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उत्तराखंड के मुख्य मुख्य समाचार जानिए

Pahado Ki Goonj

 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री उमा भारती ने भेंट की। इस अवसर पर जोशीमठ के भूधंसाव क्षेत्र में प्रभावित परिवारों की सुरक्षा एवं क्षेत्र में सरकार द्वारा की जा रही विभिन्न व्यवस्थाओं पर चर्चा की गई।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जोशीमठ के भू धंसाव क्षेत्र में प्रभावित परिवारों को अंतरिम पैकेज दिया जा रहा है। अंतरिम पैकेज एवं पुनर्वास की दर निर्धारण करने के लिए कमेटी का गठन किया गया है। प्रभावित हितधारकों के हितों का पूरा ध्यान रखते हुए मुआवजा दिया जाएगा।

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मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने बताया कि कैबिनेट में निर्णय लिया गया है कि भर्तियों में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सरकार द्वारा शीघ्र ही एक सख्त नकल विरोधी कानून लाया जाएगा, जिसमें दोषी को उम्रकैद तक की सजा का प्राविधान किया जाएगा। साथ ही, इस कार्य में अर्जित की गयी सम्पत्ति को भी जब्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लोक सेवा आयोग द्वारा लेखपाल की परीक्षा को दोबारा आयोजित किया जाएगा। जिन अभ्यर्थियों ने पूर्व में इसके लिए आवेदन किया है, उन्हें दोबारा आवेदन नहीं करना होगा। न ही इसके लिए कोई फीस देनी होगी। साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि उत्तराखण्ड ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन की बसों में अभ्यर्थियों को किराया नहीं देना होगा, अभ्यर्थियों का प्रवेश पत्र ही उनका यूटीसी की बसों में टिकट माना जाएगा।आगे पढ़ें

सचिव आपदा प्रबंधन द्वारा जोशीमठ नगर क्षेत्र में संचालित राहत एवं बचाव कार्यों के संबंध में प्रतिदिन शाम 4:15 बजे मीडिया सेंटर सचिवालय में आयोजित की जाने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस *आज आयोजित नहीं की जाएगी |* उल्लेखनीय है कि जोशीमठ नगर क्षेत्र में संचालित राहत एवं बचाव कार्यों की अद्यतन जानकारी आज कैबिनेट की प्रेस ब्रीफिंग के साथ ही दे दी गई थी |आगे पढ़ें

 

जोशीमठ भू-धंसाव के संबंध में शुक्रवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता मंत्रीमंडल की बैठक आयोजित की गई। मंत्रीमण्डल की बैठक के बाद मुख्य सचिव डॉ. एस एस संधु एवं सचिव अपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने मंत्रीमण्डल के निर्णयों की बिंदुवार जानकारी दी।

1- जोशीमठ के आपदा प्रभावित भू-भवन स्वामियों / व्यक्तियों को स्थायी अध्यासन / विस्थापन नीति निर्धारित होने से पूर्व अग्रिम धनराशि ₹ 1 लाख (जिसका समायोजन किया जायेगा ) तथा सामान की ढुलाई एवं तात्कालिक आवश्यकताओं हेतु गैर समायोज्य धनराशि ₹ 50 हजार अर्थात कुल 1.5 लाख आवंटित किये जाने हेतु राज्य आकस्मिकता निधि से ₹ 45 करोड़ की धनराशि पत्र दिनांक 11.01.2023 के द्वारा अवमुक्त की गयी है। उक्त के सम्बन्ध में मा० मंत्रीमंडल द्वारा कार्योत्तर अनुमोदन प्रदान किया गया।

2- जिला प्रशासन द्वारा चयनित भू-खण्डों ( कोटी फार्म, पीपलकोटी, गोचर, ग्राम – गौख सेलंग, ग्राम – ढाक) के क्षेत्रीय सर्वेक्षण के उपरांत जोशीमठ के आपदा प्रभातियों के लघु कालिक पुर्नवास हेतु चयनित भू-खण्डों पर सर्वे के उपरान्त प्री-फेर्बीकेटेड स्ट्रक्चर्स का निर्माण किये जाने पर सैद्धान्तिक स्वीकृति प्रदान की गयी है | मंत्रिमण्डल द्वारा यह निर्देश भी दिये गये कि जोशीमठ के आपदा प्रभावित परिवारों / व्यक्तियों के मध्य सर्वे कराते हुए भवन दिये जाने अथवा पैकेज के रूप में धनराशि दिये जाने का निर्णय लिया जायेगा ।

3- शासनादेश सं0 763, दिनांक 02.09.2020 के द्वारा आपदा प्रभावित ऐसे व्यक्ति, जो कि किराये के मकान पर निवास करते है, उनको किराये के रूप में अधिकतम 6 माह के लिये प्रतिमाह ₹ 4000 की धनराशि मा० मुख्यमंत्री राहत कोष से दिये जाने की व्यवस्था है। जोशीमठ के आपदा प्रभावित व्यक्तियों हेतु उक्त किराये की धनराशि ₹ 4,000 प्रतिमाह से बढाकर ₹ 5,000 प्रतिमाह किये जाने पर अनुमोदन प्रदान किया गया। उक्त के साथ ही जिलाधिकारी, चमोली की रिपोर्ट के आधार पर यदि उक्त किराये में और अधिक वृद्धि किये जाने की आवश्यकता होती है, तो इस सम्बन्ध में निर्णय लिये जाने हेतु मा0 मुख्यमंत्री की जी को अधिकृत किया गया ।

