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साइबर_हैल्पलाइन_नम्बर_1930 एवं साइबर_अपराध_जानकारी_ही_बचाव

Pahado Ki Goonj

साइबर_हैल्पलाइन_नम्बर_1930
एवं साइबर_अपराध_जानकारी_ही_बचाव

आज दुनियाभर में फैले इंटरनेट नेटवर्क और चारो ओर फैले सूचनाओं के भंडार की आड़ लेकर ही साइबर अपराधी साइबर अपराध को अंजाम देते हैं। सीधे सीधे शब्दों में बताया जाये तो आज की दुनियां पूरी तरह से इंटरनेट पर निर्भर हो गयी है अर्थात पूरी तरह डिजिटल हो चुकी है, समय के साथ बदलती टेक्नोलॉजी के साथ हमको भी बदलना आवश्यक है अगर हम नई टेक्नोलॉजी के साथ नही बदलेंगे तो साइबर अपराधी गैर-कानूनी तरीके से हमारे साथ अपराध करते रहेंगे।
कहने का तात्पर्य यह है कि, हमें इस बदलाव को स्वीकारते हुए अपने को इसी के हिसाब से ढालना है।

[26/02, 6:35 pm] jeetmani painuli: https://youtu.be/Hyv97u-_4XA
[26/02, 6:39 pm] jeetmani painuli: https://youtu.be/gGLBUSCrH5w
[26/02, 6:42 pm] jeetmani painuli: https://youtu.be/0PYRAAnDphc
[26/02, 6:47 pm] jeetmani painuli: https://youtu.be/WRxIJPNdSyk
[26/02, 6:58 pm] jeetmani painuli: https://youtu.be/BdBoDN9o6xI
[26/02, 7:01 pm] jeetmani painuli: https://youtu.be/VSqR4wJJ5E0
[26/02, 7:04 pm] jeetmani painuli: https://youtu.be/24VNR-WWGmQ
[26/02, 8:48 pm] jeetmani painuli: https://youtube.com/shorts/TnRcq7DsFxQ?feature=share
[26/02, 8:55 pm] jeetmani painuli: https://youtu.be/icPGcfyihug
[26/02, 8:59 pm] jeetmani painuli: https://youtu.be/K8Bg-YOY_w4
[26/02, 9:04 pm] jeetmani painuli: https://youtube.com/shorts/wRbTmqU492c?feature=share
[26/02, 9:07 pm] jeetmani painuli: https://youtu.be/dIbZ2FxwqN0
[26/02, 9:21 pm] jeetmani painuli: https://youtu.be/mm12i1cyEXE
[27/02, 3:23 am] jeetmani painuli: https://youtu.be/EzDAgStMbd0
[27/02, 4:36 am] jeetmani painuli: The date of opening of the doors of the eleventh Jyotirlinga Lord Kedarnath temple will be announced on Mahashivratri festival https://pkgnews24.com/uttarakhand/the-date-of-opening-of-the-doors-of-the-eleventh-jyotirlinga-lord-kedarnath-temple-will-be-announced-on-mahashivratri-festival/
[27/02, 4:38 am] jeetmani painuli: ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग भगवान केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने की तिथि महाशिवरात्रि पर्व घोषित की जाएगी https://ukpkg.com/39276-2the-date-of-opening-of-the-doors-of-the-eleventh-jyotirlinga-lord-kedarnath-temple-will-be-announced-on-mahashivratri-festival/
[27/02, 5:21 am] jeetmani painuli: साइबर_हैल्पलाइन_नम्बर_1930 एवं साइबर_अपराध_जानकारी_ही_बचाव https://ukpkg.com/39282-2cyber_helpline_number_1930-and-cyber_crime_info_hi_rescue/
