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बड़ो के हाल प्रधानमंत्री का दीर्ध- दीर्घउत्तरीय इंटरव्यू, मगर तस्वीर पुरानी

Pahado Ki Goonj

 चन्द्रशेखर पैन्यूली, देहरादून:आज टाइम्स आफ इंडिया में प्रधानमंत्री मोदी का दस एकड़ में इंटरव्यू छपा है। पूरा दो पन्ना। तीन लोगों ने यह इंटरव्यू किया है। दिवाकर, राजीव देशपांडे और राजेश कालरा। जब तीन लोग गए ही थे तो एक फ़ोटोग्राफ़र भी साथ ले जाते। कम से कम इंटरव्यू की तस्वीर तो दिखती। ऐसा तो हो नहीं सकता कि प्रधानमंत्री एक अखबार से तीन लोगों को बुलाएँ और फ़ोटोग्राफ़र को न आने दें। ख़ासकर जब वे कैमरे के एंगल का ध्यान फ़ोटोग्राफ़र से ज़्यादा ख़ुद रखते हों। हो सकता है कि चुनाव प्रचार के कारण प्रधानमंत्री थके दिखते हों को आज की जगह पुरानी चमकदार तस्वीर लगाई जाए। प्रधानमंत्री छवि प्रबंधन को लेकर काफ़ी सतर्क रहते हैं। पुरानी तस्वीरों के साथ नया इंटरव्यू जमा नहीं।

इस इंटरव्यू में कुल 26 सवाल पूछे गए हैं। कई सवालों के जवाब से लगता है कि प्रधानमंत्री ने इस इंटरव्यू के लिए अपनी रैली कैंसिल कर दी हो। पूरे दिन इन्हीं तीन संवाददाताओं से बात करते रहे हों। एक एक जवाब एक सम्पादकीय लेख जितना बड़ा है। ऐसे समय में जब वे लगातार रैलियाँ कर रहे हैं, उसके लिए लंबी यात्राएँ कर रहे हैं, उनके पास एक सवाल का इतना लंबा जवाब देने के लिए वक्त है! वे कई चैनलों और अख़बारों को एक्सक्लूसिव इंटरव्यू भी दे रहे हैं।

टाइम्स आफ इंडिया का इंटरव्यू वाक़ई बहुत बड़ा है। कोई काउंटर सवाल नहीं है। बल्कि किसी को सभी इंटरव्यू में प्रधानमंत्री से पूछे गए सवालों का संकलन छापना चाहिए। उसमें सिर्फ सवाल हों। पत्रकारिता के छात्र अगर इस पर प्रोजेक्ट करें तो वे काफ़ी कुछ सीखेंगे। सारे सवालों को कॉपी पेस्ट करके एक जगह रखना है और फिर देखना है कि क्या इनके बीच कोई नया पैटर्न दिखता है।

बहरहाल इस दीर्घउत्तरीय इंटरव्यू को पढ़ने में कहीं चुनाव न निकल जाए। ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री को किसी ने लिखित प्रश्न भेज दिया हो और वहाँ से किताब छप कर आ गई हो! ये तो मज़ाक़ हो गया मगर इंटरव्यू के समय की तस्वीर होती तो अच्छा रहता। आख़िर चुनावी सभाओं में लोग प्रधानमंत्री को थका हुआ भी देखते हैं और तब भी पसंद करते हैं।

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