देहरादून , निजी सीटी बस वालो की मन मानी थमने का नाम नहीं ले रही है।आज दिन एक बजे के करीव कँवली रॉड स्टे्ट बैंक से लैंसडाउन चौक परेड ग्राउंड के लिए बस न0UA07P/4932 बैठे किराया 10₹लिया जबकि बिक्रम वाले 8 न0 से गया था तो उसने 8 रुपये लिए।इनकी दादा गिरी से आम जन परेशान हैं जल्दी जल्दी उतरो ,तेज़ रफ़्तार, एकदम ब्रेक से खड़े आदमी का गिरने का भय बना रहता है । परिवहन विभाग इनके चालक ,कंडक्टर को ड्रेस कोड में अपनी सेवाएं प्रदान करने के लिए मौका 1 माह का दिया जाय । ट्रैफिक पुलिस का ध्यान इन पर नहीं है। नही ए आर टी ओ प्रवर्तन का ध्यान इन पर होता है बाहर से आने वाले पर्यटकों को भी कई कठिनाई इनके व्यबहार से होती है जिससे सीधा दिन भर में कमसे कम 30 फालतू एक आदमी से लिये जाते हैं।बेरोजगार लोगों पर फर्क पड़ता है। यह स्थिति सभी रूटों पर बनी रहती है। जनता के शोषण करना इनके लिए जूनून होरखा है।प्रत्येक गाड़ी वाला लगभग500₹फालतू ले लेता है तो जनता को कितना नुकसान रोज का होरहा है।देहरादून में सभी प्रदेश के लोग घूमने अपने रिश्तेदारों के पास आते हैं उनको भी गलत संदेश जाने से उत्तराखंड की सरकार की छवि खराब होने लगती है।याता यात से जुड़े अधिकारी कर्मचारी अपनी ड्यूटी का सही पालन करते हैं तो तब ही यह सम्भव होगा अन्यथा धींगा मस्ती में लोग पिसते रहेंगे।
इसके लिए निरीक्षण कर इनको रोकने की आवश्यकता है देव भूमि दैत्यों की भूमि सरकार की इच्छा शक्ति के अभाव में होने जारही समय रहते बचाया जाए।