[27/02, 5:25 am] jeetmani painuli: cyber_helpline_number_1930 and cyber_crime_info_hi_rescue https://pkgnews24.com/uttarakhand/cyber_helpline_number_1930-and-cyber_crime_info_hi_rescue/
[27/02, 5:30 am] jeetmani painuli: cyber_helpline_number_1930 and cyber_crime_info_hi_rescue https://pkgnews24.com/uttarakhand/cyber_helpline_number_1930-and-cyber_crime_info_hi_rescue/
आज हर एक व्यक्ति एन्ड्राएड मोबाइल का उपयोग अवश्य कर रहा है और यदि नहीं भी कर रहा है तो अप्रत्यक्ष रूप से कहीं न कहीं इंटरनेट से अवश्य जुड़ गया है। अधिकांश लोग कम्पयूटर और लैपटॉप का उपयोग अपने निजी और कार्यालयी कार्यों के लिए अवश्य कर रहे हैं। कोरोना महामारी के दंश ने हमें इस ओर जरूर झुका दिया है कि, हम और हमारे बच्चे ऑनलाइन हो जायें। नई परम्परा शुरू हुई है नाम है वर्क फ्रॉम होम यानि घर से काम करो।
अब वर्क फ्रॉम होम वाला चैप्टर शुरू हो ही गया है तो हमें इसके फायदे के साथ-साथ नुकसान भी तो देखने ही हैं। जहां नफा हो तो निश्चित है कि, नुकसान रूपी राक्षस भी आसपास ही मंडरा रहा होगा। और हां फ्री फोकट में नुकसान की बारी आये तो क्या कहने फिर।
यदि ऐसा है तो *”जुएं के डर से घघरी तो नहीं फेंक सकते न”* यानि कि, नुकसान के डर से अपने कामों को त्याग तो नहीं सकते न बल्कि हमें इसकी काट लेकर और आगे की सोचनी चाहिए। बल्कि सतर्क रहकर अपने कार्य को अंजाम देना चाहिए। कोरोना महामारी का सामना भी तो कर रहे हैं हम, मास्क पहनकर, हाथ धोकर, कोविड अनुरूप व्यवहारों को अपनाकर।
इसी प्रकार से अपने कम्प्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल की सुरक्षा भी तो कर सकते हैं। इसमें क्या है, संयम ही तो रखना है, बाकी कार्य तो स्वतः ही सिद्व हो जायेंगे।
बात करते हैं साइबर अपराध की तो इसके बारे में यही कह सकते हैं कि, सामने वाला व्यक्ति मोबाइल, कम्प्यूटर या लैपटॉप में इंटरनेट का इस्तेमाल कर किसी और के साथ छल कपट या धोखा करके गैरकानूनी कार्य को अंजाम दे देता है तो उसका यह कार्य साइबर अपराध कहलाता है, और इस प्रकार का काम करने वाला साइबर अपराधी।
साइबर अपराधी हमारे बगल में भी हो सकता है या लाखों मील दूर भी, बस उसे इस काम को अंजाम देने के लिए अज्ञात शक्ति यानि इंटरनेट की आवश्यकता जरूर रहती है।

*#साइबर_अपराध_के_प्रकार*

आईडेन्टिटी थेप्ट (पहचान चुराना) – यह अपराध आजकल काफी ज्यादा दिखने को मिलता है। आज कल न्यूज़ पेपरों में आप पढ़ते होंगे। आज कल लोग बैंक जाने की अपेक्षा ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते है जिसमे आप कोई ट्रांजेक्शन एप या बैंको की ऑनलाइन सर्विस का उपयोग करते हैं । ऐसे क्राइम मे, साइबर अपराधी कोई न कोई गैर कानूनी तरीके से ऑनलाइन आपका पर्सनल डाटा जैसे आपके लेनदेन प्लेटफार्म का लॉगिन आईडी या पासवर्ड, व्यक्तिगत जानकारी इंटरनेट बैंकिंग डिटेल्स, क्रेडिट कार्ड डिटेल्स, डेबिट कार्ड डिटेल्स चुरा लेता है, और आपकी निजी जानकारी का इस्तेमाल कर ऑनलाइन प्लेटफार्म पर वस्तु खरीद लेते हैं। इस अवस्था में सामने वाले व्यक्ति के अकाउंट से पैसा कट जाता है और एक भारी हानि झेलना पड़ता है।

