पहाड़ों की गूंज: टिहरी रियासत में राजशाही के खिलाफ आंदोलन की अगवाई करने वाले जनक्रांति के महान नायक,महान स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी अमर शहीद श्रीदेव सुमन जी को उनके शहादत दिवस (25जुलाई1944) पर शत शत नमन।टिहरी गढ़वाल के चम्बा ब्लॉक में जौलगांव में पण्डित हरिकृष्ण बडोनी वैद्य और तारादेवी के घर (मई1916)जन्मे सुमन ने स्वंतन्त्रता आंदोलन के साथ साथ टिहरी में राजा द्वारा जनता पर किये जा रहे अत्यचार का भारी विरोध कर राजशाही को हिला दिया था,जिस कारण उन्हें जेल में डाल दिया गया ,कच्चे लोहे की 25 किलो ग्राम की बेड़ियों को उनके शरीर पर पहना कर उनको मारने की साजिश की गवाही आज टिहरी जेल के सुमन कक्ष में देरहि है( चित्र के साथ बेड़ियों के कुछ अंश आज टिहरी जेल में जनताको देखने के लिए उपलब्ध हैं) जहां उन्होंने 84 दिनों के आमरण अनशन के बाद आज के ही दिन अपने शरीर को त्याग दिया,भारी जनाक्रोश की आशंका को देखते हुए जेल प्रशासन ने चुपचाप रात में ही श्रीदेव सुमन जी की पार्थिव देह को जेल की पिछली दीवार से भिलंगना में बहा दिया,श्रीदेव सुमन टिहरी ही नही बल्कि देश के स्वतंत्रता संग्राम के महान नायक भी थे,परन्तु दुर्भाग्य की बात है कि स्वतंत्रता आंदोलन में गांधी जी,नेहरू जी,आजाद जी,भगतसिंह जी जैसे नेताओं के साथ विभिन्न आंदोलनों में रहने के बावजूद भी उन्हें उपेक्षित किया गया। श्रीदेव सुमन भले ही 1944 में इस दुनिया से चले गए हो पर वो मरे नही वो अमर है,उनकी याद में सुमन चौक ,सुमन पुस्तकालय,टिहरी डैम का नाम सुमन सागर और अब उनके नाम से श्रीदेव सुमन विश्विद्यालय भी है,श्रीदेव सुमनजी की जयन्ती पर टिहरी जनक्रांति में उनके परम् सहयोगी रहे आटे में कांच की रोटी खाने वाले हमारे लिखवार गांव प्रतापनगर के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और स्वतन्त्रता के बाद 70के दशक में लिखवार गाँव के प्रधान रहे स्व लक्ष्मी प्रसाद पैन्यूली जी और पूर्व सांसद (1971-77)स्व परिपूरणानन्द पैन्यूली जी को भी मैं प्रणाम करता हूँ।साथ ही हमारे प्रतापनगर क्षेत्र के श्रीदेव सुमन जी के सहयोगी रौंणीया गाँव के निवासी स्व नत्था सिंह कश्यप जी जिंनके नाम पर अब राइका लम्बगॉव का नामकरण हुआ है ,पूर्व विधायक और वर्षो तक टिहरी जिला परिषद (पँचायत)के अध्य्क्ष रहे स्व खुशहाल सिंह रांगड़ जी,जिंनके नाम पर लम्बगॉव में सरकारी अस्पताल का नामकरण हुआ है,,पूर्व सांसद और तीन बार टिहरी से विधायक रहे दल्ला गाँव निवासी स्व त्रेपन सिंह नेगी जी,जिंनके नाम पर बेलेश्वर में सरकारी अस्पताल का नामकरण हुआ,साथ ही उनके गॉव में मिनी स्टेडियम भी प्रस्तावित है,,वरिष्ठ पत्रकार के रूप में जन सेवा कर रहे श्रीमान सचिदानन्द पैन्यूली जी आदि महान स्वतन्त्रता आंदोलन और राजशाही के खिलाफ आंदोलनों के अग्रणी नेताओं को भी सुमन दिवस के अवसर पर नमन करता हूँ।मैं मोलू भरदारी और नागेंद्र सकलानी ,दादा दौलत राम,पूर्व विधायक स्व श्री रामचन्द्र उनियाल जिनके नाम से उत्तरकाशी पी जी कालेज चल रहा हैआदि सहित तमाम महान क्रांतिकारियों और श्रीदेव सुमन जी के सहयोगियों को अपनी श्रद्धांजलि देते हैं।
श्रीदेव सुमन जी आप अमर है,और अमर रहेंगे,श्रीदेव सुमन जिन्दाबाद,एक बार पुनः महान क्रांतिकारी सुमन जी को शत शत नमन।
चन्द्रशेखर पैन्यूली