देहरादून,भाजपा की महान नेता,भारतीय राजनीति में अपनी एक अलग पहचान रखने वाली,पूरे विश्व की महिलाओं की आदर्श, प्रखर वक्ता, मानवीय मूल्यों की रक्षक तथा देशभक्त आदरणीय सुषमा स्वराज जी का निधन पूरे राष्ट्र के लिए एक अपूर्णीय क्षति है। पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज जी के आकस्मिक निधन का हमे भरोसा न हुआ,समाचार स्पष्ट नहीं हो पारहे थे खबर की पुष्टि के बाद संपादक ने फेसबुक पर शोक संदेश दिया ।सुबह टीवी खोला तो खबरें शोक संदेशों के साथ चल रही थी ट्वीट आया हुआ था कि वो बहुत खुश हैं लेकिन शायद उन्होंने काल के चक्र को महसूस कर लिया होगा,उन्होंने लिखा था मैं यही दिन देखने के लिए जिन्दा थी और ट्वीट करने के मात्र 3 घण्टे बाद ही सुषमा स्वराज जी महाप्रस्थान को निकल पड़ी। बीजेपी ही नही,बल्कि सभी दलों में बेहद सम्मानित्त करोड़ो भारतीयों की आदर्श राजनेता सुषमा स्वराज जी का हृदयगति रुकने से एम्स दिल्ली में निधन से सभी स्तब्ध है।सुषमा स्वराज जी एक लोकप्रिय नेता,एक मृदुभाषी वक्ता,हर किसी की मददगार थी,14 फरवरी1952 को हरियाणा के अम्बाला में जन्मी सुषमा जी की काबिलियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मात्र 25 साल की उम्र में सांसद बनकर वो कैबिनेट मंत्री बनी,फिर वो सदैव राजनीति की ऊंची सीढ़ियों पर चढ़ती रही,दिल्ली की प्रथम महिला मुख्यमंत्री बनी,वाजपेयी सरकार में मंत्री रही,मोदी सरकार के प्रथम कार्यकाल में मंत्री रही,विदेश मंत्री के तौर पर सुषमा स्वराज जी का कार्यकाल स्वर्णिम उपलब्धियों भरा रहा है।
हमारे राज्य उत्तराखण्ड से सुषमा स्वराज जी का विशेष लगाव था वो उत्तराखण्ड तब (उत्तरांचल)से अप्रैल 2000 में राज्यसभा साँसद भी चुनी गई,ऋषिकेश एम्स की आधारशिला भी सुषमा स्वराज जी ने ही रखी थी,मुझे सुषमा स्वराज जी को नजदीक से देखने का सुनने का सर्वप्रथम सौभाग्य वर्ष 2002 के विधानसभा चुनाव के दौरान मिला,सुषमा जी हमारे क्षेत्र प्रतापनगर से तब बीजेपी प्रत्याशी रहे रिटायर्ड कर्नल पीडी कुड़ियाल के चुनाव प्रचार हेतु हमारे गॉव के नजदीक सौड़खाण्ड मैदान पर आयी थी,उन्हें देखने,सुनने के लिए तब एक पहाड़ी क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोगों का हुजूम उमड़ा था,अपने क्षेत्र में मैंने पहली बार इतनी अधिक भीड़ देखी थी,सौड़खाण्ड मैदान पर उतरने वाली सुषमा जी पहली नेता या यूँ कहें सौड़खण्ड मैदान पर पहला हेलीकॉप्टर सुषमा स्वराज जी का हीउतरा था, ये सुखद संयोग है कि उसके 2,3 वर्ष बाद उसी स्थान पर केंद्रीय विद्यालय बनाने की घोषणा हुई,आज उस स्थान पर एक शानदार केंद्रीय विद्यालय चल रहा है,केवि की स्थापना में सुषमा जी का भी बड़ा योगदान रहा,प्रतापनगर के विकास के लिए संपादक जीतमणि पैन्यूली संस्थापक संयोजक ने 5, 6 7दिसम्बर2002 को कोटाल गावँ में विकास मेला के अबसर पर प्रतापनगर की राजनीति के चलते मुख्य अतिथि के लिए राज्यपाल सुरजीत सिंह बरनाला व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी का दौरा नहीं होने से महराज मानवेन्द्र साह सांसद से उन्होंने बात की तो उनके साथ उनके प्रेम, मित्रतापूर्ण व्यवहार को देखते हुए उनसे मेले में आने का आग्रह किया तो वह कहने लगे कि मांग क्या है। उनकी उनसे काफी आत्मीयता से बात होती रहती थी।