देहरादून, 26 वर्षों से मंत्री पद पर उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड में कैबिनेट वन एंव पर्यावरण , श्रम मंत्री हरक सिंह रावत की राजनीति सुरवात पहले कांग्रेस, भाजपा, जनता दल, बीएसपी पुनः कांग्रेस फिर भाजपा में रहते हुये उन्होने कई उतार चढाव देखे । एक मुश्त उत्तराखण्ड में 3 जिला तहसील बनाने का श्रेय हरक सिंह को जाता है।वह अलग अलग छेत्र से लड़ते हैं।और हमेशा मंत्री पद पर रहते हैं।उनकी कार्यकरने की दमग शैली के चलते वह हमेशा सुर्खियों में रहे।उन्होंने ने अपने पुराने समर्थको को कभी साथ नहीं छोडा और उन्हें भी यथा योग्य स्थानों पर समायोजित करते रहे , यही कारण है कि उन्हें राजनीति का उत्तराखण्ड में खिलाडी माना जाता है । आज उन्होने अपनी चुप्पीतोड़ने पर मीडिया से वार्ता की।डॉ हरक सिंह रावत ने चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने प्रेस को संबोधित कर चुनाव न लड़ने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि हाई कमान को उन्होंने अपनी इच्छा से प्रदेश महामंत्री संगठन को अवगत करा दिया है।
अब यदि हाई कमान ने बात मान ली तो 2022 का विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे।डॉ हरक सिंह रावत एक बार पहले भी धारी देवी की शपथ लेकर चुनाव न लड़ने की घोषणा कर चुके हैं।इसके बाद वह चुनाव लड़े हैं
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पद से हरक सिंह रावत को हटा दिया था। वह इस बीच अपने भ्रमण कार्यक्रम में रहे । मुख्यमंत्री कार्यालय से जानकारी मिली है कि उनसे इस बीच संपर्क करना चाह पर नहीं हो पाया।
इस पद पर हरक सिंह रावत खुद काबिज हुए थे। हरक सिंह रावत की इस घोषणा को राजनीतिक पंडित किसी और संदर्भ में देख रहे हैं। इसके बावजूद वह चुनाव लड़े। इसलिए कहा जा सकता है कि हरक सिंह रावत यदि चुनाव न लड़ने की घोषणा कर रहे हैं तो उसके कोई और निहितार्थ हो सकते हैं।