सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम तक एक दिन में 18 से 20 हजार यात्रियों की रहने व खाने की व्यवस्थाएं :
रुद्रप्रयाग।पहाडोंकीगूँज, चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों की रिकॉर्ड तोड़ भीड़ उमड़ रही। धाम में कई किलोमीटर लंबी लाइन लग रही है। महज चार दिन में ही 80 हजार से ज्यादा तीर्थ यात्री बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं। केदारनाथ में तीर्थ यात्रियों की संख्या अधिक होने के कारण दोपहर 12 बजे के बाद सोनप्रयाग में रोका जा रहा है। एक दिन में 18 से 20 हजार यात्रियों को ही दर्शनों के लिए भेजा रहा है। केदारनाथ धाम की यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। एक दिन में 25 से 30 हजार यात्री बाबा के दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन पुलिस की ओर से व्यवस्थाओं को देखते हुए सोनप्रयाग से 18 से 20 हजार यात्रियों को ही केदारनाथ भेजा रहा है। बाकी यात्रियों को सोनप्रयाग में ही रोका जा रहा है, जिससे केदारनाथ में व्यवस्थाएं न चरमराएं। यह जनकारी केदारनाथ के कार्याधिकारी रमेशचंद्र तिवारी ने दूरभाष से दी है।
यात्रा व्यबस्था को सुगम बनाने के लिए सुझाव देने के लिए जिलाधिकारी,पुलिस अधीक्षक रूद्प्रयाग से सम्पर्क नही हो पाया है। जिससे सीताकोट के बाजार में पुलिस गाडियों को नहीं जाने देने से यात्रियों को बस अड्डे पर काफी परेशानी जहां होरही हैं वहीं गन्दगी का अंबार लगातार बढ़ रहा है।जबकि 10 -10गाडियों को जाने के आदेश ट्रैफिक पुलिस देती है तो यात्रियों को जहां परेशानी नहीं होगी वहीं लाखों रुपए में किराए की लीज पर ले रखे होटल वालो को पिछले दो साल से होरहे नुकसान की भरपाई करने में मदद मिल सकती है।
प्रशासन की अनं देखी से हो क्या रहा है कि वह मशीन की भांति अपनी ड्यूटी लगाने से मतलब है।जिससे अथिति देवो भव की भावना को ठेस पहुंचाने का काम प्रशासन की ओर से हो रहा है। जबकी बस स्टैंड पर यात्रियों को खाली आसमान में लंबी पहाड़ी मार्ग पर यात्रा करने के चलते चलने असमर्थ होते हुए जैसे मुसीबत में रात गुजारने पड़ रही है ।यदि गाड़ी बाजार से जाने दी जाती है तो यह मानव जनित परेशानी से यात्रियों को खाली पड़े जैसे हरिओम होटल एण्ड रेस्टोरेंट में 38 कमरे का बड़ा लॉज में आराम करने के लिए बस स्टेशन से दूर जाने से दुख नहीं उठाना पड़ता।यात्रियों की परेशानी दूर करने के लिए दिसम्बर 2021 प्रशासन लगा हुआ है कि छोटी परेशानी कितना बड़ा नुकसान पहुंचा रही है इसके चिंतन करने की जरूरत है।
सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम तक एक दिन में 18 से 20 हजार यात्रियों की ही रहने व खाने की व्यवस्थाएं हैं। अगर अत्यधिक यात्रियों को धाम भेजा जाता है तो दिक्कतें हो सकती हैं। ऐसे में पुलिस व प्रशासन कोई जोखिम नहीं लेना चाहता है और यात्रियों को सुरक्षित सोनप्रयाग में ही रोका जा रहा है। केदारनाथ धाम समेत पैदल मार्ग पर बारिश होते ही अत्यधिक ठंड बढ़ जाती है। ठंड के कारण यात्री बीमार हो जाते हैं।
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Tue May 10 , 2022
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