उत्तर में उन्होंने ने कहा कि प्रतापनगर से नवोदय विद्यालय चले गया है उसके बदले आपको एक केंद्रीय विद्यालय मिल रहा है उसको यहाँ खोल डीजयेगा।उन्होंने सहमति जताई कि विद्यालय आने पर वहीं खुलेगा।शिक्षा विद विद्यादत रतूड़ी समाज सेवक ऋषिकेश से बीमार हालत मे भी जनता की सेवा करने के लिए मेले में आये इसकी जानकारी महराजा सहाब को दी गई कि आपका आश्वासन जनता के साथ संयोजक पैन्यूली ने साझा कर दिया है।राजेश्वर पैन्यूली सी ए का नाम इस आयोजन के अतिथि मंडल में रखते हुए लोगों को समझाना भारी पड़रहा था।उसके उत्तर में उन्होंने कहा कि धैर्य हमारी बड़ी मदद करता है।इसे बनाये रखें ।विद्यालय खोलने में साँसद दिवंगत महाराजा मानवेन्द्र शाह जी की सराहनीय भूमिका रही इसको बीजेपी के नेता राजेश्वर पैन्यूली सी ए ने कार्य को आगे बढ़ाने के लिए अथक प्रयास किये तब यहां स्कूल खुला,आज सुषमा जी नही रही तो उनका सबसे पहले इतनी नजदीक से सुना वो भाषण आज याद आ रहा है,सुषमा जी एक मृदुभाषी नेता थी,उनका जाना बेहद दुःखद है।स्वास्थ्य सम्बन्धी कारणों को देखकर ही वो मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में न मंत्री बनी न चुनाव लड़ा,लेकिन इससे पहले वो विधायक,साँसद, केंद्रीय मंत्री,दिल्ली की मुख्यमंत्री,लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष रहकर शानदार कार्यकाल उन्होंने निभाया,उनका किडनी ट्रांसप्लांट भी हुआ था,लेकिन काल के चक्र में सभी डॉक्टरी इलाज भी नही जीत सकते क्योंकि जीवन का असली सत्य मौत ही है,सुषमा जी की तरह इस तरह जाना हर किसी के भाग्य में नही होता,ऐसा सम्मान से जाना शायद हर किसी की तम्मन्ना भी होती है। बीजेपी के लिए ये एक बड़ा झटका है एक वर्ष के भीतर तीन बड़े, दमदार,ईमानदार,लोकप्रिय नेताओ ने इस संसार को छोड़ा है,श्रद्देय अटल जी,मनोहर पर्रिकर जी और कल देर रात सुषमा स्वराज जी महाप्रस्थान पर निकल पड़ी,जो बीजेपी ही नही बल्कि देश के लिए भी कभी न भर पाने वाली क्षति है।सुषमा जी की चाह थी कि उन्हें यदि अगला जन्म मिले तो वो एक बेटी के रूप में ही जन्म लें, सुषमा जैसी बेटी पाना जन्म जन्मों के सत्कर्म का ही फल होगा,सुषमा जी का निधन दिल्ली वालों के लिए भी एक बड़ा झटका है, दिल्ली के विकास में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही,अभी कुछ ही दिन पूर्व दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित जी का निधन हुआ और आज एक और पूर्व सीएम सुषमा जी भी न रही।
ईश्वर सुषमा स्वराज जी को अपने श्रीचरणों में जगह दे,भारतमाता की शेरनी बेटी के महाप्रस्थान को नमन,ईश्वर इनके परिजनों ,प्रशंसको को इस दुःख को सहने की शक्ति प्रदान करें।www.ukpkg.com समाचार पोर्टल एवं यू ट्यूब चैनल परिवार का सुषमा स्वराज जी को नमन।ॐ शान्ति, शांति ॐ
चन्द्रशेखर पैन्यूली।