देहरादून: उत्तराखंड विधानसभाअध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल ने जलियांवाला बाग हत्याकांड के 100वीं बरसी पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि जलियांवाला बाग़ किसी भी पवित्र और महान जगह से कम नहीं है और जहाँ सैकड़ों वीरों ने भारत माता के लिए अपना रक्त बहाया था।जलियांवाला बाग़ हत्याकांड के सभी शहीदों को नमन,उनके बलिदान और साहस को कभी भुलाया नहीं जा सकता। भारत उन क्रांतिकारियों की कर्मभूमी है, जिन्होंने अपने प्राणों की परवाह किये बिना देश के लिए अपने को न्यौछावर कर दिया।
जलियांवाला बाग हत्याकांड ब्रिटिश भारत के इतिहास का काला अध्याय है. आज से 100 साल पहले 13 अप्रैल, 1919 को अंग्रेज अफसर जनरल डायर ने अमृतसर के जलियांवाला बाग में मौजूद निहत्थी भीड़ पर अंधाधुंध गोलियां चलवा दी थीं. इस हत्याकांड में 1,000 से ज़्यादा लोग मारे गए थे, जबकि 1,500 से भी ज़्यादा घायल हुए थे. जिस दिन यह क्रूरतम घटना हुई, उस दिन बैसाखी थी. इसी हत्याकांड के बाद ब्रिटिश हुकूमत के अंत की शुरुआत हुई. इसी के बाद देश को ऊधम सिंह जैसा क्रांतिकारी मिला और भगत सिंह के दिलों में समेत कई युवाओं में देशभक्ति की लहर दौड़ गई.
जलियांवाला बाग के सौ साल पूरे होने पर इस साल क्रूरता भरे नरसंहार को शोक के तौर पर मनाने व जनरल डायर की गोलियों का निशाना बने लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए इस बार शताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है।