काशीपुर। कुंडा थाना क्षेत्र में महिला ने अपने दो मासूम बच्चों के साथ जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या का प्रयास किया है, जिससे तीनों की तबीयत बिगड़ गई। परिजनों ने तीनों को हॉस्पिटल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान मां और दो साल के मासूम बेटे की मौत हो गई। वहीं चार साल की बेटी अभी जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है। पुलिस ने मृतकों के शव को अपने कब्जे में लेकर पीएम के लिए भेज दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार कुसुमलता गंगापुर गांव में राजा नाम के युवक के साथ डेढ़ साल से लिव इन रिलेशनशिप थी। कुसुमलता के तीन बच्चे जिनकी उम्र चार साल, दो साल और एक माह है। वैसे कुसुमलता मूल रूप से कचनाल गाजी की रहने वाली थी। कुसुमलता का शादी 6 साल पहले यूपी के जिला रामपुर के दढियाल गांव निवासी रामकिशोर से हुई थी। बताया जा रहा है कि कुसुमलता का कोई रिश्तेदार गंगापुर गांव में रहता है, उन्हीं से मिलने वो अक्सर गंगापुर आया करती थी। इसी दौरान उसकी मुलाकात गंगापुर के ही राजा से हो गई और फिर धीरे-धीरे दोनों नजदीक आ गए। डेढ साल पहले कुसुमलता ने अपने पति रामकिशोर को छोड़ दिया था और राजा के साथ गंगापुर गांव में लिव इन रिलेशनशिप में रहने लगी थी। ग्रामीणों ने कुसुमलता का उसके पति रामकिशोर से समझौता करने का काफी बार प्रयास किया, लेकिन कुसुमलता अपनी जिद पर अड़ी रही और राजा के साथ ही रहने लगी। एक महीना पहले कुसुमलता ने एक बेटे को जन्म भी दिया था। जानकारी के अनुसार बुधवार को राजा काम पर गया था, तभी घर में अकेली कुसमलता ने अपनी चार साल की बेटी और दो साल के बेटे के साथ जहरीला पदार्थ खा लिया। राजा घर पहुंचा तो देखा कि तीनों की हालत बिगड़ी हुई है। उसने तीनों को काशीपुर के निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया, जहां कुसमलता और दो साल के बेटे की मौत हो गई है, जबकि चार साल की बेटी की हालत गंभीर बनी हुई है। मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस और नायब तहसीलदार भी मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में लिया। पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिए है। नायब तहसीलदार राकेश चंद के मुताबिक अभीतक मौत के सही कारणों का पता नहीं चल पाया है. मामले की जांच की जा रही है, वहीं पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
हल्द्वानी। लांस नायक चंद्रशेखर हरबोला का अंतिम संस्कार पूरे सैनिक सम्मान के साथ बुधवार को रानीबाग के चित्रशिला घाट पर किया गया। शहीद लांसनायक चंद्रशेखर हरबोला की दोनों बेटियां कविता और बबीता ने पिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान शहीद के अंतिम दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में लोग घाट पर मौजूद रहे। सेना, प्रशासन और पुलिस के जवानों ने शहीद को नमन करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। सीएम धामी, कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य, गणेश जोशी और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने भी शहीद के परिजनों से मुलाकात की। वहीं, शहीद लांसनायक चंद्रशेखर हरबोला की दोनों बेटियां कविता और बबीता ने पिता को मुखाग्नि दी।