चाइल्ड पोर्नोग्राफी – ऐसे अपराध में अपराधी खुद की पहचान छुपाकर फर्जी आईडी बनाकर चैट रूम का उपयोग करते है और सामने वाले को धोखे में रखकर बातचीत करते हैं। इसमें छोटे बच्चों को या नाबालिगों को इतनी समझदारी नहीं होती ऐसी कंडीशन में अपराधी बच्चों को डराते धमकाते हैं लेकिन बच्चे माता पिता के डर से ये बात घर वालो या माता पिता को नही बताते हैं। और एब्यूजर्स के शिकार हो जाते है।

थेप्ट (चोरी) – ऐसे अपराध तब बनता है जब कोई एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति का कॉपीराइट सामग्री बिना उसकी इजाजत के गैर कानूनी तरीके से फ्री में इस्तेमाल करता है।

साइबर स्टॉकिंग – यह एक ऐसा साइबर अपराध होता है जिसमे ऑनलाइन सोशल मीडिया प्लेटफार्म के द्वारा मैसेज या ईमेल कर ब्लैकमेल करता है। ऐसे अपराध में ज्यादातर बच्चो को परेशान कर ब्लैकमेल किया जाता है।

मैलिसियस सॉफ्टवेयर – ऐसा कोई ऐप या सॉफ्टवेयर जिसका बिना जानकारी के अपने कम्यूटर या मोबाइल फोन में डाउनलोड कर इंस्टॉल करा लेते हैं तो साइबर अपराधी हमारे सिस्टम की सारी इनफॉर्मेशन बड़ी आसानी से चुरा सकते है या डैमेज कर सकते हैं।

हैकिंग – ऐसे अपराध में हैकर्स किसी दूसरे के निजी कंप्यूटर या मोबाइल मे निजी जानकारी को गैर कानूनी तरीके से बिना इजाजत के देखते और चुराते रहते हैं। ऐसी कंडीशन में सामने वाले व्यक्ति को पता भी नही चलता कोई उसकी जानकारी निकाली जा रही या एक्सेस की जा रही है।