4- भू-धंसाव / भू-स्खलन प्रभावित परिवारों को होटल / आवासीय ईकाईयों में राहत कैम्प के रूप में अधिवास करवाये जाने हेतु एस०डी०आर०एफ० के मानकों के अनुसार वास्तवित व्यय अथवा ₹950 प्रतिदिन प्रतिकक्ष, जो भी कम हो, उपलब्ध कराया जायेगा। उक्त के साथ ही राहत कैम्प की अवधि के दौरान प्रति व्यक्ति हेतु भोजन के लिये प्रतिदिन ₹ 450 उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित है। यदि कोई व्यक्ति राहत कैम्प में भोजन करने का इच्छुक नही है, तो ऐसे व्यक्ति को भोजन हेतु प्रतिदिन ₹ 450 धनराशि उपलब्ध करायी जायेगी। एस०डी०आर०एफ० के मानकों के अनुसार पशुओं के प्रतिस्थापन हेतु ₹15 हज़ार दिए जाएँगे, इसके अतिरिक्त बड़े पशुओं के चारे के लिये ₹ 80/- प्रतिदिन तथा छोटे पशुओं के चारे के लिये ₹ 45/- प्रति दिन की धनराशि सम्बन्धित व्यक्तियों को उपलब्ध कराई जाएगी ।

5- जोशीमठ नगर क्षेत्र के भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण तथा जल निकासी योजना इत्यादि कार्यों हेतु सिंचाई विभाग के स्तर पर शोर्टलिस्ट संस्थाओं में से M/S WAPCOS Limited Gurugram को टो-इरोजन तथा भू – धसाव / भू-स्खलन से सम्वन्धित कार्य ई०पी०सी० मोड में कराये जाने हेतु एकल स्रोत के सम्बन्ध में कराये जाने हेतु यह निर्णय लिया गया कि सिंचाई विभाग एवं वैपकोस में से जो भी शीघ्र डी०पी०आर० तैयार करते हुए कार्य प्रारम्भ कर सकता है, उसके सम्बन्ध में निर्णय लिये जाने हेतु मा० मुख्यमंत्री जी को अधिकृत किया गया है।

6- भू-धंसाव / भू-स्खलन से प्रभावित भू-भवन स्वामियों का एक जनपद स्तरीय समिति के माध्यम से क्षति आंकलन का सर्वे कराते हुए, उसके उपरान्त उनकी भूमि तथा निर्मित भवन हेतु सहायता राशि उपलब्ध कराये जाने के सम्बन्ध में मा0 मंत्रिमण्डल द्वारा एक सप्ताह के अन्दर पैकेज तैयार कर भारत सरकार को प्रेषित किये जाने के निर्देश दिये गये।

7- जोशीमठ की आपदा के दृष्टिगत भारत सरकार से राहत पैकेज के रूप में धनराशि प्राप्त होने तक राज्य सरकार के संसाधनों से अल्प कालिक एवं मध्य कालिक किये जाने वाले विभिन्न कार्यों पर धनराशि का व्यय किया जाना प्रस्तावित है, जिसका समायोजन भारत सरकार से राहत पैकेज के रूप में धनराशि प्राप्त होने पर कर लिया जायेगा।

8- भारत सरकार के पत्र दिनांक 10.10.2022 के द्वारा निर्गत एस०डी०आर०एफ० के नवीन मानकों में यह व्यवस्था की गयी है कि ऐसे परिवार जिनकी आजीविका का साधन आपदा के कारण प्रभावित हुआ है, उनके परिवार के दो व्यस्क सदस्यों को मनरेगा के अन्तर्गत निर्धारित मजूदरी की दरों के अनुसार अनुग्राहिक राहत प्रदान की जायेगी। जोशीमठ की आपदा को दृष्टिगत रखते हुये राहत शिविर में निवास कर रहे व्यक्तियों को एस०डी०आर०एफ० के मानकों से सम्बन्धित भारत सरकार के पत्र दिनांक 10.10.2022 के साथ संलग्न सूची के कमांक संख्या – 01 (ड) को लागू करते हुये राहत शिविर में निवास करने की अवधि तक के लिये, मनरेगा में निर्धारित दरों के अनुसार अनुग्राहिक राहत राशि प्रदान किये जाने के सम्बन्ध में मा0 मंत्रिमण्डल का अनुमोदन प्राप्त किया जाना प्रस्तावित है।

*इसके अतिरिक्त कैबिनेट द्वार 4 अन्य विषयों पर भी सहमति दी गई है।*

1- माह नवम्बर, 2022 से आगामी छः माह तक के लिये जोशीमठ के आपदा प्रभावित परिवारों / व्यक्तियों के बिजली एवं पानी के विद्युत बिल माफ किये जाने का निर्णय लिया गया ।

2- जोशीमठ के आपदा प्रभावित व्यक्तियों के बैंक इत्यादि से लिये गये ऋण की वसूली को एक साल के स्थगित किये जाने के सम्बन्ध में यह निर्देश दिये गये कि सहकारी बैंकों की ऋण वसूली तत्काल प्रभाव से स्थगित की जाय तथा अन्य कमर्शियल बैंक के स्तर से भी ऋण वसूली स्थगित किये जाने का अनुरोध भारत सरकार से किया जाए।

