देहरादून,
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने जनपद टिहरी गढ़वाल के विकासखंड चंबा के ग्राम चोपड़ियाल में मुख्यमंत्री त्वरित समाधान कार्यक्रम के तहत आयोजित रात्रि चौपाल में वर्चुअल प्रतिभाग किया
मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों को स्वैच्छिक चकबंदी कर खेतों को मिलाकर एक प्रोजेक्ट के रूप में कार्य करने को प्रेरित किया
महिलाएं स्वयं सहायता समूह बनाकर स्वरोजगार प्राप्त करें और इस दिशा में जनजागरूकता लाएं
टिहरी गढ़वाल । मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने जनपद टिहरी गढ़वाल के विकासखंड चंबा के ग्राम चोपड़ियाल में मुख्यमंत्री त्वरित समाधान कार्यक्रम के तहत आयोजित रात्रि चौपाल में वर्चुअल प्रतिभाग किया। इस दौरान ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी समस्याएं रखीं, जिनमें से अधिकांश समस्याओं का मौके पर ही निस्तारण कर दिया और शेष समस्याओं का समाधान शीघ्र करने के निर्देश दिए।
इस दौरान चोपड़ियाल के सब्जी की खेती करने वाले ग्रामीण ने बताया कि वे वैज्ञानिक ढंग से खेती कर रहे हैं और सरकार की स्कीम से कार्य कर रहा हूं परंतु सब्जी के लिए मार्केट और पानी की सबसे बड़ी परेशानी है। साथ ही जानवर भी फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं। उन्होंने कहा कि यदि गांव में फेंसिंग हो जाए तो फसल सुरक्षित रह पाएंगी। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा और चाल खाल योजना के अंतर्गत पानी की दिक्कत दूर कर सकते हैं। उन्होंने मामला जिला योजना में भी रखने की बात कही। साथ ही बंदरों से फसलों को बचाने के लिए बंदर बाड़ा और अन्य जानवरों से फसल बचाने के लिए फेंसिंग करने के निर्देश दिए।
ग्राम के रमेश ने बताया कि प्लाॅट का उन्हें स्वामित्व नहीं मिल पा रहा है, साथ ही उनके लिए घेरबाड़ की व्यवस्था की जाए। इस पर डीएम ने बताया कि उद्यान विभाग को प्लान सौंपा है। इस पर मुख्यमंत्री ने मामले पर संज्ञान लेने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए।
कुसुम रमोला ने बताया कि एकीकृत आजीविका परियोजना के तहत सब्जी उत्पादन करते हैं, परंतु सिंचाई की उचित व्यवस्था नहीं है साथ ही महिलाएं चाहती हैं कि एकीकृत आजीविका परियोजना का लाभ मिलता रहे। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी निश्चित रूप से आपकी समस्या पर संज्ञान लेंगे। प्रदेश सरकार आपके साथ खड़ी है। मेरा आपसे अनुरोध है कि औरों को भी जोड़ने का कार्य करें।
राजेश्वरी डबराल ने मांग की कि क्षेत्र में महिलाओं को रोजगार दिया जाए। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आजीविका पर सरकार का भी जोर है। प्रधानमंत्री का आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य यही है। प्रदेश सरकार भी इसमें लगी है ताकि आपको स्वावलंबी बनाया जा सका। चौपाल के माध्यम से यही जनजागरूकता की जा रही हैं। स्वैच्छिक चकबंदी कर खेतों को मिलाकर एक प्रोजेक्ट के रूप में कार्य करेंगे तो फेसिंग भी आसानी से हो सकेगी और सभी योजना का लाभ भी ले सकेंगे हैं।
न्याय पंचायत प्रभारी पुष्पा रमोला ने कहा कि हमारे गांव से आठ गांव जुड़ते हैं, उनका डामरीकरण किया जाए। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई लेटलतीफी नहीं होगी। साथ ही उन्होंने एलोपैथिक अस्पताल में चिकित्सक की आवश्यकता पर भी बल दिया। इस पर मुख्यमंत्रीजी ने कुंभ के पश्चात समस्या का निराकरण किए जाने की बात कही।
शिवानी पुंडीर ने बताया कि उनके क्षेत्र में एक भी एएनएम सेंटर नहीं है। आराकोट से वालखा मोटर मार्ग का चौड़ीकरण व डामरीकरण भी नहीं हो पाया है। साथ ही उन्होंने चंबा मसूरी रोड का सौंदर्यीकरण करने की भी बात कही ताकि पर्यटन को बढ़ावा मिल सके। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि एएनएम सेंटर न्याय पंचायत स्तर तक होना चाहिए। यदि यहां हम एएनएम सेंटर खुलवाएंगे। एएनएम की नियुक्ति भी हमारी प्राथमिकता रहेगी। साथ ही उन्होंने अन्य मामलों पर भी संज्ञान लेने की बात कही।
एक अन्य ग्रामीण ने बताया कि चंबा-मसूरी-फलपट्टी क्षेत्र में लोगों को जमीनों का हक-हकूक नहीं मिल पा रहे हैं। साथ ही उन्होंने किसानों के लिए कोल्ड स्टोरेज बनाने की मांग की। इस पर मुख्यमंत्री ने क्षेत्र को चिन्हित कर समस्याओं पर शीघ्र संज्ञान लेने की बात कही।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाएं स्वसहायता समूह और समितियां बनाकर स्वरोजगार प्राप्त करें और इस दिशा में जनजागरूकता लाएं। उन्होंने कहा कि हमने इसी उद्देश्य से चौपाल का आयोजन किया है। सरकार जनता के हित के लिए कई योजनाएं चला रही हैं, जिनका सभी लाभ ले सकते हैं। कार्यक्रम में डीएम ईवा आशीष श्रीवास्तव, सभी जिला स्तरीय अधिकारी तथा स्थानीय और आसपास के ग्रामीण मौजूद थे।