ताला औऱ माला प्रदर्शन में आपकी विजय होगई
देहरादून,जीतमणि पैन्यूली अध्यक्ष उत्तराखंड वेव पोर्टल एसोसिएशन से जुड़े बरिष्ट पत्रकार की अध्यक्षता में सभी संघठनों से जुड़े पत्रकार बन्दुओं ने धरना प्रदर्शन किया यह धरना प्रदर्शन अपनी सफलता के ओर इसलिए कह सकतें है कि जब संघठनों के लोग सकारात्मक ऊर्जा के साथ जुड़ते हैं तो सहयोग भी अछे बनते हैं आपको जानकारी देते हुए खुशी हो रही है कि हमारे विचारों को वर्ष 2013 में पैन्यूली जी ने जुमेदारी के साथ लिए औऱ जबतक सभी संघठनों के उचित सुझाव प्रति बैठक में लेने के बाबजूद इन मांगों को गहन चिन्तन करने के लिये 11 बैठक जुलाई2013 से अक्टूबर 2013 तक कि गई
पैन्यूली ने गम्भीरता का परिचय देते हुए बहुगुणा मुख्यमंत्री जी के विज्ञापन देने के प्रस्ताव को अस्वीकार करते हुए सभी पत्रकारिता जगत के लोगो के हित मे आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए संकल्प लिये रहे ।उनके अनुभव एवं धैर्यपूर्वक रहने का लाभ पत्रकार बन्दुओं को दिलाने के लिए हरीश रावत जी की प्रथम प्रेस वार्ता में मनमोहन लखेड़ा जी ने हंगामा किया था जो प्रथम वार्ता में ठीक नहीं था इसके बावजूद भी उनको 20 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन दिया गया था उस पर सकारात्मक कार्यवाही करने का अस्वाशन मिला और उस पर कार्यवाही करने पर न्यूज पोर्टल को विज्ञापन देने की बात हुई है।इस बीच 5माह में उनको प्रति सप्ताह बैठकों में समय निकालने पर कितना आर्थिक नुकसान हुआ उसका उन्होंने ने कभी जिक्र नहीं किया है ।ऐसी रचनात्मक सोच रखने वाले बरिष्ट पत्रकार जिनका नाम जीतमणि है कि अध्यक्षता में बैठक में सफलता मिलने में शंका नहीं रहती है उनकी अध्यक्षता में पल पल सकारात्मक ऊर्जा का संचार गैर मौजूद पत्रकार बन्दुओं में भी हुआ है आदमी के आने से पहले उसकी शाक दौड़ती है।उनके पास संघर्ष करने का लंबा अनुभव है इसकी जनकारी सूचना विभाग एवं प्रदेश के नेताओं को भी हैं वह पहले पत्रकार हैं जिन्होंने राज्यपाल अजीज कुरेसी का साक्षात्कार पंत नगर विश्व विद्यालय के कुलपति की नियुक्ति के सम्बंध में घेरा था उसके बाद धूल फांक रही फ़ाइल दौड़ने लगी।ऐसे बरिष्ट पत्रकार के धरना प्रदर्शन के अध्यक्ष होने में अवश्य सफलता मिलेगी यह उनके द्वारा किये गए कार्यों के आंकड़े बताते हैं।उनके संरक्षण में श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति कर्मचारियों की मांगे जहां शासन स्तर पर मानी गई वहीं आने वाले यात्रियों की सुभिधा देने के लिए टोकन व्यबस्था लागू कराने से स्थानीय लोगों का जनहित हुआ वहीं यात्रियों को टोंकन अपनी सुभिधा के अनुसार लेने पर स्थानीय जगह घूमने के बाद अपने अनुसार मंदिर के दर्शन के लिए मागे गये समय के लिए लाइन में नहीं लगना पड़ता है।उनकी काम करते रहने की लगन से लगता है कि सफलता हमें अवश्य जल्द मिल जाएगी ।उनके सरल शांत सुभाव को देखते हुए शासन प्रशासन में शान्ति से बात करने का मन होता है।