3- उत्तराखण्ड राज्य के सभी पर्वतीय शहरों की धारण क्षमता का अध्ययन किये जाने का निर्णय लिया गया है।

4- जोशीमठ की आपदा से सम्बन्धित विभिन्न प्रस्तावों पर शीघ्रता से निर्णय लिये जाने के उद्देश्य से मा0 मुख्यमंत्री जी को अधिकृत किया गया।

5- जोशीमठ भू धंसाव प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए उत्तराखण्ड के सभी कैबिनेट मंत्री अपने एक माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देंगे।

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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की जीरो टॉलरेंस आन करप्शन की नीति और नकल माफियाओं के विरुद्ध कठोर कार्यवाही के निर्देश के क्रम में आज एक और बड़ी कार्रवाई हुई है। राज्य कैबिनेट द्वारा प्रदेश में भर्तियों में भ्रष्टाचार रोकने के लिये प्रदेश में शीघ्र सख्त नकल विरोधी कानून बनाये जाने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कानून को इतना सख्त बनाया जायेगा कि भविष्य में कोई इस बारे में सोचे भी नहीं। सख्त नकल विरोधी कानून में दोषी का उम्र कैद की सजा का प्राविधान तो होगा ही उसके द्वारा अर्जित संपत्ति को जब्त किये जाने का भी व्यवस्था रहेगी।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने लगातार जीरो टॉलरेंस ऑन करप्शन की नीति से कोई समझौता न करने की बात कही है। उन्होंने कहा है भर्ती प्रक्रिया में यदि कोई अनियमितता है तो इसमें संलिप्त लोगों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। अपने प्रदेश के ईमानदार और परिश्रमी युवाओं के साथ हमारी सरकार अन्याय नहीं होने देगी।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि भर्ती परीक्षाओं में हुई गड़बड़ी की जांच करने वाली एजेंसियां अपना काम कर रही हैं। उत्तराखंड के युवा का हक मारने वाले किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा। सरकार ये सुनिश्चित कर रही है कि भविष्य की सभी भर्ती परीक्षाएँ स्वच्छ और पारदर्शी हो। अब भविष्य में कोई इन परीक्षाओं में गड़बड़ी करने की हिम्मत न कर सके। नकल विरोधी कानून के प्रविधानों से यह व्यवस्था बन जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं का मनोबल बनाये रखने के लिये राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से शीघ्र परीक्षाएं कराकर युवाओं को नौकरी देना सरकार की पहली प्राथमिकता है। युवा बेरोजगारों को स्वस्थ प्रतिस्पर्धी माहौल देने के लिये सरकार कृत संकल्पित है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अब यह भी व्यवस्था बनायी गई है कि लोक सेवा आयोग एवं अधीनस्थ चयन सेवा आयोग द्वारा भविष्य में आयोजित होने वाली परीक्षाओं में अभि सूचना इकाई को भी सक्रिय किया जायेगा, ताकि इन परीक्षाओं की कड़ी निगरानी हो सके।

उन्होंने कहा कि नकल माफियाओं के लगातार सक्रिय रूप से तैनात होने तथा परीक्षा पेपर को लीक आउट कराये जाने से परीक्षा देने वाले अन्य अभ्यर्थी, जो दिन-रात मेहनत करते हैं, उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। इन्ही तथ्यों को ध्यान में रखते हुए अब निर्णय लिया गया है कि उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग, हरिद्वार तथा उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, देहरादून द्वारा भविष्य में आयोजित होने वाली परीक्षाओं से पूर्व अभिसूचना इकाई को सक्रियता से तैनात किया जाय, ताकि ऐसी पुनरावृत्ति न हों पाये।

इस संबंध में अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी के स्तर पर आदेश भी निर्गत किये जा चुके हैं।

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राज्य सरकार द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों के कतिपय भागों में विद्यमान राजस्व पुलिस व्यवस्था को समाप्त कर नियमित पुलिस व्यवस्था स्थापित किये जाने की कार्यवाही की जा रही है। इस सम्बन्ध में राज्य के सामरिक, पर्यटन एवं आपराधिक गतिविधियों वाले स्थानों पर 06 नये थाने एवं 20 रिपोर्टिंग पुलिस चौकियों का गठन करते हुए कुल 1444 ग्रामों को अधिसूचित किया गया है। जिसमें देहरादून की 01 चौकी के कुल 14 गांव, पौड़ी के 01 थाना व 01 चौकी कुल 270 गांव, टिहरी के 01 थाना व 03 चौकी के कुल 267 गांव, चमोली के 01 थाना व 03 चौकी के कुल 120 गांव, रूद्रप्रयाग के 02 चौकी के कुल 104 गांव, उत्तरकाशी के 02 चौकी के कुल 47 गांव, नैनीताल के 01 थाना व 04 चौकी के कुल 121 गांव, अल्मोड़ा के 02 थाना व 03 चौकी के कुल 398 गांव तथा चम्पावत के 01 चौकी के कुल 103 गांव हैं।
इन क्षेत्रों में नवीन थाने एवं पुलिस चौकियां स्थापित होने से अपराध एवं असामाजिक गतिविधियों में कमी आयेगी तिा नागरिकों की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ने से र्प्यटन एवं व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। उक्त विषय पर राज्य सरकार पर्यटन गतिविधि, संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण क्षेत्रों का चिन्हीकरण करते हुए चरणबद्ध रूप में कार्यवाही कर रही है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों में बेहतर कानून व्यवस्था के दृष्टिगत वर्तमान पुलिस राजस्व व्यवस्था के स्थान पर नियमित पुलिस व्यवस्था का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड पर्यटन प्रदेश के साथ देवभूमि भी है प्रतिवर्ष लाखो श्रद्धालु प्रदेश में आते हैं, इस दृष्टि से भी राज्य की कानून व्यवस्था का बेहतर होना जरूरी है।

