डीएम ने पीड़ितों को बंधाया ढांढस
चंडी घाट पर किया गया अंतिम संस्कार
क्षेत्र में शोक की लहर, बाजार बंद रहे
हरिद्वार। बीते मंगलवार शाम कोटद्वार में हुए सड़क हादसे में मारे गए 16 लोगों के शव आज जब लाल ढांग पहुंचे तो क्षेत्र में हाहाकार मच गया। इस दुर्घटना में मरने वाले 33 लोगों में से 16 लोग लाल ढांग के ही रहने वाले थे। इस दुर्घटना की सूचना मिलने के बाद से क्षेत्र में शोक की लहर है।
हरिद्वार के लाल ढंाग से सज संवर कर दुल्हन लेने निकले दूल्हे संदीप ने शायद कभी ऐसी अनहोनी की कल्पना भी नहीं की होगी कि उसके परिवार पर इस तरह मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ेगा कि एक झटके में ही सब कुछ खत्म हो जाएगा। इस हादसे में भले ही संदीप की जान बच गई सही, लेकिन उसे अपने भाईकृबहन और दो बहनोईयों तथा भतीजोे के साथकृसाथ तमाम अपने उन सगे संबंधियों को खो दिया है जो उसकी शादी का प्रत्यक्षदर्शी बनने जा रहे थे। इस हादसे में अपनी जान गवाने वाले 33 लोगों में से 16 लोग या तो संदीप के परिजन थे या फिर पास पड़ोसी जिनके शव आज एक साथ लाल ढंाग पहुंचे पहले से बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी यहां मौजूद थे। 16 शव जब यहां सफेद चादर में लिपटे एक साथ पहुंचे तो चारों ओर चीत्कार मच गया।
इस मौके पर जिला अधिकारी भी पीड़ितों के बीच पहुंचे तथा उन्होंने पीड़ितों का ढाढस बंधाते हुए कहा कि वह पीड़ित परिवार के साथ हैं तथा उन्हें किसी भी तरह की परेशानी नहीं होने देंगे। हरिद्वार जिला प्रशासन द्वारा ही इन सभी शवों का अंतिम संस्कार चंडी घाट पर कराने की व्यवस्था भी कराई गई थी।
इस घटना को लेकर पूरे क्षेत्र में गम का माहौल है क्षेत्र में आज सभी दुकानें और बाजार भी बंद रहे। पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में इन सभी शवों को अंतिम संस्कार के लिए चंडीघाट लाया गया जहां इनको गमगीन माहौल में अंतिम विदाई दी गई। इस हृदय विदारक घटना से सभी का मन उदास और परेशान था इस दौरान लालढांग और उसके आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले ही इसकी मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दे चुके हैं तथा मृतकों के परिजनों को दोकृदो लाख के मुआवजे की घोषणा कर चुके हैं।