*#साइबर_अपराध_किन_परिस्थितियों_में_हो_सकता है?*

√ मोबाइल या कंम्यूटर में इन्टरनेट का इस्तेमाल कर किसी व्यक्तिगत या सरकार की आर्थिक संपत्ति संबंधित आर्थिक अपराध (फाइनेंशियल फ्रॉड) करना।
√ डिवाइस में ऐसा वायरस पहुंचना जिससे आपकी डाटा को नुकसान पहुंचाया जा सकता है।
√ आपके नेटवर्क को आपकी जानकारी के बिना गलत कार्यों इस्तेमाल करना जो गैर कानूनी हो।
√ आपके निजी या किसी प्राइवेट या किसी शासकीय कार्यों में उपयोग होने वाले कम्प्यूटर, लैपटॉप या मोबाइल फोन के जीमेल/ईमेल पर ऐसे मेल करना जिस पर आप गलती से क्लिक करते हैं या कोई गलती से उपयोगी मेल समझ कर पर्सनल जानकारी देने की स्थिति में साइबर अपराध होने की सम्भावना हो सकती है।
√ इन्टरनेट की मदद से सोशल साइट्स पर गैर कानूनी फोटो या ऐसी भ्रांतियां फैलाने से भी साइबर क्राइम हो सकता है।
मोबाइल फोन में किसी बैंक के नाम से या किसी सरकारी योजना के नाम से मैसेज में कोई फर्जी लिंक शेयर करना भी साइबर अपराध होता है।
किसी फर्जी वेबसाइट द्वारा असली वेबसाइट्स से मिलता जुलता नाम रख पब्लिक को ऑनलाइन फ्रॉड करना भी साइबर क्राइम ही है।
√ फोन पे, गूगल पे, पेटीएम इत्यादि का का इस्तेमाल करते हैं तो आपके पास फर्जी पेमेंट नोटिफिकेशन भेजा जाता है आपकी मोबाइल स्क्रीन पर पे (भुगतान) और पे लेटर (यानि थोड़ी देर में भुगतान) का ऑप्शन आएगा अगर आपने पे पर क्लिक कर अपना पासवर्ड डाल दिया तो आपको आर्थिक नुकसान पहुंचाया जा सकता है। इस प्रकार के गैर कानूनी तरीके से भेजे गए नोटिफिकेशन साइबर अपराध की श्रेणी में आते हैं।
√ किसी बैंक के नाम से आपके पास कोई मैसेज या कॉल के द्वारा आपके अकाउंट में कोई जानकारी परिवर्तन करने के नाम से या कोई सरकारी योजना के नाम से कि, आपके अकाउंट में पैसा आया है, अगर आप लेना चाहते हैं तो आपसे आपका एटीएम का नम्बर लेना या सीवीवी (एटीएम के पीछे लिखा तीन अंकीय कोड) मांग कर आपके बैंक अकाउंट से पैसा गायब कर सकते हैं। उक्त गैर कानूनी तरीके से किया गया कार्य भी साइबर अपराध ही है।
√ सोशल मीडिया प्लेटफार्म ऐप जैसे कि, व्हट्सएप, फेसबुक, ट्विटर, टेलीग्राम, इंस्टाग्राम पर फर्जी नाम या फर्जी आईडी बना कर गैर कानूनी तरीके से किया गया ऐसा कार्य जो आपको आर्थिक नुकसान या आपके परिजनों, मित्रों, या अन्य किसी से भी किसी भी बहाने से धनराशि की मांग करने या आपके आईडी को हैक करने का प्रयास या आपके साथ की जाने वाली चैटिंग पर कोई ऐसी लिंक भेजना जो कि, आपके डाटा चुराने या आपके डाटा को नुकसान पहुंचाने का कार्य करे। इस तरह इंटरनेट द्वारा किया गया कृत्य भी साइबर अपराध कहलाता है।
√ कोरोना वैक्सीन लगवाने के नाम पर आपके मोबाइल पर आया कोई गैर कानूनी तरीके का मैसेज जिसके लिंक पर क्लिक कर जानकारी देने पर भी साइबर क्राइम हो सकता है।

*#साइबर_अपराध_से_बचने_के_उपाय*
साइबर अपराध से बचने का पहला उपाय तो यही है कि, आप जागरुक रहें, और अपनी निजी जानकारी (विशेषकर वित्तीय लेन देन सम्बन्धी) किसी से भी साझा न करें। फिर भी कुछ उपाय इस प्रकार से हैंः-
√ अपनी जीमेल/ईमेल आईडी या अन्य लेनदेन सम्बन्धी पासवर्ड कहीं पर न लिखें और न ही कोई मोबाइल नोटपैड ऐप पर लिखें। आईडी पासवर्ड हमेशा याद रखें।
√ समय समय पर अपनी आईडी का पासवर्ड बदलते रहें।
लॉगिन यूजरनेम और पासवर्ड भी गोपनीय रखें।
√ मोबाइल फोन और लैपटॉप में एन्टीवायरस रखें जो समय समय पर ऑटोमैटिकली वायरस को नष्ट करता रहता है।
√ मोबाइल या कम्प्यूटर किसी दूसरे व्यक्ति को बेचने से पहले गूगल अकाउन्ट मे जाकर अपनी आईडी रिमूव जरूर करें या अपना सिस्टम फैक्ट्री री-स्टोर करें।
√ अनजान मैसेज लिंक या मोबाइल पर आए नोटिफिकेशन पर बिना जानकारी के क्लिक न करें उसे रिमूव या डिलीट कर दें।
√ पैसे भेजने वाले यानि मनी ट्रांसफर ऐप जैसे एसबीआई नेटबैंकिंग, फोन पे, गूगल पे व अन्य जो भी ऐसे ऐप आप उपयोग करते हो कार्य पूरा होने पर तुरन्त लॉगआउट करें
√ किसी भी प्रकार के लोभ, लालच, प्रलोभन में न आयें।
√ अक्सर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर तैरने वाले विभिन्न भ्रामक मैसेजों को जैसे अलग-अलग योजनाओं जिसमें कि, आपको लॉटरी लगने या केबीसी से सम्बन्धित या फ्री डाटा या फ्री रिचार्ज जैसे मैसेजों को इग्नोर करें।
√ अन्जान नम्बर से आने वाली कॉल्स पर भरोसा न करें, और न ही किसी प्रकार की जानकारी साझा करें।
√ अपने सोशल मीडिया प्लैटफार्म से सम्बन्धित विभिन्न अकाउन्ट्स को डबल ऑथेन्टिक वैरिफिकेशन अवश्य करें।
√ अपना ओटीपी किसी से भी साझा न करें।

