राधे राधे आज का भगवद् चिंतन – संतोष पैन्यूली
?स्वामी विवेकानंद जी कहा करते थे कि असफलता ही तो सफलता का आधार होती हैं। अगर आपने कभी असफलता का सामना नहीं किया तो इसका सीधा सा एक मतलब यह भी है कि आपने कभी कुछ नया करने का प्रयास भी नहीं किया।
?सफलता न मिलना चिंतनीय विषय नहीं लेकिन सफलता के लिए यथाशक्ति प्रयास न किया जाना अवश्य चिंतनीय विषय है। प्रयत्न करते हुए असफल हो जाने की अपेक्षा प्रयत्न न करते हुए असफल हो जाना अधिक अपमानजनक है।
?एक बात और मनुष्य सफलता से उतना नहीं सीखता जितना असफलता से सीखता है। असफलता सदैव एक अनुभवी इन्सान को जन्म देती है।
?असफल बन जाओ कोई बात नहीं लेकिन अप्रयत्न शील कभी मत बनो। असफल व्यक्ति के जीवन में सफल होने के शत प्रतिशत अवसर होते हैं, जब तक वो प्रयत्नशील बना रहे।
?सम्मानीय एवं पूजनीय आपकी सफलता नहीं अपितु आपका संघर्ष, आपका प्रयत्न होता है। सफल लोग कुछ नया नहीं करते अपितु प्रयत्नशील लोग जरूर एक न एक दिन कुछ नया करने की क्षमता रखते हैं।
?आपका आत्मबल सदैव बना रहना चाहिए। आपकी हिम्मत कभी कमजोर नहीं पड़नी चाहिए। निरंतर प्रयत्नशील बने रहें, सफलता मिले न मिले लेकिन सम्मान जरूर मिलेगा।
हिम्मत ना हारिये, प्रभु ना बिसारिये।
हँसते मुस्कुराते हुए, जिन्दगी गुजारिये।।
*?जय श्री राधे कृष्णा?*
???सुप्रभातम???