170 अभ्यर्थियों को मुख्यमंत्री ने प्रदान किये नियुक्ति पत्र।
*11 विभागों में 165 सहायक अभियंताओं और ऑडिट विभाग में 05 कनिष्ठ सहायकों को दी गई नियुक्ति।
ऐसे कार्यक्रम अच्छा प्रयास है जनता कहती है पूर्व में की गईं नियुक्ति पत्र लेने वाले कार्यरत कर्मियों की परफॉर्मेंस जनता के कामों को करने के लिए उनकी इच्छा शक्ति को देखा जाना चाहिए। ऐसे कार्यक्रम से उनका काम करने का नही दिखावा का रुतबा बढ़ रहा है.।
सहायक अभियंता, सिविल अभियंत्रण (ग्रामीण निर्माण विभाग) के पद पर 24, सहायक अभियंता, सिविल अभियंत्रण (सिंचाई विभाग) के पद पर 44, सहायक अभियंता, सिविल अभियंत्रण (उत्तराखण्ड जल संस्थान) के पद पर 20, सहायक अभियंता, सिविल अभियंत्रण (लोक निर्माण विभाग) के पद पर 41, सहायक अभियंता, सिविल अभियंत्रण (आवास विभाग) के पद पर 14, सहायक अभियंता, यांत्रिक अभियंत्रण (सिंचाई विभाग) के पद पर 10, सहायक अभियंता, कृषि अभियंत्रण (लघु सिंचाई विभाग) के पद पर 06, सहायक अभियंता, सिविल अभियंत्रण ( लघु सिंचाई विभाग) एवं सहायक विद्युत निरीक्षक, (ऊर्जा विभाग) के पद पर 02-02 एवं सहायक अभियंता, विद्युत /यांत्रिक अभियंत्रण (लोक निर्माण विभाग) एवं सहायक अभियंता, विद्युत /यांत्रिक अभियंत्रण (ग्रामीण निर्माण विभाग) के पद पर 01-01 अभ्यर्थी को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले सभी अभ्यर्थियों को शुभकामना देते हुए आशा व्यक्त की कि नियुक्ति प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को जिस भी क्षेत्र में सेवा करने का अवसर मिल रहा है, वे कर्तव्यनिष्ठा और समर्पण भाव से जन सेवा करेंगे। उन्होंने कहा कि आज नियुक्ति देने का मुख्य उद्देश्य है कि, सभी अभ्यर्थियों को चयन वर्ष का लाभ प्राप्त हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए राज्य सरकार हर क्षेत्र में तेजी से कार्य कर रही है। उन्होंने सभी चयनित अभ्यर्थियों से अपेक्षा की किअपने क्षेत्र में बेहतर कार्य कर उत्तराखण्ड को श्रेष्ठ राज्य बनाने में सभी चयनित अभ्यर्थी अपना योगदान देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सबको अपने कार्यक्षेत्र में शत प्रतिशत योगदान देकर अपने माता-पिता और राज्य का गौरव बढ़ाने का कार्य करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 03 सालों में राज्य सरकार का प्रयास रहा है कि हर क्षेत्र में युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ा जाए। इन 03 वर्षों में लोक सेवा आयोग, उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग और मेडिकल चयन बोर्ड के माध्यम से कुल 14 हजार 800 नियुक्तियां प्रदान की गई हैं। राज्य में सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। नकल विरोधी कानून लागू होने के बाद से सभी भर्ती परीक्षाएं पूर्ण पारदर्शिता के साथ सम्पन्न हुई हैं। इस कानून के तहत दोषियों पर सख्त कार्रवाई के प्राविधान किये गये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने विश्वविद्यालय से ही युवा राजनीति में कार्य किया है, युवा वर्ग हमेशा उनकी प्राथमिकता में रहा है।
कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज ने सभी चयनित अभ्यर्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए आशा व्यक्त की कि सभी सहायक अभियंता अपने कार्यक्षेत्र में उत्कृष्टता के साथ कार्य कर उत्तराखण्ड को विकसित राज्य बनाने में योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि सभी चयनित अभ्यर्थी मन में यह भाव लेकर चलें कि कार्यक्षेत्र में हर समय नई चीजें, सीखने को मिलेगी, उनको आत्मसात करते हुए आगे बढ़ना है।
कैबिनेट मंत्री श्री प्रेमचन्द अग्रवाल ने चयनित सभी अभ्यर्थियों को बधाई देते हुए कहा कि चयनित अभ्यर्थियों के लिए यह जीवन की नई पारी की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में कई समय से सहायक अभियंताओं की कमी थी। नई नियुक्तियों से कार्यों में और तेजी आयेगी। उन्होंने कहा कि राज्य के 09 जिलों में विकास प्राधिकरण हैं, जिनमें सहायक अभियंताओं को नियुक्ति मिलेगी। राज्य में प्राधिकरण बनाने का मुख्य उद्देश्य है कि क्षेत्रों का नियोजित विकास हो सके।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांशु, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, डॉ. आर. राजेश कुमार, श्री विनय शंकर पाण्डेय, श्री एस.एन. पाण्डेय, उपाध्यक्ष एमडीडीए श्री बंशीधर तिवारी, अपर सचिव श्री विनीत कुमार, श्री कर्मेन्द्र सिंह एवं संबंधित विभागों के विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।
पत्र से जनता कह रही है कि मुख्यमंत्री जी प्रदेश के विकास के लिए सार्वजनिक रूप से अधिकारियो के समक्ष न्युक्ति पत्र इसलिए दे रही है कि कार्य की गति बढ़े परन्तु देखा जा रहा है कि इन कर्मचारियों को लोक वित्त से वेतन दिया जाता है और जनता के कामों में टाल बराई कर जनता का इस महंगाई में समय और धन जहाँ बर्वाद कर रहे है वहीं इनको दिया जाने वाले वेतन के लिए लिया जाने वाला कर्जा जनता को विकास के लिए समय धन बर्वाद कर मर्ज बढ़ रहा है। इस प्रकार का अगला कर्यक्रम करने से पहले अवतक किये गये नियुक्ति यों पर तैनाथ अधिकारी कर्मचारियों का परफॉर्मेंस देखा जाना जरूरी है ताकि सरकार का कीमती समय जनता के ऊपर कर्जा बढ़ा ने में धन का दुरूपयोग रोका जा सके ।