*यदि फिर भी पूरी सावधानी बरतने पर साइबर_हैल्पलाइन_नम्बर_1930

एवं साइबर_अपराध_जानकारी_ही_बचाव

आज दुनियाभर में फैले इंटरनेट नेटवर्क और चारो ओर फैले सूचनाओं के भंडार की आड़ लेकर ही साइबर अपराधी साइबर अपराध को अंजाम देते हैं। सीधे सीधे शब्दों में बताया जाये तो आज की दुनियां पूरी तरह से इंटरनेट पर निर्भर हो गयी है अर्थात पूरी तरह डिजिटल हो चुकी है, समय के साथ बदलती टेक्नोलॉजी के साथ हमको भी बदलना आवश्यक है अगर हम नई टेक्नोलॉजी के साथ नही बदलेंगे तो साइबर अपराधी गैर-कानूनी तरीके से हमारे साथ अपराध करते रहेंगे।

कहने का तात्पर्य यह है कि, हमें इस बदलाव को स्वीकारते हुए अपने को इसी के हिसाब से ढालना है।

आज हर एक व्यक्ति एन्ड्राएड मोबाइल का उपयोग अवश्य कर रहा है और यदि नहीं भी कर रहा है तो अप्रत्यक्ष रूप से कहीं न कहीं इंटरनेट से अवश्य जुड़ गया है। अधिकांश लोग कम्पयूटर और लैपटॉप का उपयोग अपने निजी और कार्यालयी कार्यों के लिए अवश्य कर रहे हैं। कोरोना महामारी के दंश ने हमें इस ओर जरूर झुका दिया है कि, हम और हमारे बच्चे ऑनलाइन हो जायें। नई परम्परा शुरू हुई है नाम है वर्क फ्रॉम होम यानि घर से काम करो।

अब वर्क फ्रॉम होम वाला चैप्टर शुरू हो ही गया है तो हमें इसके फायदे के साथ-साथ नुकसान भी तो देखने ही हैं। जहां नफा हो तो निश्चित है कि, नुकसान रूपी राक्षस भी आसपास ही मंडरा रहा होगा। और हां फ्री फोकट में नुकसान की बारी आये तो क्या कहने फिर।

यदि ऐसा है तो *”जुएं के डर से घघरी तो नहीं फेंक सकते न”* यानि कि, नुकसान के डर से अपने कामों को त्याग तो नहीं सकते न बल्कि हमें इसकी काट लेकर और आगे की सोचनी चाहिए। बल्कि सतर्क रहकर अपने कार्य को अंजाम देना चाहिए। कोरोना महामारी का सामना भी तो कर रहे हैं हम, मास्क पहनकर, हाथ धोकर, कोविड अनुरूप व्यवहारों को अपनाकर।