बुधवार को सेना के जवान लांस नायक चंद्रशेखर हरबोला का पार्थिव शरीर हल्द्वानी के आर्मी हेलीपैड पर पहुंचा। जहां से पार्थिव शरीर को उनके आवास पर अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया। इस दौरान स्थानीय लोगों से लेकर वीआईपी लोगों ने शहीद को याद करते हुए उन्हें नमन किया। सीएम धामी भी शहीद के दर्शनों के लिए उनके घर पहुंचे। सीएम धामी ने लांस नायक चंद्रशेखर हरबोला के परिजनों से मुलाकात करते हुए उन्हें ढांढस बंधाया। इस दौरान सीएम धामी ने कहा शहीद चंद्रशेखर हरबोला के बलिदान को याद रखा जाएगा। उन्होंने कहा उनका बलिदान आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सीख है। सीएम धामी ने कहा चंद्रशेखर हरबोला एक परिवार के नहीं हैं, वे पूरे देश के हैं। उन्होंने कहा सैन्य धाम में भी उनकी स्मृतियों को संजोकर रखा जाएगा। उनके नाम पर स्कूल, सड़क और स्मारक की की मांग के सवाल पर बोलते हुए सीएम धामी ने कहा परिवार की भावनाओं का सम्मान करते हुए उनकी मांगो पर जरुर विचार किया जाएगा। इस दौरान कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य, गणेश जोशी और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य भी सीएम के साथ मौजूद रहे।
शासन ने किया आईएएस अधिकारियों की जिम्मेदारी में बदलाव
देहरादून। शासन ने 3 आईएएस अधिकारियों की जिम्मेदारियों में बदलाव किया है। इसमें शैलेश बगोली, सौजन्या और दिलीप जावलकर जैसे अधिकारी शामिल हैं।
उत्तराखंड में 3 आईएएस अधिकारियों की जिम्मेदारी में बदलाव करते हुए शासन ने बुधवार को इसके आदेश जारी किये हैं। शासन की तरफ से आईएएस शैलेश बगोली को सचिव सूचना प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है। उनके पास पहले से ही सचिव मुख्यमंत्री कार्मिक एवं सतर्कता के साथ ही कृषि की जिम्मेदारी भी है। आईएएस दिलीप जावलकर को सचिव निर्वाचन की भी अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा दिलीप जावलकर पहले ही वित्त और नागरिक उड्डयन के सचिव के तौर पर काम कर रहे हैं। आईएएस सौजन्या से उनकी सभी जिम्मेदारियां वापस ले ली गई हैं। दरअसल आईएएस सौजन्या प्रतिनियुक्ति पर जा रही हैं। शासन से सौजन्या रिलीव हो चुकी हैं. वे एलबीएस अकादमी में प्रतिनियुक्ति पर रहेंगी।
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प्रधानमंत्री ने जिस जंगल में लगाई लाईटें वहां आज फिर अंधेरा
देहरादून। एक युवती के पत्र पर प्रधानमंत्री ने जिस जंगल में लाईटें लगवा दी थी, वर्तमान में वहां अंधेरा ही अंधेरा है। ग्रामीणों ने अधिकारियों से लेकर सीएम तक गुहार लगा दी लेकिन कहीं सुनवायी नहीं हो रही है। जो काफी दुर्भाग्य की बात है।
गौरतलब है कि जाखन से जोहडी गांव की तरफ जाने वाले रास्ते में चढाई खत्म होते ही जंगल शुरू हो जाता है। यह जंगल नशेडियों, भंगेडियों के लिए स्वर्ग की तरह है। यहां पर जंगल के अंदर बैठकर वह अपने नशे की पूर्ति करते हैं तथा अंधेरा तो मानों इनके लिए वरदान साबित होता है। अंधेरे में इनको देखने वाला कोई नहीं होता और आम आदमी वहां रूकने की जरूरत तक नही करता है।
