टिहरी(पहाडोंकीगूँज)
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत,केंद्रीय खेल राज्य मंत्री किरेन रिजिजु ने टिहरी में वाॅटर स्पोर्ट्स एंड एडवेंचर इंस्टीट्यूट का उद्घाटन किया!
राज्य सरकार और उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए निरंतर कार्यरत – मुख्यमंत्री
खेलों के विकास के लिए उत्तराखण्ड को हरसंभव मदद दी जाएगी किरेन रिजिजू
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत तथा केंद्रीय खेल एवं युवा मामलों के राज्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कोटी कालोनी, टिहरी में वाॅटर स्पोर्ट्स एंड एडवेंचर इंस्टीट्यूट का उद्घाटन किया।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि पिछले छह दशकों से आईटीबीपी के जवान देश की सीमाओं की सुरक्षा में जुटे हैं। चाहे कैसी भी विपरीत परिस्थितियां हो, आईटीबीपी के जवानों ने हमेशा अपनी जान की परवाह न करते हुए उच्च स्तर पर बचाव और राहत कार्यों को अंजाम दिया है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण आपदाओं के समय देखने को मिलता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार और उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए निरंतर कार्य कर रहा है। इसके मद्देनजर ही टिहरी झील क्षेत्र में वाॅटर स्पोर्ट्स एंड एडवेंचर इंस्टीट्यूट बनाने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि साहसिक खेलों के लंबे गौरवशाली इतिहास और अनुभव को देखते हुए इस संस्थान के संचालन और प्रबंधन का कार्य आईटीबीपी को सौंपने का निर्णय लिया गया है। यहां पैरा ग्लाइडिंग, पैरा मोटर, पैरासेलिंग बोट, स्कूबा ड्राइविंग, हाॅट एयर बैलून, क्याकिंग, केनोइंग, हाईरोप कोर्स, रॉक क्लाइंबिंग, जुमारिंग, रैपलिंग और ऑल टेरेन बाइक सहित कई साहसिक खेलों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस दौरान उन्होंने आईटीबीपी को इस संस्थान के संचालन के लिए राज्य सरकार से जो भी सहयोग चाहिए होगा, वह प्राथमिकता से उपलब्ध करवाने की बात कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन के विकास के लिए समय-समय पर सरकार द्वारा भीमताल, अल्मोड़ा, सतपुली, टिहरी आदि स्थानों पर समय-समय पर विभिन्न साहसिक गतिविधियों का आयोजन किया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि टिहरी में पलायन को रोकने के लिए पर्यटन एवं साहसिक गतिविधियों पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। टिहरी झील इंटरनेशनल डेस्टिनेशन के रूप में विकसित की जा रही है। उन्होंने जनता से फिटनेस को अपना मूलमंत्र बनाने और सभी को इसके लिए जागरूक करने का अपील की।
केंद्रीय खेल एवं युवा मामलों के राज्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि वाॅटर स्पोर्ट्स एंड एडवेंचर इंस्टीट्यूट के रूप में आज देश में खेल के क्षेत्र में नया अध्याय जुड़ा है। वाॅटर स्पोटर््स के क्षेत्र में हमारा देश ओलिंपिक, एशियन गेम्स, काॅमनवेल्थ आदि में विशेष उपलब्धि हासिल नहीं कर पाया है। इस दिशा में केंद्र सरकार द्वारा विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में प्रतिभावान खिलाड़ियों की कोई कमी नहीं है। । अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन करने के लिए उन्हें उचित प्रशिक्षण और सुविधाएं देने के लिए अनेक प्रयास किए जा रहे हैं।
किरेन रिजिजू ने कहा कि हमारे देश में वाॅटर स्पोट्र्स की अपार संभावनाएं हैं और उत्तराखंड वाॅटर स्पोटर््स और एडवेंचर एक्टिविटीज़ के लिए सबसे उपयुक्त स्थान है। यहां ट्रेकिंग, राॅक क्लाइंबिंग, पैराग्लाइडिंग, स्कूबा डाइविंग, पैरा मोटर, आॅल टेरेन बाइक, कयाकिंग, केनोइंग, स्कीइंग आदि का प्रशिक्षण पाकर खिलाड़ी देश का नाम रोशन करेंगे। आईटीबीपी को 20 साल के लिए यह संस्थान संचालित करने के लिए प्रदान करने के निर्णय से इस संस्थान से देश का प्रतिनिधित्व करते हुए अनेक खिलाड़ी निकलेंगे।
केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने कहा कि औली में स्नो स्पोर्टस के विकास के लिए भी केंद्र सरकार ने धनराशि दी है ताकि वहां अंतरराष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण सेंटर विकसित हो सके। देश में खेलों के विकास के लिए जो भी सहायता चाहिए होगी, वह प्रदान करेंगे।
उन्होंने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि उत्तराखंड सरकार, उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड और आईटीबीपी के सहयोग से यह संस्थान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उभर कर सबके सामने आएगा।
इस अवसर पर टिहरी से लोकसभा सांसद महारानी श्रीमती माला राज्यलक्ष्मी साह, विधायक धन सिंह नेगी, टिहरी की जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सोना सजवान,आईटीबीपी के महानिदेशक एसएस देसवाल, आईटीबीपी के एडीजी मनोज सिंह रावत, महानिदेशक उत्तरी फ्रंटियर निलाभ किशोर, टिहरी की डीएम ईवा आशीष श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे। इस अबसर पर जीतमणि पैन्यूली संयोजक टिहरी बांध प्रभावित संघर्ष समिति प्रतापनगर गाजणा छेत्र ने कहा है कि टिहरी बांध में सभी प्रकार की गतिविधियों का लाभ प्रभावित छेत्र को तब मिलेगा जब वाॅटर स्पोर्ट्स एंड एडवेंचर इंस्टीट्यूट
का मुख्यालय मोटनां के आसपास हो साथ ही 2009 -10 के समझौते के आधार पर व्यबसाइक प्लाट प्रभावित परिवार को दिये जाने चाहिए इसके लिए हमारी मांग का समर्थन अंतराष्ट्रीय कवि कुमार विश्वास ने कहा कि स्थानीय लोगों को इस झिल्ली एवं माँ भगीरथी के प्रति समर्पित आस्था को जीवित रखने के लिए रोजगार देने की जरूरत है तभी संस्कृति भी बची रहेगी।