इसी प्रकार से अपने कम्प्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल की सुरक्षा भी तो कर सकते हैं। इसमें क्या है, संयम ही तो रखना है, बाकी कार्य तो स्वतः ही सिद्व हो जायेंगे।

बात करते हैं साइबर अपराध की तो इसके बारे में यही कह सकते हैं कि, सामने वाला व्यक्ति मोबाइल, कम्प्यूटर या लैपटॉप में इंटरनेट का इस्तेमाल कर किसी और के साथ छल कपट या धोखा करके गैरकानूनी कार्य को अंजाम दे देता है तो उसका यह कार्य साइबर अपराध कहलाता है, और इस प्रकार का काम करने वाला साइबर अपराधी।

साइबर अपराधी हमारे बगल में भी हो सकता है या लाखों मील दूर भी, बस उसे इस काम को अंजाम देने के लिए अज्ञात शक्ति यानि इंटरनेट की आवश्यकता जरूर रहती है।

 

*#साइबर_अपराध_के_प्रकार*

 

आईडेन्टिटी थेप्ट (पहचान चुराना) – यह अपराध आजकल काफी ज्यादा दिखने को मिलता है। आज कल न्यूज़ पेपरों में आप पढ़ते होंगे। आज कल लोग बैंक जाने की अपेक्षा ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते है जिसमे आप कोई ट्रांजेक्शन एप या बैंको की ऑनलाइन सर्विस का उपयोग करते हैं । ऐसे क्राइम मे, साइबर अपराधी कोई न कोई गैर कानूनी तरीके से ऑनलाइन आपका पर्सनल डाटा जैसे आपके लेनदेन प्लेटफार्म का लॉगिन आईडी या पासवर्ड, व्यक्तिगत जानकारी इंटरनेट बैंकिंग डिटेल्स, क्रेडिट कार्ड डिटेल्स, डेबिट कार्ड डिटेल्स चुरा लेता है, और आपकी निजी जानकारी का इस्तेमाल कर ऑनलाइन प्लेटफार्म पर वस्तु खरीद लेते हैं। इस अवस्था में सामने वाले व्यक्ति के अकाउंट से पैसा कट जाता है और एक भारी हानि झेलना पड़ता है।

 

चाइल्ड पोर्नोग्राफी – ऐसे अपराध में अपराधी खुद की पहचान छुपाकर फर्जी आईडी बनाकर चैट रूम का उपयोग करते है और सामने वाले को धोखे में रखकर बातचीत करते हैं। इसमें छोटे बच्चों को या नाबालिगों को इतनी समझदारी नहीं होती ऐसी कंडीशन में अपराधी बच्चों को डराते धमकाते हैं लेकिन बच्चे माता पिता के डर से ये बात घर वालो या माता पिता को नही बताते हैं। और एब्यूजर्स के शिकार हो जाते है।

 

थेप्ट (चोरी) – ऐसे अपराध तब बनता है जब कोई एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति का कॉपीराइट सामग्री बिना उसकी इजाजत के गैर कानूनी तरीके से फ्री में इस्तेमाल करता है।

 

साइबर स्टॉकिंग – यह एक ऐसा साइबर अपराध होता है जिसमे ऑनलाइन सोशल मीडिया प्लेटफार्म के द्वारा मैसेज या ईमेल कर ब्लैकमेल करता है। ऐसे अपराध में ज्यादातर बच्चो को परेशान कर ब्लैकमेल किया जाता है।

 

मैलिसियस सॉफ्टवेयर – ऐसा कोई ऐप या सॉफ्टवेयर जिसका बिना जानकारी के अपने कम्यूटर या मोबाइल फोन में डाउनलोड कर इंस्टॉल करा लेते हैं तो साइबर अपराधी हमारे सिस्टम की सारी इनफॉर्मेशन बड़ी आसानी से चुरा सकते है या डैमेज कर सकते हैं।