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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भू-धंसाव से प्रभावित जोशीमठ क्षेत्र की समस्याओं के समाधान की दिशा में हम चरणबद्ध ढ़ंग से आगे बढ़ रहे हैं। प्रभावित लोगों को त्वरित राहत एवं बचाव पहुंचाना हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। जोशीमठ के लोगों की जानमाल की सुरक्षा ही इस समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है। प्रभावित परिवारों को तात्कालिकता के साथ सुरक्षित स्थानों में भेजा जा रहा है। प्रभावित भवनों के चिन्हीकरण का कार्य निरन्तर जारी है। भूवैज्ञानिकों तथा विशेषज्ञों की टीमें भूधसांव के कारणों की जांच के कार्य में लगी है। प्रशासन प्रभावितों के निरन्तर सम्पर्क में है। राहत शिविरों में उनकी मूलभूत सुविधाओं का ध्यान रखा जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने भू धंसाव से प्रभावित जोशीमठ क्षेत्र के लोगों के हित में राज्य कैबिनेट द्वारा लिये गये महत्वपूर्ण निर्णयों को प्रभावितों के व्यापक हित में बताया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपदा की इस घड़ी में हम प्रभावितों के साथ खड़े हैं इसमें कहीं किसी को भी किसी प्रकार का संदेह नहीं होना चाहिए। प्रभाविमों के हित में उनकी जो भी अपेक्षाएं हैं उन अपेक्षाओं के अनुरूप उनके पुनर्वास और सेटलमेंट के लिए काम कर रहे हैं, प्रधानमंत्री जी भी स्वयं और उनका कार्यालय भी लगातार इस बात की चिंता कर रहा है। प्रभावितों के विस्थापन के लिए उनके सुझावों के आधार पर इतनी बेहतर व्यवस्था की जायेगी यह पूरे देश के लिए नजीर बने।आगे पढ़ें

 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से शुक्रवार को सचिवालय में पेट्रोलियम और एनर्जी स्टडीज विश्वविद्यालय (UPES ) के चांसलर डॉ. सुनील राय ने भेंट की। इस अवसर पर उन्होंने जोशीमठ में भूधंसाव से प्रभावितों की सहायता के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष हेतु 05 लाख रुपए का चेक मुख्यमंत्री को सौंपा। इस अवसर पर वी.सी डॉ. राम शर्मा भी उपस्थित थे।

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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को मकर संक्राति पर्व की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं दी है। इस अवसर पर जारी अपने शुभकामना संदेश में मुख्यमंत्री ने इस पर्व पर सभी प्रदेशवासियों के लिए सुख, शांति एवं समृद्धि की कामना की है। उन्होंने कहा कि यह त्यौहार जीवन में सकारात्मक सोच के साथ सदैव कर्म के पथ पर आगे बढ़ने की भी प्रेरणा देता है। यह पावन पर्व माँगलिक कार्यों के शुभारम्भ से भी जुड़ा है। मुख्यमंत्री ने कामना की कि भगवान सूर्य की आराधना का यह पर्व हम सबके जीवन में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार करे।

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देहरादून में माननीय केंद्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह जी के साथ शौर्य स्थल के उद्घाटन समारोह में प्रतिभाग*

 

देहरादून में मा. केंद्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह जी की गरिमामयी उपस्थिति में “Soul of Steel” के उद्घाटन समारोह में प्रतिभाग*

https://youtu.be/R1_oqbyr5A4

केन्द्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह एवं मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को चीड़बाग, देहरादून स्थित शौर्य स्थल का उद्घाटन किया। केन्द्रीय रक्षा मंत्री एवं मुख्यमंत्री ने शौर्य स्थल पर पुष्प चक्र अर्पित कर उत्तराखण्ड के वीरगति प्राप्त योद्धाओं को श्रद्धांजलि दी। केन्द्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने शौर्य स्थल का अवलोकन किया एवं शहीदों के परिजनों से मुलाकात भी की।

सैनिक कल्याण मंत्री श्री गणेश जोशी, जनरल अनिल चौहान सीडीएस , सांसद श्रीमती माला राज्य लक्ष्मी शाह, पूर्व राज्यसभा सांसद श्री तरूण विजय एवं मेजर जनरल संजीव खत्री ने भी उत्तराखण्ड के वीरगति प्राप्त योद्धाओं को श्रद्धांजलि दी।

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बागेश्वर में उत्तरायणी मेला-2023 का शुभारम्भ एवं विभिन्न विकास योजनाओं का लोकार्पण/शिलान्यास*

 

