सुमित यशकल्याण
हरिद्वार। सावन और भादो के दोनों महीने खाने पीने के लिए आज से बहुत ही संवेदनशील हैं कनखल के प्रसिद्ध वैद्य दीपक कुमार बता रहे हैं कि इन दोनों महीनों में यह खाएं और ये ना खाएं, इन बातों का विशेष ध्यान रखें नहीं तो आप रोगों का शिकार हो सकते हैं।
- दूध ,दही लस्सी न लें ।
- हरे पत्ते वाली सब्ज़ी न खाएँ ।
- रसदार फल न लें । आम न खाएँ ।
- बैंगन ,लौकी न खाएँ ।
- गाजर मूली चुकंदर ककड़ी खीरा न खाएँ ।
- बाजार से फ़ास्ट फ़ूड न खाएँ।
- मिठाईयां न खाएँ ।
- किसी प्रकार का माँस व मदिरा न लें ।
- तेज़ खट्टा न खाएँ ।
- ठंडी व बासी चीज़ न खाएँ ।
- आइसक्रीम एवं कोल्ड ड्रिंक का सेवन ना करेंl
फिर क्या खाएँ ।
- पनीर , मटर की सब्ज़ी ,दालें सभी खा सकते हैं ।
- गाजर टमाटर का सूप ,
- अदरक,प्याज़ ,लस्सन,
- सेब ,अनानास,बेल फल ,नारियल ।
- बेकरी व भुजिया products.,
- जलेबी , थोड़ा गर्म गुलाब जामुन व हलवाl
- बेसन का ज़्यादा प्रयोग करें ।
- पानी उबाल कर , ताज़ा कर के पीएँ ।
- हल्दी वाला गर्म दूध ले सकते हैं ।
- देसी चाय ले सकते है । ब्राह्मी चाय या इम्यून चाय का सेवन इस मौसम में बहुत ही चमत्कारिक लाभ दिखाता हैl
- विटामिन सी से युक्त आंवले से भरपूर रसायनप्राश का सेवन भी ऐसे मौसम में बहुत लाभ देता है
ध्यान रखें इन दो महीनों व वर्षा ऋतु में ज्ठराग्नि ( पाचन शक्ति ) कमज़ोर व मंद होती है । इसलिए वात पित् व कफ रोग बड़ जाता है ।इस ऋतु में वर्षा के कारण जलवायु में कई प्रकार के विषाक्त कीटाणुओं का सब्ज़ियों व फलों पर व ठंडे पेय पदार्थों पर हमला हो जाता है जो कि मनुष्य ,पशु ,जानवरों ,पंछियों व पानी में रहने वाले जीवों को भी नुक्सान करता है इसलिए पानी भी उबाल कर पीएँ ।
तलाब व खड़े पानी व नदी दरिया के पानी में न नहाएँ ।अगर नहाना पड़ जाए तो बाद में नीम् युक्त साबुन से नहाएँ नहीं तो पित रोग का ख़तरा है ।
देखें एवं शेयर किजयेगा
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