 

हैकिंग – ऐसे अपराध में हैकर्स किसी दूसरे के निजी कंप्यूटर या मोबाइल मे निजी जानकारी को गैर कानूनी तरीके से बिना इजाजत के देखते और चुराते रहते हैं। ऐसी कंडीशन में सामने वाले व्यक्ति को पता भी नही चलता कोई उसकी जानकारी निकाली जा रही या एक्सेस की जा रही है।

 

*#साइबर_अपराध_किन_परिस्थितियों_में_हो_सकता है?*

 

√ मोबाइल या कंम्यूटर में इन्टरनेट का इस्तेमाल कर किसी व्यक्तिगत या सरकार की आर्थिक संपत्ति संबंधित आर्थिक अपराध (फाइनेंशियल फ्रॉड) करना।

√ डिवाइस में ऐसा वायरस पहुंचना जिससे आपकी डाटा को नुकसान पहुंचाया जा सकता है।

√ आपके नेटवर्क को आपकी जानकारी के बिना गलत कार्यों इस्तेमाल करना जो गैर कानूनी हो।

√ आपके निजी या किसी प्राइवेट या किसी शासकीय कार्यों में उपयोग होने वाले कम्प्यूटर, लैपटॉप या मोबाइल फोन के जीमेल/ईमेल पर ऐसे मेल करना जिस पर आप गलती से क्लिक करते हैं या कोई गलती से उपयोगी मेल समझ कर पर्सनल जानकारी देने की स्थिति में साइबर अपराध होने की सम्भावना हो सकती है।

√ इन्टरनेट की मदद से सोशल साइट्स पर गैर कानूनी फोटो या ऐसी भ्रांतियां फैलाने से भी साइबर क्राइम हो सकता है।

मोबाइल फोन में किसी बैंक के नाम से या किसी सरकारी योजना के नाम से मैसेज में कोई फर्जी लिंक शेयर करना भी साइबर अपराध होता है।

किसी फर्जी वेबसाइट द्वारा असली वेबसाइट्स से मिलता जुलता नाम रख पब्लिक को ऑनलाइन फ्रॉड करना भी साइबर क्राइम ही है।

√ फोन पे, गूगल पे, पेटीएम इत्यादि का का इस्तेमाल करते हैं तो आपके पास फर्जी पेमेंट नोटिफिकेशन भेजा जाता है आपकी मोबाइल स्क्रीन पर पे (भुगतान) और पे लेटर (यानि थोड़ी देर में भुगतान) का ऑप्शन आएगा अगर आपने पे पर क्लिक कर अपना पासवर्ड डाल दिया तो आपको आर्थिक नुकसान पहुंचाया जा सकता है। इस प्रकार के गैर कानूनी तरीके से भेजे गए नोटिफिकेशन साइबर अपराध की श्रेणी में आते हैं।

√ किसी बैंक के नाम से आपके पास कोई मैसेज या कॉल के द्वारा आपके अकाउंट में कोई जानकारी परिवर्तन करने के नाम से या कोई सरकारी योजना के नाम से कि, आपके अकाउंट में पैसा आया है, अगर आप लेना चाहते हैं तो आपसे आपका एटीएम का नम्बर लेना या सीवीवी (एटीएम के पीछे लिखा तीन अंकीय कोड) मांग कर आपके बैंक अकाउंट से पैसा गायब कर सकते हैं। उक्त गैर कानूनी तरीके से किया गया कार्य भी साइबर अपराध ही है।