लगभग दो वर्ष पूर्व एक युवती ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक पत्र लिखकर सारी व्यथा लिख दी थी। जिसको काफी गम्भीरता से लेते हुए प्रधानमंत्री की पहल पर वहां पर लाईटें लगवायी गयी थी। जिससे वह जंगल का इलाका रोशन हो गया और आम जन को वहां से गुजरने में कोई परेशानी नहीं होने लगी थी। अब वह जगह नशेडियों व असामाजिक तत्वों के लिए खतरा बन गयी थी तथा वह खुलेआम अब कुछ भी कर पा रहे थे। इसी दौरान नशेडियों की मुराद पूरी हो गयी और वहां लगी लाईटें खराब हो गयी तथा एक बार फिर से वहां पर अंधेरे का राज कायम हो गया। ग्रामीणों ने इस बात की शिकायत स्थानीय स्तर पर कई बार विभागीय अधिकारियोे से की लेकिन अधिकारियों ने एक कान से सुनी दूसरे कान से निकाल दी। इसके बाद कुछ जागरूक ग्रामीणों ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री पोटर्ल पर भी डाल दी लेकिन वहां भी कोई सुनवायी होती नहीं दिखायी दी। अब सोचने वाली बात है कि जहां प्रदेश सरकार मोदी के सपनों को साकार करने के लिए कटिबद्ध दिखायी दे रही है वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिस जगह को गुलजार किया था वहां वर्तमान में अंधेरा छा रखा है इसकी तरफ किसी का ध्यान क्यों नही जा रहा यह अपने आप में सोचने की बात है।
उत्तराखंड में भगवान बलराम का एकमात्र मंदिर मसूरी से 15 किमी की दूरी पर दुधली भद्रराज पहाड़ी पर स्थित है। यह मंदिर साढ़े सात हजार फीट की ऊंचाई पर है। यहां पर दो दिवसीय पारंपरिक मेला लगा था। जो सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रंगारंग प्रस्तुतियों के साथ संपन्न हो गया। इस दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। भद्रराज मंदिर समिति के अध्यक्ष राजेश नौटियाल ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि दुधली पहाड़ी पर पछवादून व जौनपुर की सिलगांव पट्टी के ग्रामीण चौमासा के दिनों में अपने पशुओं को लेकर उक्त पहाड़ी पर चले जाते थे, लेकिन पहाड़ी पर एक राक्षस उनके पशुओं को खा जाता था। मवेशी पालकों को भी परेशान करता था, जिस पर ग्रामीण भगवान बलराम के पास सहायता के लिए पहुंचे। भगवान बलराम ने ग्रामीणों को मायूस नहीं किया और पहाड़ी पर जाकर राक्षस का अंत कर दिया. इतना ही नहीं चरवाहों के साथ लंबे समय तक पशुओं को भी चराया था। यही वजह है कि ग्रामीणों ने यहां पर भगवान बलराम का मंदिर बनाया और उनकी पूजा शुरू की. जो आज भी जारी है। ऐसी मान्यता है कि भगवान बलभद्र आज भी उनके पशुओं की रक्षा करते हैं।
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को पौड़ी जिले के कोटद्वार में अग्निपथ योजना का शुभारंभ किया। इस दौरान उनके साथ कोटद्वार विधायक एवं उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी, पौड़ी विधायक राजकुमार पोरी, सैनिक कल्याण मंत्री मंत्री गणेश जोशी, लैंसडाउन विधायक दलीप सिंह रावत, यमकेश्वर विधायक रेनू बिष्ट आदि मौजूद रहे। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने सीएम धामी का ढोल नगाड़ों के साथ स्वागत किया। इसके बाद सीएम धामी ने अग्निवीर भर्ती की तैयारियों का जायजा लिया।
सीएम धामी ने बुधवार को मॉडर्न मोंटेसरी स्कूल में अग्निपथ योजना का शुभारंभ किया। गौरतलब है कि19 अगस्त से गढ़वाल मंडल के 7 जिलों के लिए अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया शुरू
