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24×7 देखें no1 https://ukpkg.comन्यूज पोर्टल वेब चैनल कोरोना से बचने के लिए जनकारी ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर किजयेगा।
देहरादून,मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश में कोरोना वायरस (COVID-19) के संक्रमण की स्थिति के संबंध में आज अपने मुख्यमंत्री आवास पर वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लाॅकडाऊन खुलने की स्थिति में भीङ को रोकने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित कराने के लिए कार्य योजना तैयार कर ली जाए।
कोरोना वायरस से बचाव कार्यों में जो लोग सहयोग नहीं करते हैं उनके विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाए। लोग सरकार का साथ दें, इसके लिए सभी धर्मगुरूओ और समाज के प्रबुद्धजनों का सहयोग लिया जाए। बैठक में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश, डीजीपी अनिल कुमार रतूङी, सचिव अमित नेगी, नितेश झा व एडीजी वी विनय कुमार उपस्थित थे।
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कोविड-19 के दृष्टिगत उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड ने मुख्यमंत्री राहत कोष हेतु 11 लाख रुपए का चेक दिया। यह चेक उपनल के एमडी ब्रिगेडियर रिटायर पी पी एस पाहवा ने मुख्यमंत्री को सौंपा।
हेरिटेज स्कूल के चेयरमैन अवधेश कुमार चौधरी ने अपने निजी खाते से 11 लाख एवं हेरिटेज स्कूल की ओर से 4 लाख रुपए का चेक मुख्यमंत्री राहत कोष हेतु मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को सौंपा।
दून सिख वेलफेयर सोसाइटी के संस्थापक अध्यक्ष के.एस. चावला ने 1 लाख रुपए का चेक मुख्यमंत्री राहत कोष हेतु दिये।
मुख्यमंत्री के मुख्य निजी सचिव विक्रम सिंह चौहान ने भी 11 हजार रूपए का चेक मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए दिए।
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मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के निर्देश पर कोरोना वायरस से निपटने के लिए एसडीआरएफ मद से 85 करोङ रूपए जारी किए गए हैं। इसमें हर जिले को 5-5 करोङ रूपए कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव की तैयारियों के लिए जबकि 20 करोङ रूपए चिकित्सा शिक्षा विभाग को कोरोना नोटिफाईड अस्पतालों के सुदृढ़ीकरण और आवश्यक उपकरणों की व्यवस्था के लिए दिए गए हैं। वहीं उत्तराखंड परिवहन निगम को भी कर्मचारियों के वेतन व अन्य व्ययों की प्रतिपूर्ति आदि के लिए 20 करोङ रूपए दिये गये हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा है कि कोरोना वायरस को रोकने में प्रशासनिक कार्यवाही का विरोध करने वालों पर डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 के तहत कङी कार्रवाई की जाएगी। क्वारेंटाईन किए गए लोग अगर छुपते हैं या कोई उन्हें छुपाते हैं तो छुपने वाले व छुपाने वाले दोनों पर सख्त एक्शन लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी जानकारी मिली है कि कुछ लोगों ने सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया है। उन्हें सख्त हिदायत दी जाती है कि सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने पर चार गुना वसूली की जाएगी। कुछ छिटपुट जगहों पर लोग अफवाहो के बहकावे में भी आए हैं। प्रदेशवासियों से अनुरोध है अफवाहो में न आएं और केवल सरकारी प्रामाणिक सूचनाओं पर ही विश्वास करें। स्वास्थ्य विभाग समय समय पर गाइडलाइन जारी करता है जिसे मीडिया के माध्यम से आमजन तक पहुंचाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी लोग कोरोना वायरस से लङाई में जुटे हैं। कुछ लोगों को इनकी तपस्या को बेकार करने नहीं दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने फेसबुक लाईव के माध्यम से प्रदेशवासियों को सम्बोधित करते हुए सभी के स्वस्थ रहने की कामना की। उन्होंने कहा कि हम सब जान रहे हैं कि कोरोना से लङने में हमारे अनेक ऐसे लोग बिल्कुल फ्रंटलाइन में लड़ रहे हैं। सब जानते हैं कि यह एक वैश्विक महामारी है ऐसे में जो भी हमारे वॉरियर्स है हम उनका सहयोग करें। 24-24 घंटे हमारे डॉक्टर ड्यूटी कर रहे हैं, हमारे पुलिस के जवान और तमाम जो उनके सहयोगी हैं वो रात दिन चौराहों पर खड़े होकर के मोहल्ले में घूम घूम कर सेवा अपनी दे रहे हैं। आप भी उनकी चिंता करें क्योंकि वह सारा जोखिम आपके लिए, मेरे लिए, हमारे लिए उठा रहे हैं। मुझे विश्वास है कि आप उनकी जरूर चिंता करेंगे।