√ सोशल मीडिया प्लेटफार्म ऐप जैसे कि, व्हट्सएप, फेसबुक, ट्विटर, टेलीग्राम, इंस्टाग्राम पर फर्जी नाम या फर्जी आईडी बना कर गैर कानूनी तरीके से किया गया ऐसा कार्य जो आपको आर्थिक नुकसान या आपके परिजनों, मित्रों, या अन्य किसी से भी किसी भी बहाने से धनराशि की मांग करने या आपके आईडी को हैक करने का प्रयास या आपके साथ की जाने वाली चैटिंग पर कोई ऐसी लिंक भेजना जो कि, आपके डाटा चुराने या आपके डाटा को नुकसान पहुंचाने का कार्य करे। इस तरह इंटरनेट द्वारा किया गया कृत्य भी साइबर अपराध कहलाता है।

√ कोरोना वैक्सीन लगवाने के नाम पर आपके मोबाइल पर आया कोई गैर कानूनी तरीके का मैसेज जिसके लिंक पर क्लिक कर जानकारी देने पर भी साइबर क्राइम हो सकता है।

 

*#साइबर_अपराध_से_बचने_के_उपाय*

साइबर अपराध से बचने का पहला उपाय तो यही है कि, आप जागरुक रहें, और अपनी निजी जानकारी (विशेषकर वित्तीय लेन देन सम्बन्धी) किसी से भी साझा न करें। फिर भी कुछ उपाय इस प्रकार से हैंः-

√ अपनी जीमेल/ईमेल आईडी या अन्य लेनदेन सम्बन्धी पासवर्ड कहीं पर न लिखें और न ही कोई मोबाइल नोटपैड ऐप पर लिखें। आईडी पासवर्ड हमेशा याद रखें।

√ समय समय पर अपनी आईडी का पासवर्ड बदलते रहें।

लॉगिन यूजरनेम और पासवर्ड भी गोपनीय रखें।

√ मोबाइल फोन और लैपटॉप में एन्टीवायरस रखें जो समय समय पर ऑटोमैटिकली वायरस को नष्ट करता रहता है।

√ मोबाइल या कम्प्यूटर किसी दूसरे व्यक्ति को बेचने से पहले गूगल अकाउन्ट मे जाकर अपनी आईडी रिमूव जरूर करें या अपना सिस्टम फैक्ट्री री-स्टोर करें।

√ अनजान मैसेज लिंक या मोबाइल पर आए नोटिफिकेशन पर बिना जानकारी के क्लिक न करें उसे रिमूव या डिलीट कर दें।

√ पैसे भेजने वाले यानि मनी ट्रांसफर ऐप जैसे एसबीआई नेटबैंकिंग, फोन पे, गूगल पे व अन्य जो भी ऐसे ऐप आप उपयोग करते हो कार्य पूरा होने पर तुरन्त लॉगआउट करें

√ किसी भी प्रकार के लोभ, लालच, प्रलोभन में न आयें।

√ अक्सर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर तैरने वाले विभिन्न भ्रामक मैसेजों को जैसे अलग-अलग योजनाओं जिसमें कि, आपको लॉटरी लगने या केबीसी से सम्बन्धित या फ्री डाटा या फ्री रिचार्ज जैसे मैसेजों को इग्नोर करें।

√ अन्जान नम्बर से आने वाली कॉल्स पर भरोसा न करें, और न ही किसी प्रकार की जानकारी साझा करें।

√ अपने सोशल मीडिया प्लैटफार्म से सम्बन्धित विभिन्न अकाउन्ट्स को डबल ऑथेन्टिक वैरिफिकेशन अवश्य करें।

√ अपना ओटीपी किसी से भी साझा न करें।

 

*यदि फिर भी पूरी सावधानी बरतने पर भी किसी न किसी कारण से साइबर फ्रॉड हो ही जाता है तो साइबर हैल्पलाइन 1930 पर कॉल कर, आवश्यक सहयोग लें।*

क भी किसी न किसी कारण से साइबर फ्रॉड हो ही जाता है तो साइबर हैल्पलाइन 1930 पर कॉल कर, आवश्यक सहयोग लें।*

*Social Media Cell Police Office Rudraprayag*cyber_helpline_number_1930O and cyber_crime_info_hi_rescue

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