केंद्रीय रक्षामंत्री श्री राजनाथ सिंह और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन को बढावा देने के लिए ‘सॉल ऑफ स्टील’ अल्पाइन चैलेंज का विधिवत शुभारंभ किया। चमोली जनपद के नीती गांव के लिए 460 किलोमीटर लंबी कार रैली ‘रोड़ टू द एंड’ को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।

केंद्रीय रक्षामंत्री श्री राजनाथ सिह एवं मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को जसवंत ग्राउण्ड में आयोजित 7वां सशस्त्र सेना पूर्व सैनिक दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।

केंद्रीय रक्षामंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कारगिल युद्ध के दौरान उत्तराखंड राज्य के सैनिकों ने दुश्मन के खिलाफ मजबूती से खड़े होकर और अडिग भावना के साथ देश की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सशस्त्र बलों के जवानों के साहस और बलिदान के कारण, हमारे नागरिक सुरक्षित महसूस करते हैं और अपना सिर ऊंचा करके चलते हैं। “हमारे बहादुर सैनिकों ने दुनिया भर में भारत की छवि को एक शक्तिशाली और सम्मानित राष्ट्र के रूप में बदलने में बहुत बड़ा योगदान दिया है। हमारे जवान हमारी एकता और अखंडता के रक्षक हैं। हम चैन से सोते हैं क्योंकि हमारे जवान सीमा पर रात दिन चौकस हैं।

केंद्रीय रक्षामंत्री ने कहा कि पूर्व सैनिकों को प्रदान की जा रही पेंशन, चिकित्सा और अन्य सुविधाएं उनके द्वारा किए गए बलिदान और प्रतिबद्धता के प्रति देश के सम्मान का एक छोटा सा प्रतीक हैं। पूर्व सैनिकों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, केंद्रीय रक्षामंत्री ने कहा कि पूर्व सैनिकों की शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए रक्षा पेंशन शिकायत निवारण पोर्टल का शुभारंभ किया गया है। कहा कि लोग पोर्टल के जरिए सशस्त्र सेना युद्ध हताहत कल्याण कोष में योगदान कर सकते हैं। उन्होंने इसे पूर्व सैनिकों के कल्याणकारी प्रयासों से नागरिकों को जोड़ने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बताया। उन्होंने सभी भूतपूर्व सैनिकों और सशस्त्र सेना के सेवारत कर्मियों को उनके समर्पण और वीरता के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सैन्यधाम का रक्षामंत्री जी ने विधिवत् रूप से शिलान्यास किया था, जिस पर तेजी से कार्य चल रहा है। इस वर्ष दिसम्बर माह तक सैन्यधाम का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्र सर्वाेपरि की भावना से ओतप्रोत वीर सैनिकों ने देश की आनबान और शान को हमेशा अक्षुण रखने का कार्य किया है। भारत की सेना हमेशा विश्व की शक्तिशाली सेनाओं में से एक रही है। हमारे देश के वीर सैनिकों ने आजादी के बाद हुए प्रत्येक संघर्ष में अपने शौर्य और पराक्रम का परिचय देते हुए दुश्मन के छक्के छुड़ाने का काम किया है। देवभूमि उत्तराखण्ड ने अपने वीर सपूत देश को दिए हैं, जिन्होंने अदम्य साहस विश्व को दिखाया है। शान्ति का उपदेश देने वाली भारत की पुण्यभूमि समय आने पर शौर्य एवं पराक्रम द्वारा दुश्मनों को मुहतोड़ जवाब देने की क्षमता रखती है। आज सम्पूर्ण विश्व भारत की शक्ति एवं सामर्थ्य से परिचित है, जिसका परिणाम है कि कोई भी दुश्मन हमारी ओर उंगली उठाने का साहस नहीं करता है। आज सैनिक दुश्मनों की गोली का जवाब गोलों से दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधामंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं रक्षामंत्री श्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व एवं अथक प्रयासों से आज सैनिकों को सैन्य साजो की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है। आज सेना को लगातार अच्छे साजो-सामान मिल रहे हैं। प्रधानमंत्री एवं रक्षामंत्री लगातार सैनिकों का मनोबल बढाने का कार्य कर रहे है। उन्होंने कहा कि सैन्य पुत्र होेने के नातेे राष्ट्र सेवा के प्रति वीर जवानों के समर्पण को नजदीक से देखा है। सैनिकों के लिए उनकी यूनिट ही उनका परिवार है। परिवार से अधिक समय वे इनके साथ बिताते हैं यही कारण है एक सैनिक का दूसरे सैनिक के साथ भाई-भाई जैसा नाता होता है। उन्होंने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि सेना के अधिकारियों का अपने अधीनस्थों के साथ प्रेमवत व्यवहार एवं सम्मान होता है, तथा उनका नाम आदर से लिया जाता है जो सभी के लिए अनुकरणीय है।

उन्होंने कहा कि सैनिकों के कल्याण के लिए जितने भी मामले आते हैं उस पर निरंतर कार्य करने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार द्वारा गैलेंटरी अवार्ड विजेताओं की सम्मान राशि बढाने का काम किया है। उन्होंने कैन्टोमेंट बोर्ड की वेस्ट टू वैन्डर पहल कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि यह पहल राजधानी को सुन्दर बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा। सरकार का प्रयास रहा है कि आने वाली पीढी सेना के पराक्रम वीरता से भलिभांति परिचित हो सके इसको ध्यान में रखते हुए आज शौर्य स्थल का विधिवत् उदघाटन हुआ है।

