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उत्तराखंड के घोषित 4 जिलों की उठने लगी है मांग , आन्दोलन की चेतावनी

Pahado Ki Goonj

बड़कोट। (मदन पैन्यूली ) उत्तराखण्ड के चार घोषित जनपदों के गठन की मांग अब पुनः उठने लगी है। संयुक्त (घोषित) जनपद सघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने उपजिलाधिकारी के माध्मय से प्रधानमन्त्री , केन्द्रीय मन्त्री डा.निशंक और मुख्यमन्त्री को पत्र भेजकर घाषित जनपद यमुनोत्री , रानीखेत, डीडीहाट और कोटद्वार को जल्द अस्तित्व में लाने की मांग की है ।
सयुक्त घोषित जनपद संघर्ष समिति के केन्द्रीय अध्यक्ष अब्बल चन्द कुंमाई ने कहा कि 15 अगस्त 2011 को राष्ट्रीय पर्व पर तात्कालीन मुख्यमन्त्री और वर्तमान केन्द्रीय मन्त्री डा.रमेश पोखरियाल जी द्वारा चार जनपदों की घोषणा की गयी थी और उक्त जनपदो के मानक एंव मापदण्ड की सभी औपचारिक कार्यवाही की प्रतिपूर्ति तक की जा चुकी है । उन्होने बताया कि 2018 में चारों जनपदों में व्यापाक आन्दोलन तक हो चुका है और मुख्यमन्त्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत जी से प्रतिनिधि मण्डल ने मुलाकात की थी और तो और केन्द्रीय गृह मन्त्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर घोषित जनपदों को अस्तित्व में लाने के लिए मांग की गयी थी । आठ माह से अधिक का समय व्यतीत होने के बाद भी सरकार द्वारा घोषित जनपदों को अस्तित्व में नही लाया जा सका है। उन्होने कहा कि जल्द चारों जनपदों को अस्तित्व में नही लाया गया तो सघर्ष समिति आन्दोलन के लिए विवश हो जायेगा। इस मौके पर केन्द्रीय अध्यक्ष अब्बल चन्द कुमाई , महिपाल असवाल, राजेन्द्र सिंह रावत , यमुनोत्री सघर्ष समिति अध्यक्ष भरत सिंह चौहान, चैत सिंह चैहान, रणवीर सिंह चैहान, बलवीर सिंह, गोपाल सिंह , भोला दत्त नौटियाल, सुरेन्द्र सिंह रावत, जबर सिंह , फकीरा लाल , जयेन्द्र सिंह असवाल, जयेन्द्र सिंह रावत , भरत सिंह रावत, किताब सिंह रावत , सुनील प्रसाद थपलियाल , कोषाध्यक्ष विशालमणी रतुड़ी सहित दर्जनों लोग मौजूद थे।

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