की जा रही है। भर्ती प्रक्रिया कोटद्वार के गब्बर सिंह कैंप (आर्मी एरिया) में होगी। भर्ती प्रक्रिया की मेजबानी कर रहे गढ़वाल राइफल लैंसडाउन की ओर से सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। वहीं, भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के सौजन्य से अग्निवीर भर्ती में आने वाले अभ्यर्थियों के लिए लिए निःशुल्क भोजन कैंप का शुभारंभ भी सीएम द्वारा किया गया। भर्ती केंद्र पर गढ़वाल मंडल के 7 जिलों से कुल 63,360 अभ्यर्थियों द्वारा पंजीकरण कराया गया है, जिसमें चमोली के 9306, देहरादून के 9148, हरिद्वार के 6812, पौड़ी गढ़वाल के 16330, रुद्रप्रयाग के 6357, टिहरी गढ़वाल के 9784, उत्तरकाशी के 5623 अभ्यर्थियों द्वारा पंजीकरण कराया गया है।
तड़के ब्यूटी पार्लर में लगी आग,लाखों का सामान खाक
हरिद्वार। ज्वालापुर क्षेत्र की मॉडल कॉलोनी स्थित एक ब्यूटी8 पार्लर में बुधवार तड़के अचानक आग लग गई। ब्यूटी पार्लर का शटर बंद होने के कारण जब तक आग लगने का पता चला, तब तक अंदर रखा लाखों रुपए का सामान जलकर राख हो चुका था। धुआं निकलता देख लोगों ने घटना की सूचना दमकल विभाग को दी। सूचना पाकर मौके पर पहुंचे दमकल विभाग के कर्मचारियों ने आग पर बमुश्किल काबू पाया।
मिली जानकारी के अनुसार कोतवाली ज्वालापुर क्षेत्र की मॉडल कॉलोनी में रॉयल चेरिश नाम से महिलाओं का ब्यूटी पार्लर में सुबह करीब 8.30 बजे मोहल्ले से गुजर रहे लोगों ने दुकान से धुआं निकलते देख, इसकी सूचना स्थानीय पुलिस और दमकल विभाग को दी। जिसके बाद तत्काल मौके पर पहुंची दमकल विभाग की दो गाड़ियों ने पार्लर का शटर तोड़कर आग पर बड़ी मशक्कत के बाद काबू पाया। जब तक आग पर काबू पाया, उससे पहले ही दुकान के अंदर रखा लाखों रुपए का सामान जलकर राख हो गया। गनीमत रही कि इस अग्निकांड के कारण ब्यूटी पार्लर के ऊपरी हिस्से में स्थित दूसरी दुकान को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। दमकल अधिकारी आर एस राणा ने बताया कि ब्यूटी पार्लर में आग लगने की सूचना पाकर टीम तत्काल मौके पर पहुंची और आग पर काफी मशक्कत के बाद काबू पाया। दुकान के अंदर काफी धुंआ भर गया था। दुकान में लाखों का नुकसान होना बताया जा रहा है। दमकल की दो गाड़ियों ने मौके पर पहुंच आग पर काबू पाया है। वहीं क्षेत्र में रहने वाले पूर्व सभासद संजय शर्मा का कहना है कि गंगा टावर ब्यूटी पार्लर में आग लगी थी। उसके बाद हम तुरंत बगल में स्थित हरीकृपा पेट्रोल पंप से फायर एक्सटिंग्विशर लाए. साथ ही दमकल विभाग को घटना की तत्काल जानकारी दी गई।
ठेकेदारों का आंदोलन जारी
आठवें दिन ठेकेदारों ने प्रान्तीय खण्ड लोनिवि बौराड़ी में सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। सरकार पर छोटे ठेकेदारों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया। जिसके बाद ठेकेदारों ने विभिन्न कार्यालयों में तालाबंदी की। जिला पंचायत कार्यालय परिसर, नगरपालिका परिषद, 8वां वृत लोक निर्माण विभाग, पीएमजीएसवाई, सिचांई विभाग के कार्यालयों में भी ठेकेदारों ने पहुंचकर मांगे न माने जाने पर रोष जाहिर किया। ठेकेदारों के धरना-प्रदर्शन व तालाबन्दी कार्यक्रम मे एसोसियेशन के अध्यक्ष रोशन चौहान, कार्यकारी अध्यक्ष किशोर सिंह मन्द्रवाल, सचिव राजेंद्र कुमाई, कोषाध्यक्ष प्रेमपति चौहान, उपाध्यक्ष जसपाल नेगी, संरक्षक राय सिंह रावत, मस्त राम पेटवाल, बालकृष्ण, रतूड़ी, मकान सिंह चौहान, सोहन सिंह विष्ट, सुनील जुयाल, रमेश सजवाण, राजेश रावत, धनवीर कलूडा, पूरण सिंह पोखरियाल, गोपाल चमोली, भरत जोशी, शूरबीर रावत, वीर सिंह गुनसोला, अजयपाल सिंह पंवार आदि ठेकेदार मौजूद रहे