इसके उपरान्त रक्षामंत्री, मुख्यमंत्री व अन्य गणमान्य ने परिसर में उपस्थित पूर्व सैनिकों के पास जाकर उनके मुलाकात की तथा उनके साथ जलपान किया।

इस अवसर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, मध्य कमान के जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी, टिहरी गढ़वाल के सांसद श्रीमती माला राज्य लक्ष्मी शाह, सैनिक कल्याण मंत्री श्री गणेश जोशी, उत्तर भारत क्षेत्र लेफ्टिनेंट जनरल जे पी मैथ्यू, उत्तराखंड सब एरिया, मेजर जनरल संजीव खत्री, उत्तराखंड पूर्व सैनिक लीग के अध्यक्ष मेजर जनरल मोहन लाल असवाल (सेवानिवृत्त), सहित अन्य गणमान्य एवं पूर्व सैनिक एवं उनके परिजन व सैनिक शामिल थे।आगे पढ़ें

*अन्तरिम राहत के तौर पर अभी तक 1.87 करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि प्रभावित परिवारों को वितरित की गई।*

*भारत सरकार के स्तर पर सी0बी0आर0आई0 द्वारा प्रभावितों की स्वयं की सुरक्षित भूमि पर प्री फैब हट निर्माण पर सहमति दी गई।*

* *जोशीमठ में अस्थायी रूप से चिन्हित राहत शिविरों के कक्षों की संख्या बढ़ाकर 615 की गई हैं जिनकी क्षमता 2190 लोगों की हो गई है**

**शीतलहर को देखते हुए राहत शिविरों में विस्थापितों के लिए हीटर एवं अलाव के पुख्ता इंतजाम किए गए*

सचिव आपदा प्रबन्धन डा0 रंजीत कुमार सिन्हा ने शनिवार को जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव एवं भूस्खलन के उपरान्त राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे राहत एवं बचाव, स्थायी/अस्थायी पुनर्वास आदि से सम्बन्धित किये जा रहे कार्यो की मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार की ओर से प्रति परिवार विस्थापन हेतु अग्रिम के रूप 125 परिवारों को 187.50 लाख रूपये की धनराशि वितरित कर दी गयी है। भारत सरकार के स्तर पर सी0बी0आर0आई0 द्वारा विस्थापितों की स्वयं की सुरक्षित भूमि पर प्री फैब हट में सहायता दी जा रही है। प्रशासन द्वारा शीतलहर को देखते हुए नगर पालिका जोशीमठ में 10 स्थानों पर अलाव जलाये गये हैं। राहत शिविरों में हीटर की व्यवस्था की गई है।
सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी कि राहत शिविरों की क्षमता में वृद्धि करते हुए अस्थायी रूप से जोशीमठ में कुल 615 कक्ष/कमरे है जिनकी क्षमता 2190 लोगों की है तथा पीपलकोटी में 491 कक्ष/कमरे है जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है। प्रभावितों को वितरित राहत राशि के तहत प्रति परिवार 5000 रूपये की दर से घरेलू राहत सामाग्री हेतु अभी तक कुल 73 ( कुल 3.65 लाख रूपये ) प्रभावितों को वितरित की गई है। तीक्ष्ण / पूर्ण क्षतिग्रस्त भवन हेतु 10 प्रभावितों को 13.00 लाख रूपये धनराशि वितरित की गई है। मकान किराये के लिए 10 लोगों ने आवेदन किया है।
सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी कि अभी तक 782 भवनों की संख्या जिनमें दरारें दृष्टिगत हुई है। उन्होनें जानकारी दी कि गांधीनगर में 01, सिंहधार में 02, मनोहरबाग में 05, सुनील में 07 क्षेत्र / वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं। 148 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित है। 223 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये है। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 754 है।
प्रेस वार्ता में अपर सचिव आपदा प्रबन्धन, निदेशक उत्तराखण्ड भूस्खलन प्रबन्धन एवं न्यूनीकरण संस्थान, प्रभारी अधिकारी पीआईबी, निदेशक वाडिया संस्थान, निदेशक आईआईआरएस देहरादून, निदेशक एनआईएच तथा निदेशक आईआईटीआर उपस्थित थे।

