देहरादून:विश्व दुग्ध दिवस के शुभ अवसर पर सभी दुग्ध उत्पादक पशुपालकों,डेयरी व्यवसाय से जुड़े भाई बहनों को हार्दिक बधाई।दूध एक सम्पूर्ण आहार माना जाता है बशर्ते वो मिलावटी न हो,1जून 2001 से विश्व दुग्ध दिवस हर वर्ष मनाया जाता है।दूध मानव जीवन का एक प्रमुख पेय पदार्थ है,जन्म के बाद माँ का दूध सम्पूर्ण आहार होता है,डेयरी उद्योग में भी दही,मक्खन ,घी,मट्ठा, छाछ,लस्सी सभी दूध पर ही निर्भर है,तमाम मिठाईयां भी दूध से ही बनती है,कई लोग मिलावटी दूध बेचते हैं,कई लोग दूध में पानी मिलाकर बेचते हैं जो कि दूध की गुणवत्ता से खिलवाड़ है,शुद्ध दूध बेचो,और दूध के संग मिलावट न करें, क्योंकि दूध से मिलावट करके आप किसी के जीवन से खिलवाड़ करने का पाप कर रहे होते हैं, देश सहित सम्पूर्ण विश्व में सभी को दूध पर्याप्त मात्रा में मिले,देश में लोग गाय, भैंस पालने के प्रति जागरूक हो,सिर्फ थैली के दूध पर ही आश्रित न रहे,सम्भव हो तो घर में कोई न कोई दूध देने वाला पशु रखें, जिससे आपको ताजा और शुद्ध दूध तो मिलेगा ही आप शारीरिक रूप से भी स्वस्थ रहोगे।सभी के स्वस्थ जीवन की कामना के साथ विश्व दुग्ध दिवस की हार्दिक बधाई।
चन्द्रशेखर पैन्यूली।