बड़कोट मदन पैन्यूली:जनपद उत्तरकाशी के तहसील अन्तर्गत विकासखडं नौगांव मुंगरसंन्ति का गैर गांव अभी विकास की राह देख रहा है जी हां आजाद भारत में 70 साल बाद भी यह गांव अभी भी वह जंग झेल रहा है जो गुलामी में भी नहीं झेली थी?
ग्रामीण आज मूलभूत जरुरतों का सामना करने में मजबूर हैं अब आप भी सोच रहे होंगे कि यह कैसा गांव है?
जहां बिमार को सड़क तक पहुँचने में कितनी परेशानी होती है यहां के ग्रामीण ही जानते है अनेकों बार तो बिमार यहां दम तोड़ चुका है लेकिन सुध कोई नहीं लेता?
यहां दो सरकारी विधालय हैं लेकिन शिक्षक आने के लिये यहां तैयार नहीं है? यहांतक कि ग्राम पंचायत में हो रहे विकास कार्यों की भी यहां समीक्षा मौके पर नहीं होती जब कर्मचारी अधिकारी आने की हिम्मत ही ना करें तो कैसे होगी ?
आज भी आजाद भारत में स्थिति यह है और सरकार जो विकास का वादा कर रही है? हमने गैर गांव के ग्रामीण से मुलाकात की तो ग्रामीण आपबीती सुननाने लगे तो आप हैरान होंगे कि लोग यहां कैसे अपनी मूलभूत जरूरतों को पुरा करते होंगे सवाल है?
आपको यह भी बतादें कि ग्रामीण अनेकानेक बार उत्तराखंड सरकार से गुहार लगा चुके हैं लेकिन कोई सुने तो तब कार्यवाही न होगी ?
यहां की काश्तकारी यातायात व्यवस्था ना होने से दम तोड़ रही है सेब के बागवान परेशान हैं? कफनौल दारसौं गैर गन्ना खेतू और दशमी पट्टी सहित ग्रामीण के सामने रोजी रोटी का संकट गहरा गया है नगदी फसलों पर ग्रहण जैसी स्थिति हो गई है तो कैसे रूकेगा पलायन आखिर वजह यही है जिससे आज गांव खाली हो रहे हैं?
आखिर कागजों में कब तक होगा विकास सवाल सरकार के लिए कई मायने में अहम है?
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Fri Apr 19 , 2019