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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में सौर ऊर्जा की अपार संभावनाएं हैं। सौर ऊर्जा के सही उपयोग एवं इसे बढ़ावा देने हेतु जल्द ही राज्य में सौर ऊर्जा नीति लाई जाएगी। जिस परियोजना में सबसिडी भी प्रदान की जाएगी। इससे प्रदेश के हजारों युवाओं को भी जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा बागेश्वर को रेलवे के मानचित्र में जोड़ने के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार मिलकर तेजी से कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को वर्चुअल माध्यम से बागेश्वर में उत्तरायणी मेला-2023 के शुभारम्भ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने बागेश्वर जिले हेतु बालीघाट – धरमघर सड़क का जीर्णोद्धार किए जाने , गोलू मार्केट गरुड़ का विनियमितीकरण किए जाने एवं बागेश्वर में खेल मैदान निर्माण कार्य किए जाने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने देवभूमि के लोकपर्व उत्तरायणी और मकर संक्रांति की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कुमाऊँ की काशी, बागेश्वर में बाबा बागनाथ के मंदिर की छांव तले, सरयू गोमती और अदृश्य सरस्वती नदी के संगम तट पर आयोजित होने वाले उत्तरायणी मेले की भी आप सभी को बधाई देता हूँ। उन्होंने कहा मकर संक्रांति एकमात्र पर्व है, जिसका आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही दृष्टियों से व्यापक महत्व है। हम सभी मकर संक्रांति को सूर्य के उत्तरायण होने के साथ-साथ भीष्म पितामाह के देह त्याग के दिन के रूप में भी जानते हैं। संक्रान्ति का अर्थ है “परिवर्तन” इस दिन सूर्य भगवान धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इसे पुण्यकाल और संक्रमण काल के रूप में स्वीकार किया जाता है। मकर संक्राति के पावन अवसर पर पतित-पावनी सरयू नदी खासकर त्रिमाधी स्नान के साथ पौराणिक बागनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना का पौराणिक काल से ही विशेष धार्मिक महत्व रहा है।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राष्ट्र की सांस्कृतिक विविधता को समाहित करने वाला यह सांस्कृतिक आयोजन, हम सभी को अपने सामाजिक उत्तरदायित्व के निर्वहन के संकल्प की भी याद दिलाता है। इस तरह के सांस्कृतिक मेले हमारी विलुप्त होती लोक विरासत को संरक्षण प्रदान कर रहा है और आने वाली पीढ़ी को हमारी लोक संस्कृति से परिचित कराने का कार्य कर रहा है। राष्ट्र और संस्कृति को प्रत्यक्ष रूप से जानने का अवसर प्रदान करने वाला यह सांस्कृतिक मेला, निश्चित रूप से हमारी आगामी पीढ़ी के लिए सामाजिक समरसता को प्रगाढ़ करने का कार्य करेगा। ऐसे सांस्कृतिक आयोजनों के माध्यम से हमारे राज्य के कलाकारों को भी एक मंच प्राप्त होता है और उनकी कला को प्रोत्साहन मिलता है।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आज उत्तराखंड का ही नहीं बल्कि पूरे देश का भी सांस्कृतिक वैभव बढ़ रहा है। उत्तराखण्ड की डबल इंजन की सरकार राज्य के सर्वांगीण विकास को सार्थक करने हेतु प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार ने वर्ष 2025 तक उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने का विकल्प रहित संकल्प लिया है। इस संकल्प की पूर्ति हेतु हमारी सरकार ने हर क्षेत्र में विकास कार्यों की एक नई श्रृंखला स्थापित करने का कार्य किया है, जिसमे बागेश्वर जिला भी शामिल है। राज्य सरकार के सर्वश्रेष्ठ उत्तराखण्ड के निर्माण के संकल्प को पूरा करने में जनता से अपने दायित्वों के निर्वहन की अपेक्षा करता हूँ। सरकार के इस पावन पुनीत लक्ष्य को पूरा करने में अपना सहयोग प्रदान करेंगे और उत्तराखंड को देश का नंबर वन राज्य बनाएंगे।

इससे पूर्व उत्तरायणी मेला-2023 में तहसील परिसर से विभिन्न विद्यालयों के बच्चों तथा विभिन्न सांस्कृतिक दलों द्वारा आकर्षक सांस्कृतिक झांकी का प्रदर्शन किया गया।

उत्तरायणी मेला-2023 में विधानसभा बागेश्वर के अंतर्गत 1085.17 लाख की 12 योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया। 247.24 लाख की 03 योजनाओं का शिलान्यास तथा 837.93 लाख की 09 योजनाओं का लोकार्पण शामिल रहा। जिसमे लोनिवि विभाग द्वारा 86.61 लाख से बागेश्वर-जौलकाण्डे मोटर मार्ग में पी0सी0 का कार्य, 73.16 लाख की धनराशि से विकास खंड गरूड अंतर्गत कौसानी-भतडिया मोटर मार्ग के किमी. 01 से किमी. 04 तक पी0सी0 द्वारा सुधारीकरण कार्य तथा 87.5 लाख की धनराशि से विकासखंड गरूड अंतर्गत कन्धार-रौल्यान-मजकोट मोटर मार्ग के किमी. 08 से किमी. 11 तक पी0सी0 द्वारा सतह सुधारीकरण कार्यों का शिलान्यास किया गया। पी.एम.जी.एस.वाई विभाग की 278.41 लाख धनराशि से कन्धान-रौल्याना मोटर मार्ग किमी. 01 से सिमखेत मोटर मार्ग के किमी. 02 से 42 मीटर स्पान स्टील गार्डर सेतु, शिक्षा विभाग अंतर्गत 133.14 लाख से राइंका असौ में विज्ञाान प्रयोगशाला, आर्ट-क्राफ्ट रूम, कम्प्यूटर कक्ष, पुस्तकालय कक्ष एवं दो कक्षा-कक्ष तथा बालक-बालिका शौचालय का निर्माण, 40.20 लाख से राइंका भटखोला में भौतिक/रसायन/जीवन विज्ञान प्रयोगशालाओं का निर्माण कार्य, 41.70 लाख से राबाइंका बागेश्वर में भौतिक/रसायन/जीवन विज्ञान प्रयोगशालाओं का निर्माण कार्य, 40.75 लाख से राइंका रवाईखाल में भौतिक/रसायन/जीव विज्ञान प्रयोगशालाओं का निर्माण कार्य तथा 69.18 लाख की धनराशि से राइंका अमस्यारी में भौतिक विज्ञान/रसायन विज्ञान/जीवन विज्ञान प्रयोगशालाओं एवं दो बालिका शौचालय निर्माण कार्य आदि है। वहीं लघु डाल विभाग अंतर्गत 55.22 लाख की मन्यूडा-गागरीगोल लिफ्ट सिंचाई योजना व 80.00 लाख की बिलौना लिफ्ट सिंचाई योजना तथा सिंचाई विभाग के अंतर्ग्ात 99.33 लाख से अग्निकुण्ड में सरयू नदी के दाये पाश्र्व पर हनुमान मंदिर के समीप घाट निर्माण कार्य का लोकार्पण शामिल रहा।

