंड बैंक के सम्बन्ध में शासन के उच्चाधिकारियों और सभी जनपदों के जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के सुनियोजित विकास के लिए प्रदेश में उपलब्ध सभी सरकारी भूमि और भवनों की जानकारी इसके लिए बनाए गए पोर्टल में अपलोड किया जाना सुनिश्चित करें।

मुख्य सचिव ने कहा कि लैंड बैंक बन जाने से प्रदेश का बेहतर तरीके से विकास किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि विभागों की समीक्षाओं के दौरान यह प्रकाश में आया है कि विभिन्न विभाग अच्छे प्रस्ताव भी ला रहे हैं परन्तु विभाग सिर्फ अपने कब्जे की भूमि से बाहर अपनी योजनाओं को शुरू करने पर विचार नहीं करता। जबकि उसकी योजना के लिए बेस्ट सूटेबल स्थान किसी अन्य विभाग के कब्जे में है। उन्होंने कहा कि किसी भी योजना की सफलता उसकी लोकेशन और कनेक्टिविटी और अवसंरचनात्मक सुविधाओं पर निर्भर करती है। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों के अंतर्गत भवन भी खाली पड़े हैं जो जानकारी के अभाव में अन्य विभागों द्वारा भी प्रयोग नहीं किए जा रहे हैं। पोर्टल पर इसकी जानकारी उपलब्ध होने से इन खाली पड़े भवनों का भी प्रयोग हो सकेगा।

मुख्य सचिव ने कहा कि एक पोर्टल में सभी भूमियों की जानकारी उपलब्ध रहने से किसी भी योजना को सफलतम तरीके से शुरू किया जा सकेगा। इसके लिए सभी विभाग अपने कब्जे के भूमि अथवा भवनों की जानकारी गूगल मैप नक्शे और लैटिट्यूड-लॉन्गिट्यूड के साथ इसके लिए बनाए गए पोर्टल पर अपलोड करें। उन्होंने कहा कि इससे सरकारी भूमियों पर अतिक्रमण पर भी नजर रखी जा सकेगी। सभी शहरों के जो मास्टर प्लान बनाए जा रहे हैं, उसके लिए भी यह लाभप्रद होगा, साथ ही यह राज्य की तस्वीर को एक बेहतर रूप में पूरी तरह से बदल देगा। मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को जनपद स्तर पर सेंट्रलाइज्ड ग्रीन बिल्डिंग बनाए जाने की दिशा में भी कार्य किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारियों कर्मचारियों के एक जगह उपलब्ध होने से कार्य क्षमता बढ़ेगी। इससे समय की बरबादी भी रुकेगी और शहरों का कंजेशन भी कम होगा।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव श्री आर. के. सुधांशु, सचिव श्री शैलेश बगोली, डॉ. बी. वी.आर. सी. पुरुषोत्तम, श्री अरविंद सिंह ह्यांकी, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय एवं आयुक्त गढ़वाल एवं कुमायूं सहित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जनपदों के जिलाधिकारी उपस्थित थे।

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दिनांक 02 मार्च 2023 को प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (पी०एम०पोषण) के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 हेतु वार्षिक कार्ययोजना एवं बजट की ऑनलाइन बैठक समग्र शिक्षा ननूरखेडा देहरादून में आहूत की गई जिसमें शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार की ओर से श्री संजय कुमार सचिव भारत सरकार, श्रीमती प्राची पाण्डे संयुक्त सचिव, पी०एम०पोषण, शिक्षा मंत्रालय सुमित गुप्ता, निदेशक, पी०एम०पोषण, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार तथा राज्य का प्रतिनिधित्व श्री रविनाथ रामन, सचिव विद्यालयी शिक्षा श्री बंशीधर तिवारी, राज्य परियोजना निदेशक डॉ० मुकुल कुमार सती अपर राज्य परियोजना निदेशक श्री गुलफाम अहमद, वित्त नियंत्रक समग्र शिक्षा तथा श्री पी०के० बिष्ट संयुक्त निदेशक, पी०एम०पोषण द्वारा किया गया।

बैठक में पी०एम०पोषण के सफल एवं सुचारू क्रियान्वयन हेतु भारत सरकार द्वारा आवर्ती मद में केन्द्रांश मद में कुल रू0 12727.03 लाख, राज्यांश मद में कुल रू0 9359.63 लाख का बजट तथा अनावर्ती मद में केन्द्रांश मद में रू0 348.17 लाख राज्यांश रू0 38.69 लाख के बजट के साथ फ्लैक्सी फंड में कुल रू0 2174.11 लाख कुल रू0 24647.64 लाख के बजट का अनुमोदन प्रदान किया गया। राज्य के प्राथमिक, उच्च प्राथमिक विद्यालय, मदरसों में अध्ययनरत कुल 604202 बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हेतु बजट का अनुमोदन प्रदान किया गया।

पी०एम०पोषण के अन्तर्गत बाल वाटिका में नामांकित कुल 46186 बच्चों हेतु बजट में कुल 642.97 लाख की व्यवस्था की गई है। वर्ष 2023-24 के लिऐ 54 नवीन किचन कम स्टोर हेतु 1804 किचनों की मरम्मत तथा 73 विद्यालयों के लिए किचन उपकरणों को बदले जाने के लिए बजट की स्वीकृति प्रदान की गई है। भारत सरकार द्वारा पी०एम०पोषण के अन्तर्गत सोशल ऑडिट विशेष भोज, भोजनमाताओं की पाक कला प्रतियोगिता को सराहा गया, जबकि किचन गार्डन एवं स्वास्थ्य परीक्षण जैसी विशेष गतिविधियों पर ध्यान दिये जाने के निर्देश निर्गत किये गये। भारत सरकार द्वारा प्रदेश में पी०एम०पोषण के संचालन एवं क्रियान्वयन पर संतोष व्यक्त किया गया।

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