प्रधानमंत्री ने बार बार यह आग्रह किया है कि सोशल डिस्टेंस को हर हाल में बना कर रखना है नहीं तो हमारी सारी तपस्या बेकार हो जाएगी यह सब बेकार हो जाएगा और इसलिए इस वाक्य को हम ब्रह्म वाक्य समझ करके इसका पालन करेंगे तो इस बीमारी से हम लोग न केवल निजात पाएंगे बल्कि हम अपने पड़ोसी अपने प्रदेश व अपने देश को भी बचा पाएंगे।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने सारी देश की जनता से कहा है कि 5 अप्रैल को हम अपने घरों में रात 9:00 बजे बत्ती बुझा कर के और बाहर अपनी बालकनी में, अपने दरवाजे पर खड़े होकर 9 मिनट हम लोग रोशनी करें, दिया जलाएं, लालटेन जलाएं, हम टोर्च जलाएं, मोमबत्ती जलाएं या फिर मोबाईल की फ्लैशलाइट को जलाएं और अपनी एकता का परिचय दें। हम कोरोना के खिलाफ एकजुट है, इस एकजुटता का परिचय हमको 5 अप्रैल रात्रि 9:00 बजे से 9 मिनट यानी कि 9:09 हमको अपनी एकता का संदेश देना है कि हम सब सैनिक बनकर के कोरोना को इस देश से भगाएंगे मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश के गरीबों के लिए गरीब कल्याण पैकेज दिया है और उसका पैसा अकाउंट में आना शुरू हो गया है राज्य सरकार ने भी जो श्रमिक है उनके अकाउंट में पैसा डालना प्रारंभ कर दिया है। जब कभी बैंक में जाए पैसा लेने के लिए तो उसमें सामाजिक दूरी बनाकर रखेंगे कम से कम डेढ़ मीटर की दूरी। प्रधानमंत्री ने बार बार यह आग्रह किया है कि जो यह सोशल डिस्टेंस है इसको हमें हर हालत में बना के चलना है। कई जगह हमारे यहां वृद्ध आश्रम है अनाथ आश्रम है उनकी भी हम चिंता करें वहां पर कोई भूखा ना सोए उनका दायित्व भी हमारे ऊपर है और इसलिए उनकी हम जरूर चिंता करेंगे। यह लड़ाई हो सकता है हमको लंबी लड़नी पड़े हो सकता है इसका स्वरूप कैसा हो । ऐसे में हम को उसके लिए पूर्व तैयारी करना चाहिए और इस दृष्टि से एनसीसी, एन एस एस और तमाम एनजीओ है जो सामाजिक सरोकार रखते हैं और ऐसे सामाजिक संगठन, हमको कभी भी आपके सहयोग की आवश्यकता पड़ सकती है। जो आर्थिक चिंतक है सामाजिक चिंतक है उनसे आग्रह है कि एक दिन जब यह लोकडाउन हटेगा। जो आर्थिक नुकसान हमारे राज्य को हुआ है। इसे कैसे भर सकते हैं उसके लिए कौन से प्रयास करने हैं उस बारे में कोई सुझाव हो तो सरकार को दें। लॉकडाउन हटने पर भीड़ को रोकने के लिए हम किस तरह से समाज को जागरूक करें कैसे हम उनको एजुकेट करें किस ढंग से हम अपनी व्यवस्था बनाए कैसे प्लानिंग करें इस संबंध में सुझाव आमंत्रित हैं।
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कोविड-19 के दृष्टिगत सोशियल पॉलीगोन ग्रुप ऑफ कंपनी ने मुख्यमंत्री राहत कोष हेतु ₹5 लाख का चेक दिया है। यह चेक कंपनी के एमडी डी.एस. पंवार ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को सौंपा।
(एमडी डी.एस. पंवार ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को सौंपते हुये)
उत्तराखंड वन विकास निगम के अध्यक्ष सुरेश परिहार ने ₹11 हजार का चेक मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए दिया।जानकारी दी कि वन विकास निगम के सभी अधिकारी एवं कर्मचारी भी एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देंगे।
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आगामी 8 अप्रैल, 2020 को मा0 मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित की गई है। मा0 मंत्रिमंडल की बैठक मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय परिसर में होगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोरोना वायरस को दृष्टिगत रखते हुए सभी मंत्रिगणों से अनुरोध किया है कि यदि उक्त बैठक में उपस्थित होने में कोई मंत्रीगण असमर्थ हो तो उनके द्वारा निकटतम एनआईसी केंद्रों के माध्यम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित की जा सकती है।