इस अवसर पर सांसद अजय टम्टा, प्रदेश प्रभारी भाजपा दुष्यंत गौतम, जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती देव, विधायक सुरेश गढ़िया, नगर पालिका अध्यक्ष सुरेश खेतवाल, ब्लॉक प्रमुख हेमा बिष्ट, पुष्पा देवी, गोविंद दानू, जिला अधिकारी अनुराधा पाल, पुलिस अधीक्षक हिमांशु वर्मा एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

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चम्पावत जिले के भ्रमण पर पंहुचे मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने टनकपुर के शारदा घाट पर मां शारदा की आरती कर प्रदेश के शुख और शांति की कांमना की।
टनकपुर शारदा घाट को हरिद्वार के हरकी पौड़ी की तर्ज पर विकसित करने के क्रम में संध्याकालीन आरती का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मां शारदा की नियमित आरती से जिले को धार्मिक पर्यटन में काफी प्रसिद्धि मिलेगी। उन्होंने कहा कि शारदा मैय्या की पावन भूमि पर मकर सक्रांति, उत्तरायणी जैसे अनेकों नामों से जाने जाने वाले इस पर्व को मनाया जा रहा है। आप सभी को मकर सक्रांति की बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं। आज के दिन से धीरे-धीरे प्रकाश बढ़ने लगता है, रुके हुए काम प्रारंभ हो जाते हैं, ये दिन भीष्म पितामाह भीष्म को भी स्मरण करने का दिन जिन्होंने अपने प्राण सूर्य के उत्तरायण आने पर त्यागे। हमने तय किया है कि बागेश्वर, देवप्रयाग, टनकपुर, हरिद्वार अनेक स्थानों पर यह पर्व मनाया जाय। हमारा प्रयास है हमारे लोकप्रिय त्योहार, लोक संस्कृति जो हमारे पूर्वज जिन मान्यताओं के साथ लगातार मनाते आए हैं वैसे ही हमारी आगे की पीढ़ी भी संस्कृति को लगातार आगे बढ़ाए और पीढ़ी दर पीढ़ी आगे हस्तांतरित हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत का मान, सम्मान बड़ा है। आज हमारे नदियों की सफाई के लिए निर्मल गंगा अभियान चलाया जा रहा है। जिसके माध्यम से गंगा जी और गंगा जी की जितनी भी सहायक नदियां हैं उन सभी सहायक नदियों को स्वच्छ बनाने का काम इस अभियान के तहत किया जा रहा है। आज शुभ दिन है और विधिवत रूप से यहां शारदा मां की आरती कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। मां पूर्णागिरि मैया का मेला लगता है यहां पूरे देशभर से श्रद्धालु आते हैं और पूर्णागिरी के दर्शन करते हैं। वे सभी श्रद्धालु लोग मां पूर्णागिरि मैया के दर्शन करें और साथ ही मां बाराही, गोरखनाथ, हिंगला देवी आदि, के भी दर्शन करें और श्यामलाताल जेसे पर्यटन स्थलों तक पंहुचे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चम्पावत को आदर्श जिला बनाने की ओर हम लगातार कार्य कर रहे हैं। हमे ऐसे लोगों की आवश्यकता है, जो अपने देश के लिए समर्पित होकर कार्य करें और आशा करता हूं की आप सभी इसके लिए तैयार है। यह जनपद उत्तराखंड का आदर्श जनपद होगा। उन्होंने कहा वर्ष 2023 को मिलेट वर्ष के रूप में घोषित किया गया। राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार से अनुरोध किया था कि मंडवा को भारत सरकार के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा में सम्मिलित किया जाए। मडूवे को भी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा में शामिल कर लिया है। जिससे हमारे सभी किसानों को प्रोत्साहन मिलेगा ताकि वो और उन्नत तरीके से खेती के लिए प्रेरित हो।

इससे पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा शारदा नदी के दाएं पार्श्व पर घसियारामण्डी बस्ती में शारदा नदी के किनारे 607.48लाख की लागत के आपदा न्यूनीकरण मद के कार्यों का भूमिपूजन किया गया।
इस अवसर पर माननीय अध्यक्ष उत्तराखंड वन विकास निगम कैलाश चन्द्र गहतोड़ी, अध्यक्ष नगर पालिका टनकपुर विपिन कुमार, जिलाधिकारी नरेन्द्र सिंह भंडारी सहित क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि गणमान्य नागरिक विभिन्न विभागों के अधिकारी आदि उपस्थित रहे।

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