टिहरी गढ़वाल रियासत का सर्वोच्च न्यायलय में राजा यानि हजूर फैसला सुनाया करते थे।इस प्रकार से इस न्यायालय को हजूर कोर्ट कहते थे। देश में सच्चाई के जानने के लिए सायद ऐसा हुआ हो।यह राजा का जनता के लिए सन्देश था कि गलत आदमी छूटने न पाय ।कसूर वार बचने न पाय।एक आदमी को किसी ने आपसी रंजिश के चलते मार दिया था ।हमारे प्रतापनगर लिखवार गाँव के स्व o ऋषिराम पैन्यूली वैधराज जाने माने नाड़ी वैद्य थे वह शराब पीकर ही बीमार आदमी की नाड़ी देखते थे और इलाज करते थे ।जब वह शराब पीते थे तो ज्यादा लग जाने के बाद वहीं पर लेट जाते थे । जब मर्डर हुआ था तो वैधराज जी वहां पर नशे में लेटे हुए थे।एक फैसला के लिये टिहरी गढ़वाल के महा राजा नरेंद्र शाह जी ने उनको समन जारी किए थे वह कोर्ट में आये महाराजा ने पूछा कि जब यह मर्डर हुआ तो आप वहां पर थे।उन्होंने कहा जी हजूर तो बताओ कैसे यह मर्डर हुआ।महाराजा साहब मेरे लिए पहले 2 बोतल शराब मंगाई जाय तो याददाश्त आएगी तो बयान कर दूंगा।उनके लिए शराब मंगाई गई उन्होंने शराब पीने के बाद वह नशे में वहीं कोर्ट में लेट गए तो उनकी आंखें बंद होने के बाद उन्होंने महाराजा से कहा कि हजूर जब इस आदमी का मर्डर हुआ था तो मैं ऐसी हालत में था शराब पीने के बाद मेरी आँखें खुलती नहीं है ।इसलिए मैं किसी को पहचानने के काबिल नहीं था।महाराजा ने वह मुकदमा चलाने के लिए और सच्चाई जानने के लिए उन्हें शराब पीने को कहा।इस कोर्ट में इंग्लैंड से मंगाए गए काँच के महराव सजावट के राजा के समय से इस कोर्ट में जो कांच के उच्च कोटि के सजो सामान लगे थे वह हाई कोर्ट इलाहाबाद के कीसी जज ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में भेजने के लिये आदेश दिये थे ।जो ट्रक भर कर इलाहाबाद हाईकोर्ट भेजे गए।अब यह धरोहर कहाँ स्थित हैं। टिहरी में फ़ोटो खीचने के लिए घण्टा घर और टिहरी के हजूर कोर्ट के साथ खीचने के लिए आते थे।अब यह कोर्ट टिहरी बांध में समा गया है।इसकी जानकारी सूचना के अधिकार से मांग कर नैनीताल हाईकोर्ट में यह धरोहर मंगाया जाय।