देहरादून ,कैंट विधानसभा के विधायक हरबंस कपूर एक ऐसे विधायक हैं जिन्होंने ऊतरप्रदेश से वर्ष 1989 से लगातार विधायक जीतते आए हैं । जिन्होंने पहली बार चुनाव के बाद आजतक हार नहीं देखी । विधायक हरबंस कपूर अपने विधानसभा क्षेत्र में समाज सेवक, विकास पुरुष के नाम से जाने जाते हैं । जिनकी दिन चरइया सुबह दूसरे लोगों के दुख दर्द के हाल चाल जानने घर घर जाकर सुरु होती है उनके ऊपर आज तक किसी भी प्रकार के कोई आरोप नहीं लगे थे । परन्तु कहते कि बाप किसी से हार नहीं खाता है अपनी संतान से हार का मुह देखना पड़ता है। अपने राजनीति के आखिरी पड़ाव में कपूर भी दागदार हो गए ।दाग दार हुए अपने बड़े बेटे अमित कपूर की वजह से । यह दाग ऐसा कड़वा सच है जिसे अब हरबंस कपूर न तो इसे ठुकरा सकते और न ही यह कह सकते है कि अमित कपूर उनका बेटा नहीं है जिसकी वजह से यह बदनाम होरहा है । बेशक उन्होंने यह सफाई दी है कि अमित कपूर के संचालित होने वाला बिहाईब कॉलेज ऑफ एडवांस स्टडीज , से उनका सीधा कोई तालुकात नहीं है । परंतु यह भी सच हौ कि अमित कपूर ने अपने विधायक पिता का परोक्ष या फिर अपरोक्ष रूप से अपने पिता के पद का फायदा उठाया है । और इस बात का यह जीता जागता उदाहरण है बिहाइब कॉलेज में वर्ष 2011 से 2017 के बीच छात्रवृत्ति घोटाले में 1 करोड़ 22 लाख 39 हज़ार 860 रुपये का सीधा भुगतान होना है । इस भारी भरकम रकम के लिए बिहाईब कॉलेज ऑफ एडवांस स्टडीज ने अपने कॉलेज में मोटी फीस लेकर छात्रों को सुविधा देने के बजाय कालेज को रुपयों को इकठ्ठा करना उद्देश्य बना कर फर्जी छात्र दर्शा कर छात्रवृत्ति हड़प ली थी । तो बिहाईब कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग छात्रवृत्ति के एक करोड़ सत्तरह लाख बहतर हजार आठ सौ रुपये
फर्जी तरीके से भुगतान पाने में अपनेपरिवार के पद के नाते सफल होगये। आरोप लगाया गया है कि उक्त छात्रवृत्ति आवंटन में खुलकर गड़बड़ी की गई है । बिहाईब कॉलेज मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी को दोकरोड़ इक्कतर लाख 90 हज़ार रुपये दिए गए । इन अलग अलग नामो से संचालित होने वाले सभी फर्जी भुगतान पाने वाले कॉलेज के स्वामी हरबंश कपूर का बेटा अमित कपूर ही है । जिसकी एसआईटी में जांच के दौरान अनेकों अनियमितता पाई गयी है। एसआईटी की जांच के बाद विधायक कपूर पर चारों तरफ से उंगलियां उठने लगी हैं । इन आरोपों से ना ही तो हरबंश कपूर खुद को बेदाग कह सकते हैं न ही, विधायक के बेटे अमित कपूर । फर्जी घोटाले ने जहां हरबंस कपूर का पूराराजनीतिक कैरियर खराब कर दिया है । यह भ्रष्टाचार उजागर होने से आगामी विधानसभा 2022 के लिए अपने व अपने परिवार के दावेदार को भी राजनीति से बाहर का रास्ता दिखा दिया है । जहां एक ओर विधायक हरबंस कपूर यह कयास लगा कर बैठे हुए थे,कि हो न हो मौजूदा सरकार में रिक्त तीन कैबिनेट में उनका भी नाम शामिल हो जाए और अपने राजनीति के अंतिम पड़ाव में एक बार कैबिनेट मंत्री का मुहर लग जाय ।अपने बेटे के कॉलेज में हुए करोड़ों रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले ने हरबंस कपूर को कैबिनेट के लिस्ट से बाहर तो किया ही है । साथ साथ उनकी राजनीतिक छवि भी दाग दार बना दी है । जहां भी इस घोटाले की आग आगामी 2022 के विधानसभा तक लगाना तय है । सूत्रों की माने तो अभी एसआईटी की जांच प्रक्रिया जारी है ऐसे में अभी कई अन्य भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं के कॉलेज के नाम भी छात्रवृत्ति घोटाले में शामिल हैं । जिसका खुलासा होने अभी बाकी है। । अब देखना होगा कि जीरो टॉलरेंस की यह मौजूदा सरकार अपने भाजपाइयों के ऊपर लगे भ्रष्टाचारी के आरोपों को किस नजर से देखती है । और उस पर क्या कार्यवाही करती भी है या नहीं । यह तो आने वाला समय ही बताएगा । लेकिन छात्रवृत्ति घोटाले ने कंपकपाते ठंड के बाद मौसम की बर्फवारी को जहां मुख्यमंत्री प्रदेश के किसानों के लिए सुखद बात रहे हैं वहीं राजनीतिक गलियारों में माहौल जगह जगह गरमा दिया है । जिससे अन्य पकड़ आने वाले नेताओं के बीच अलग अलग कयास लगाये जारहे है।